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सोनाली की टीवी पर वापसी

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इंडियाज बेस्ट ड्रामेबाज, क्या मस्ती क्या धूम, इंडियाज गोट टेलेंट, जैसे शो में बतौर जज काम किया है। वही वे टीवी शो मिशन सपने को भी होस्ट कर चुकी है। अब एक बार फिर से सोनाली का रुख टीवी सीरियल की और हुआ है। खबर है कि अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे छोटे पर्दे पर वापसी कर सकती हैं। जल्दी ही उन्हें अपने से 12 साल छोटे शशांक व्यास की मां के रोल में देखा जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टार प्लस ने सोनाली को सीरियल ‘जाना न दिल से दूर’ के लिए अप्रोच किया है और उन्हें भी रोल पसंद आ आ गया है। हालांकि, अभी तक किसी तरह की आधिकारक घोषणा नहीं की गई है। गौरतलब है कि सोनाली एक्ट्रेस से टीवी एक्ट्रेस बन चुकी सोनाली बेन्द्रे जिन्होंने वर्ष 2013 में प्रदर्शित फिल्म ‘वंस अपोन ए टाइम इन मुंबई’ से कम बैक किया है। सोनाली बेन्द्रें ने हिंदी फिल्मों के अलावा तमिल, तेलगु, कन्नड़ और मराठी फिल्मों में भी काम किया है। इसके साथ ही सोनाली ने टीवी की दुनिया में भी अपना कदम रखा और सबसे और एक टीवी अभिनेत्री के तौर पर सबसे ज्यादा पैसे लेने वाली कलाकार बनी. उन्होंने टीवी सीरियल अजीब दासतां है ये’।


अनुदामिनी की टीवी पर वापिसी

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दूरदर्शन शो अनुदामिनी की वापिसी एक बार फिर से हुई। शो की कहानी विस्तार के इसमें कई ज्वलंत मुददों को भी उठाया गया । इन दिनों निर्माता राजेश कुमार जैन के मुताबिक अनुदामिनी ने दो सौ कडियों का आंकडा पिछले साल ही पूरा कर किया था। अब नई कहानी और उसका मजबूत कन्सेप्ट दर्शकों को लुभा रहा हैं। शो की कहानी एक ग्रामीण युवती मुमंई महानगर में रहते हुए अपने परिवार के प्रति दायित्व निभाती है,जबकि उसका पति, नफरत करता हैं।

कैंसर मृत्यु दर में तेज़ी से गिरावट के बगैर 2030 के वायदे पूरे करना संभव नहीं

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विश्व कैंसर दिवस 2017 पर सरकार को यह मूल्यांकन करना जरुरी है कि विभिन्न प्रकार के कैंसर की दर कितनी तेज़ी से कम हो रही है ताकि भारत सरकार अपने वायदे अनुसार, 2030 तक कैंसर मृत्यु दर में एक-तिहाई गिरावट ला सके (सतत विकास लक्ष्य या एस.डी.जी.).



कैंसर-सम्बंधित शर्मिंदगी पर चुप्पी तोड़ना जरुरी
लखनऊ की वरिष्ठ शिक्षाविद् और स्तन-कैंसर पर सफलतापूर्वक विजय पा चुकीं नीता मलिक ने इस बात को पुरजोर रूप से कहा कि कैंसर की अविलम्ब सही जांच और उपचार सभी जरुरतमंदों को उपलब्ध कराया जाना एक जन-स्वास्थ्य प्राथमिकता है. महिलाओं में (और पुरुषों और हिजड़ा-समुदाय में भी) स्तन-कैंसर के प्रति जागरूकता पूर्ण रूप से फैलानी चाहिए जिससे कि सभी को स्तन कैंसर के प्रारंभिक लक्षण, नियमित स्व-जांच और आवश्यकतानुसार चिकित्सकीय जांच और उपचार सम्बन्धी सही जानकारी मिल सके. इसके साथ यह भी आवश्यक है कि चिकित्सा-शोध कार्य रफ़्तार पकड़े ताकि कैंसर की पक्की जांच और कम-कष्टदायक व अधिक प्रभावकारी उपचार लोगों को मिल सके. नीता मलिक ने अपने निजी अनुभव को साझा करते हुए कहा कि महिलाओं को कैंसर के बारे में किसी भी प्रकार की झिझक या शर्मिंदगी नहीं महसूस करनी चाहिए और खुल कर बात करनी चाहिए ताकि जरूरतमंद महिलाओं को बिना समय गँवाए सही जांच और उपचार मिल सके.

जिन कैंसर से बचाव मुमकिन है हम उन्हें क्यों नहीं रोक पा रहे?
स्वास्थ्य को वोट अभियान से जुड़ी वरिष्ठ सलाहकार और लोरेटो कान्वेंट की पूर्व वरिष्ठ शिक्षिका शोभा शुक्ला ने कहा कि “यह अत्यंत शोचनीय है कि जिन कैंसर से बचाव मुमकिन है हम उन्हें भी रोक नहीं पा रहे हैं. उदहारण के लिए तमाम प्रकार के तम्बाकू जनित कैंसर लाखों लोगों का जीवन नष्ट कर रहे हैं जो चिंताजनक है. प्रभावकारी तम्बाकू नियंत्रण से न केवल तम्बाकू जनित कैंसर दर पर अंकुश लगेगा बल्कि अन्य तम्बाकू जनित जानलेवा रोग भी कम होंगे जैसे कि ह्रदय रोग और पक्षाघात, आदि.” प्रख्यात तम्बाकू नियंत्रण विशेषज्ञ और इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टीबी एंड लंग डीजीस से जुड़ी ऐनी जोंस ने कहा कि 20% से अधिक कैंसर से मृत्यु का कारण तम्बाकू है. तम्बाकू से फेफड़े के कैंसर समेत 14 प्रकार के अन्य कैंसर का खतरा भी बढ़ता है.

टीबी और फेफड़े के कैंसर: लक्षण समान लग सकते हैं
भारत के फेफड़े कैंसर शोध संस्था के सचिव और पीजीआई चंडीगढ़ के फेफड़े के कैंसर विशेषज्ञ डॉ नवनीत सिंह ने कहा कि टीबी और फेफड़े के कैंसर दोनों की पक्की जांच होनी जरुरी है. यदि टीबी की पक्की जांच नहीं हो पा रही हो तो टीबी की दवा नहीं शुरू करनी चाहिए और रोगी को फेफड़े के कैंसर की जांच उपलब्ध करवानी चाहिए जैसे सीटी स्कैन, ऍफ़एनएसी, बाइओप्सी, ब्रोंकोस्कोपी आदि. डॉ नवनीत सिंह के फेफड़े के कैंसर रोगियों में 85% लोग स्टेज 3बी/4 पर जांच के लिए आते हैं जब उपचार फिलहाल संभव नहीं है. इसीलिए समय से जांच और अविलम्ब सही उपचार सबको मिलना अत्यंत आवश्यक है.

सामयिकी : रानी पद्मिनी उर्फ़ पद्मावती और संजय लीला भंसाली

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राजस्थान की राजधानी जयपुर में 27 फरवरी शुक्रवार को रानी पद्मावती पर फिल्म बना रहे बॉलीवुड निर्देशक संजय लीला भंसाली की टीम पर करणी सेना के लोगों ने धावा बोल दिया और संजय लीला भंसाली को भी करणी सेना के कार्यकर्ताओं में से एक ने थप्पड़ मार दिया । करणी सेना के लोगों का आरोप है कि भंसाली अपनी फिल्म में रानी पद्ममिनी (पद्मावती) के जीवन से जुड़े तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं । उल्लेखनीय है कि रानी पद्मावती के पतिव्रत धर्म और अपनी सम्मान के लिए सती हो जाने की कथा को गौरव के साथ याद किया जाता है और पद्मिनी के जीवन को आज भी राजस्थान में पढ़ाया जाता है, और उन्हें देश का गौरव बताया जाता है । देश -विदेश से आने वाले पर्यटकों को पद्मावती की कथा के साक्षी रहे चित्तौड़गढ़ के किले में वह स्थान दिखाए, बताए और समझाए जाते हैं जहां पर सुल्तान अल्लाउद्दीन खिलजी ने रानी पद्मावती को देखा था। ऐसी महान रानी पद्मावती की पवित्र गाथा पर भंसाली की चारित्रिक हनन की खिलवाड़ को राजस्थान के लोगों ने कतई स्वीकार नहीं किया और उन्हें ठोंक दिया । इस घटना के बाद में देश में एक बार पुनः ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़- मरोड़कर फिल्मकारों के द्वारा प्रस्तुत कर भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के प्रयास पर बहस चल पड़ी है । लोगों का कहना है कि संजय लीला भंसाली ऐसे फिल्मकार हैं, जिन्होने लुप्त हो गए इतिहास को स्क्रीन पर उतारा हैं जिनकी वज़ह से भारत के वे पन्ने फिर ताजा हो जाते हैं जिन्हें लोग भूल चुके हैं, परन्तु उन्हें इतिहास को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत कर लोगों की मानसिकता को चोट पहुँचने का कोई अधिकार नहीं ।किसी भी देश के इतिहास को तोडना मरोड़ना उसके गौरव के साथ खिलवाड़ हैं । अभिव्यक्ति के नाम पर किसी को भी किसी दुसरे व्यक्ति की अवधारणाओ को तोडना मरोड़ना आस्था व विश्वास को ठेस पहुंचाना ,मजाक उडाना ये भी तो ठीक नहीं ।संजय लीला भंसाली के समर्थक कहते हैं, भंसाली के साथ जो भी हुआ वो दुर्भाग्य पूर्ण है इसलिए कि अभी फिल्म बन कर ही कहाँ तैयार हुई हैं ?फिल्म बनाने के बाद वो अभी सेंसर बोर्ड में जायेगी वहां खुद ही फैसला हो जाता की सही क्या गलत क्या ? इस वाद-विवाद के मध्य इस ऐतिहासिक परम सुन्दरी रानी पद्मिनी, जिसे पद्मावती भी कहा जाता है, के संदर्भ में ऐतिहासिक तथ्यों को जान लेना भी समीचीन जान पड़ता है । और इस पर विचार करना भी भी आवश्यक है कि अपनी स्वाभिमान की रक्षा हेतु प्राण न्योछावर करने वाली पतिव्रता महिलाओं को चंद पैसों के लिए उनकी इज्जत नीलाम कर हमारे स्वर्णिम इतिहास को कलंकित करने की हिमाकत करने को आत्माभिव्यक्ति का अधिकार कह उचित ठहराया जा सकता है क्या?


हमारे मध्यकालीन इतिहास में अनेक भ्रांतियां व्याप्त हैं , इसका कारण है कि इस काल की अधिकांश बातें उस काल के राजे-महाराजे व बादशाहों के अपने इतिहास लिखने वालों के द्वारा ही लिखी गई प्राप्य हैं। फिर भी इतिहास में पद्मिनी के सम्बन्ध में यत्र-तत्र अनेक विवरण प्राप्त होते हैं ।मल्लिक मुहम्मद जायसी ने अपने पद्मावत नामक ग्रन्थ में रानी पद्मिनी के बारे में लिखा है-

तन चितउर, मन राजा कीन्हा ।
 हिय सिंघल, बुधि पदमिनि चीन्हा ॥
गुरू सुआ जेइ पंथ देखावा । 
बिनु गुरु जगत को निरगुन पावा ॥
नागमती यह दुनिया-धंधा ।
 बाँचा सोइ न एहि चित बंधा ॥
राघव दूत सोई सैतानू । 
माया अलाउदीन सुलतानू ॥
प्रेम-कथा एहि भाँति बिचारहु । 
बूझि लेहु जौ बूझै पारहु ॥

इस कविता के अनुसार रानी पद्मिनी या पद्मावती चितौड़ के राजा राणा रतन सिंह की पत्नी थी और समकालीन सिंहली अर्थात श्रीलंका का एक द्वीप के राजा की बेटी थी। रानी पद्मिनी को उनके अपार दिव्य सौन्दर्य के लिए जाना जाता था और आज भी उनके सुन्दरता के विषय में अनेक कथाएं इतिहास में उल्लेख है। रानी पद्मिनी जौहर अर्थात आत्मदाह करने के कारण भी प्रसिद्ध है। सन 1303 में अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ पर हमला कर दिया था उस समय पद्मावती ने जौहर कर लिया । रानी पद्मावती की कथा के साथ  गोरा और बादल जैसे सेनानायक सरदारों की वीरता की कहानियां भी जुडी हुई हैं । रानी पद्मिनी चित्तौड़गढ़ के राजा रतन सिंह की पत्नी थीं ।और दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी उनकी सुंदरता पर मोहित था । ऐतिहासिक तथ्य बताते हैं कि बारहवीं -तेरहवीं  सदी में दिल्ली पर सल्तनत का राज था । विस्तारवादी नीति के तहत सुल्तान ने अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए मेवाड़ पर कई आक्रमण किए । इन आक्रमणों में से एक आक्रमण अलाउदीन खिलजी ने सुंदर रानी पद्मिनी उर्फ़ पद्मावती को पाने के लिए किया था । अलाउदीन के स्वयं के इतिहासकारों ने यह कहानी अपनी पुस्तकों में लिखी है । 

कथा के अनुसार सिंहल के राजा गंधर्वसेन के यहाँ एक सुंदर कन्या का जन्म हुआ था उसका नाम पद्मिनी रखा गया और उसकी माता का नाम चंपावती था। पद्मिनी को पद्मावती भी कहा जाता है। रानी पद्मिनी बचपन से ही बहुत सुंदर थी और बेटी के बड़ी होने पर उसके पिता ने रिवाज के अनुसार उसका स्वयंवर आयोजित किया और इस स्वयंवर में उसने सभी हिन्दू राजाओं को आमंत्रित किया ।चितौड़गढ़ के राजा रावल रतन सिंह पूर्व से ही अपनी एक पत्नी नागमती होने के बावजूद स्वयंवर में भाग लिए थे । और राजा मलखान सिंह को हराकर स्वयम्बर जित रानी पद्मिनी से विवाह किया कर पद्मिनी के साथ वापस चितौड़ लौट गए । चित्तौड़ के राजपूत राजा रावल रतन सिंह (रतन सिंह)  एक अच्छे शासक और पति होने के अलावा कला के संरक्षक और कलाप्रेमी थे उनके यहाँ चारण भाटो,गायकों संगीतकारों का अच्छा ख़ासा जमावड़ा था ।उनके दरबार में कई प्रतिभाशाली लोग थे जिनमें से राघव चेतन संगीतकार भी एक था, जो अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराने के लिए कुछ भी कर गुजरता था । राघव चेतन एक जादूगर भी हैं, यह लोगों को पता नहीं था । वह अपनी प्रतिभा का उपयोग दुश्मन को मार हराने में,गिराने में करता था । कहा जाता है कि एक दिन राघव चेतन का बुरी आत्माओं को बुलाने का काम चल रहा था और वह रंगे हाथों पकड़ा गया ।इस बात का पता चलते ही रावल रतन सिंह ने उसे गधे पर बैठा कर सारा राज्य घुमाने और फिर अपने राज्य से बाहर निकाल देने का आदेश दिया । रतन सिंह की इस सजा के कारण राघव चेतन उसका दुश्मन बन गया। अपने अपमान का बदला लेने के लिए राघव चेतन दिल्ली चला गया। और इसके लिए वह अपने बड़े भाई को मारकर गद्दी पर बैठने वाले अलाउद्दीन खिजली के पास जाने की सोची। वहां, राघव चेतन एक जंगल में रुक गया जहां पर सुल्तान शिकार के लिये जाया करते थे ।एक दिन जब उसको पता चला कि सुल्तान शिकार के लिए जंगल में आ रहे हैं तो राघव चेतन ने अपनी कला, यानी बांसुरी बजानी प्रारम्भ कर दी । बांसुरी में माहिर राघव चेतन की कला को पहचानते हुए खिलजी ने अपने सैनिकों से उसे अपने पास लाने को कहा । उसके आने पर सुल्तान ने राघव चेतन की प्रशंसा करते हुए उसे अपने दरबार में आने को कहा । राघव चेतन को अपने मकसद में कामयाबी का रास्ता मिल गया और उसने एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश शुरू कर दी । अपनी कला के जरिए खिलजी के दरबार में पहुंचा तो दूसरे रतन सिंह से बदले के लिए खिलजी को उकसाने लगा । बदले की आग में जल रहे इस संगीतकार ने दिल्ली के शासक अलाउद्दीन खिजली के सामने सिंहल दीप की इस रानी के सौन्दर्य की ऐसी प्रशंसा की ऐसी पुल बाँधी कि जिसे सुन कर अलाउद्दीन खिजली के मन में रानी पद्मिनी से मिलने की इच्छा जाग पड़ी और चित्तौड़ जाने के लिए लालायित हो गया ।राजपूतों के बारे में खिलजी पहले से ही जानता था और इसलिए उसने अपनी सेना को चित्तौड़ कूच करने को कहा । खिलजी का सपना रानी पद्मिनी को अपने हरम में रखना था ।तारीफ सुनने के बाद बेचैन सुल्तान खिलजी रानी पद्मिनी की एक झलक पाने को बेताब था । चित्तौड़गढ़ किले की घेरेबंदी के बाद खिलजी ने राजा रतन सिंह को ये कहकर संदेशा भेजा कि वह रानी पद्मिनी को अपनी बहन समान मानता है और उससे मिलने का निवेदन किया ।रानी पद्मिनी को पाने की चाह में उतावला सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी राजा रावल रतन सिंह के राज्य में मेहमान के तौर पर गया । वहां उसने राजा रतन सिंह से दिव्य सुंदरी रानी पद्मिनी को देखने का निवेदन किया पर रानी ने इसको पूरी तरीके से नकार दिया क्योंकि धर्मानुसार अपने पति को छोड़ कर किसी भी अन्य पुरुष को मुंह दिखाना नियम के विरुद्ध था। काफी कोशिश के बाद रानी एक शर्त के साथ मान तो गयी पर उनकी शर्त थी की उनके चेहरे को सुल्तान आईने से पानी में पड़ रही प्रतिविम्ब में देखेंगे ना की सीधे और वो भी 100 दासियों और राजा रावल रतन सिंह के सामने। खिलजी ने भी अपनी सहमती दे दी ।शर्त के अनुसार उनकी चेहरे को सुल्तान सीधे नहीं देखेंगे इसलिए महल में लगे आईने से पानी में पड़ने वाली प्रतिविम्ब राजा रावल रतन सिंह और सौ दासियों की समक्ष दिखलाने की व्यवस्था की गई।अलाउद्दीन खिजली उस दिन किले में अपने कुछ महत्वपूर्ण ताकतवर सैनिकों के गया । उसने जब रानी के चेहरे को आईने से प्रतिविम्बित हो पानी में पड़ने वाली परछाई में देखा तो मदहोश हो गया ,अब दिल्ली के सुलातन के दिल में बस रानी को पाने की चाह थी । उसी दिन अपने कुछ सैनिको की सहायता से छल से उसने राजा रावल रतन सिंह का अपरहण कर लिया और बदले में रानी पद्मावती की मांग की ।इधर किले में चौहान राजपूत सेनापति गोरा और बादल ने सुल्तान को हराने के लिए एक योजना बनाई और खिलजी को संदेशा भेजा कि अगली सुबह पद्मिनी को सुल्तान को सौंप दिया जाएगा । योजना के अनुसार अगले दिन सुबह भोर होते ही डेढ़ पालकियां किले से खिलजी के शिविर की तरफ रवाना की गईं । पालकियां वहां रुक गई जहां पर रतन सिंह को बंदी बनाकर रखा गया था । अचानक इन पालकियों से सशस्त्र सैनिक निकले और अल्लाउद्दीन खिलजी से युद्ध कर रतन सिंह को छुड़ा लिया और खिलजी के अस्तबल से घोड़े लेकर भाग निकले। बताया जाता है कि गोरा इस मुठभेड़ में बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुआ जबकि बादल, रतन सिंह को छुड़ाकर सुरक्षित किले में तक ले गए ।


अपने को अपमानित और धोखे में महसूस करते हुए सुल्तान ने गुस्से में आकर अपनी सेना को चित्तौड़गढ़ किले पर आक्रमण करने का आदेश दिया । किला मजबूत था और सुल्तान की सेना किले के बाहर ही डट गई । खिलजी ने किले की घेराबंदी कर दी और किले में खाद्य आपूर्ति धीरे-धीरे समाप्त हो गई । युद्ध के लम्बा खींचने से मजबूरी में रतन सिंह ने द्वार खोलने का आदेश दिया और युद्ध के लिए ललकारा । रतन सिंह की सेना अपेक्षानुसार खिलजी के लड़ाकों के सामने ढेर हो गई और खुद रतन सिंह वीरगति को प्राप्त हुए । यह सूचना पाकर रानी पद्मिनी (पद्मावती) ने चित्तौड़ की औरतों से कहा कि अब हमारे पास दो ही विकल्प हैं, या तो हम जौहर कर लें या फिर विजयी सेना के समक्ष अपना निरादर सहें । इस पर सभी महिलाओं ने एक राय बना एक विशाल चिता जलाई गई और 26 अगस्त 1303 को रानी पद्मिनी ने अपने आपको जौहर की अग्नि में सौंप दिया उसके बाद चित्तौड़ की सारी औरतें उसमें कूद गईं और इस प्रकार दुश्मन बाहर खड़े देखते रह गए । जिन महिलाओं ने जौहर किया उनकी याद आज भी लोककथाओं व लोक गीतों में जीवित है जिसमें उनके कार्य का क्रमशः गौरव का बखान व गान किया जाता है ।

एक वीरांगना के इस अतुल्य बलिदान पर संजय लीला भंसाली द्वारा बनाये जा रहे फिल्म का थीम है अलाउद्दीन और रानी पद्मावती का प्रेम । भंसाली को शायद रानी पद्मावती की कहानी और पतिव्रता स्त्री की शक्ति तथा देश में उनकी महता व स्थिति के बारे में शायद पता नहीं इसीलिए खिलजी की वासना और दुश्चरित्रता को एक प्रेम कहानी दिखा रहे हैं । बहरहाल इस विवाद के मध्य यह प्रश्न उत्पन्न होना स्वाभाविक हो जाता है कि इतिहास के ऐसे संवेदनशील विषय पर कला के नाम पर विवाद पैदा कर हिंदू मुस्लिमों में अराजकता फैलाने शांति भंग करने का दोषी मानकर क्यूँ नहीं इन्हें सजा दी जाए ताकि कोई ताकि भविष्य में कोई धन लोलुप अपनी इज्जत के लिए सती हो जाने वाली रानी पद्मिनी जैसी पवित्रतम चरित्र को कलंकित करने जैसी कार्य करने की जुर्रत न कर सकें ?





(सुवर्णा सुषमेश्वरी)

चौधरी मुनव्वर सलीम की क़लम से : "मैं हिन्दोस्तान हूँ ....! "

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मैं हिन्दोस्तान हूँ,हिमालय मेरी सरहद का पासबान है |गंगा मेरी पाकीज़गी का ऐलान करती है | ग़रीब नवाज़ और गुरु नानक मेरे बाशिंदों को दरवेशी और मोहब्बत का सन्देश देते हैं | महात्मा गांधी और सीमान्त गांधी विश्वास का महल तैय्यार कर के अमन से रहने का विचार सींचते हैं | मुझे कोई भारत माता कह कर श्रद्धा का नारा बुलंद करता है,कोई मादरे वतन कहकर मुझसे अक़ीदत का एलान करता है | मुझे तलाशते हुए कभी समुन्द्रों के रास्ते क़ाफ़िले आते रहे हैं,कभी मेरे पास अपना सांस्कृतिक पैग़ाम लेकर आरियन और दर-ए-खैबर से चलकर लश्कर और क़बीले आते रहे हैं | मुझे भी सभी रंगों,संस्कृतियों और धर्मों से उतना ही प्यार है जितना माँ को स्वाभाविक होता है | लेकिन मेरे आग़ोश में रहने वाले मेरे बच्चों के साथ जब कोई ज़ुल्म और नाइंसाफी होती है तो उस वक़्त मेरी चीखों को सिवाए आसमान वाले के कोई ज़मीन वाला नहीं सुनता है ! मैं इन दिनों लहूलुहान हूँ चुंकी मेरे उन बच्चों को सताया जा रहा है जिन्होंने किसी भी विषम परिस्थिति में तथा किसी भी उन्मादी नारे को मेरी मोहब्बत की ख़ातिर नहीं सुना और मुझे ही बाआवाज़-ए-बुलंद मादरे वतन तुझे सलाम कहा |


आज कुछ लोग ताक़त और तादाद के नशे में चूर हो कर मेरे उन्हीं बच्चों को खून के आंसू रुला रहे हैं जिनकी नस्लों ने फिरंगियों से मुझे और मेरी तहज़ीब को लुटने से बचाने के लिए मौत से इश्क़ किया था | मैं अपना इतिहास खुद वक़्त के ज़ालिमों को बताने के लिए मजबूर हूँ | मैंने तकब्बुर को जब ज़मीं दोज़ करने की ठानी तब मुट्ठी भर यानी केवल पांच सपूतों को आशीर्वाद देकर घमंड को चकनाचूर कर दिया था | जब बादशाहों और राजाओं ने अपनी ताक़त के ज़ोम में डूबकर मेरे मासूम बच्चों को हाथियों के पैरों और घोड़ों की टापों से रौंदना शुरू कर दिया था तो आज उन ज़ालिमों की संताने ढूंढने से भी नहीं मिलती है | गौरों ने जब मेरे मासूम बच्चों को अपनी ज़्यादती का शिकार बनाया तो जिन अंग्रेजों के शासन में सूर्य अस्त नहीं होता था उन गौरों के अहंकार को अपने आशर्वाद से मेरे बूढ़ों,जवानों और महिलाओं ने नेस्त ओ नाबूद कर दिया था | मैं आज फिर उन तमाम अहंकारी किरदारों को चेता रही हूँ कि तुम धर्म,जाती,गौत्र और भाषा के नाम पर ज़ुल्म बंद कर दो वरना मैं ऐसा श्राप दूंगी जिससे कुछ भी बाक़ी नहीं बचेगा | चुंकी मैं भारत माँ हूँ.............!

विशेष : कैसे लोकतंत्र दागी राजनीति से मुक्त होगा?

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लोकतंत्र में शासनतंत्र की बागडोर जनता द्वारा चुने गए सांसदों एवं विधायकों के हाथों में होती है। भारतीय लोकतंत्र की यह दुर्बलता है कि यहां सांसदों-विधायकों का चुनाव अर्हता, योग्यता एवं गुणवत्ता के आधार पर न होकर, व्यक्ति, दल या पार्टी के धनबल, बाहुबल एवं जनबल के आधार पर होता है। यही कारण है कि राजनीति अपराधमुक्त नहीं बन पा रही है और इससे लोकतंत्र लगातार दूषित होता रहा है। हाल ही में पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन दस वर्ष की जेल के बाद जब विशेष केंद्रीय कारागार से बाहर आये तो फूलों के गुलदस्ते लिये, झंडे फहराती, नारे लगाती एक विशाल भीड़ एवं कारो-गाड़ियों का काफिला उनका स्वागत कर रहा था। इस तरह शहाबुद्दीन के जमानत पर जेल से छूटने पर हजारों की भीड़ का स्वागत में जुटना देश के समूचे राजनीतिक चरित्र पर प्रश्नचिन्ह खड़े करता है। क्योंकि यदि कोई शहाबुद्दीन निरपराध है तो दस साल तक जेल में क्यों रहा? और यदि अपराधी है तो उसे सजा मिलने में इतनी देर क्यों हो रही है ? और भी गंभीर प्रश्न है कि आखिर एक जमानत पर रिहा व्यक्ति को इतना महिमामंडित किये जाने की क्या आवश्यकता थी? बात केवल किसी शहाबुद्दीन की ही नहीं है बल्कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की भी है जिसके ईमानदार विधायक और नेता कैसे चंद महीनों में ही दागी होते जा रहे हैं। जबकि पार्टी लगातार ये दावा करती रही है कि पार्टी में आने वाले हर नेता को गंभीर और गहन जांच के बाद ही टिकट दिया गया। लेकिन, अब अरविन्द केजरीवाल की इसी गंभीर और गहन जांच पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। केवल आम आदमी पार्टी ही नहीं, लगभग हर पार्टी से जुड़े आपराधिक नेताओं पर भी ऐसे ही सवाल समय-समय पर खड़े होते रहे हैं। कब हम राजनीति को भ्रष्टाचार एवं अपराध की लम्बी काली रात से बाहर निकालने में सफल होंगे। कब लोकतंत्र को शुद्ध सांसें दे पायेंगे? कब दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र स्वस्थ बनकर उभरेगा?


लोकतंत्र की बुनियाद है राजनीति जिसकी जनता की आंखों में पारदर्शिता होनी चाहिए मगर आज राजनीति ने इतने मुखौटे पहन लिये हैं, छलनाओं के मकड़ी जाल इतने बुन लिये हैं कि उसका सही चेहरा पहचानना आम आदमी के लिए बहुत कठिन हो गया है। पिछले सात दशकों में जिस तरह हमारी राजनीति का अपराधीकरण हुआ है और जिस तरह देश में आपराधिक तत्वों की ताकत बढ़ी है, वह लोकतंत्र में हमारी आस्था को कमजोर बनाने वाली बात है। राजनीतिक दलों द्वारा अपराधियों को शह देना, जनता द्वारा वोट देकर उन्हें स्वीकृति और सम्मान देना और फिर उनके अपराधों से पर्दा उठना, उन पर  कानूनी कार्यवाही होना-ऐसी विसंगतिपूर्ण प्रक्रियाएं हैं जो न केवल राजनीतिक दलों को बल्कि समूची लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को शर्मसार करती हैं। आज कर्तव्य से ऊंचा कद कुर्सी का हो गया। जनता के हितों से ज्यादा वजनी निजी स्वार्थ बन गया। राजनीतिक-मूल्य ऐसे नाजुक मोड़ पर आकर खड़े हो गए कि सभी का पैर फिसल सकता है और कभी लोकतंत्र अपाहिज हो सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीतिक शुद्धीकरण का नारा लगाया था और केजरीवाल को तो इसी के बल पर ऐतिहासिक जीत हासिल हुई है। फिर आप के नेताओं पर अपराध के आरोप क्यों लग रहे हैं? भाजपा के इतने मंत्री आरोपी क्यों है? राजनीति का शुद्धीकरण होता क्यों नहीं दिखाई दे रहा? चुनाव-प्रचार के दौरान लम्बे-लम्बे अपराधमुक्त राजनीति के नारे क्या मात्र दिखावा थे? क्या उस समय कही गयी बातें केवल चुनाव जीतने का हथियार मात्र थी?  सोलहवीं लोकसभा के चुनावों में इस बार अपराधमुक्त राजनीति का नारा सर्वाधिक उछला, सभी दलों एवं राजनेताओं ने इस बात पर विशेष बल दिया कि राजनीति अपराध मुक्त हो। लेकिन हुआ इसका उलट। नयी बनी लोकसभा में पन्द्रहवीं लोकसभा की तुलना में आपराधिक सांसदों की संख्या बढ़ी ही है। आखिर क्यों सरकार इस दिशा में कुछ कर नहीं रही? और विपक्ष भी क्यों चुप है इस मामले में? क्या इसलिए कि सबके दामन पर दाग है? कब तक बाहुबल, धनबल की राजनीति लोकतंत्र को कमजोर करती रहेगी?  बात सिर्फ किसी एक शहाबुद्दीन के जमानत पर छूटने की या आम आदमी पार्टी के नेताओं पर लग रहे दागों की नहीं है, बात उन ढेर सारे राजनेताओं की भी है जो गंभीर आरोपों के बावजूद हमारी विधानसभाओं में, हमारी संसद में, यहां तक कि मंत्रिमंडलों में भी कब्जे जमाये बैठे हैं। कब तक दागी नेता महिमामंडित होते रहेंगे?  

एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत के 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कुल 609 मंत्रियों में से 210 पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। इनमें हमारे केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य भी शामिल हैं। विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य एवं वहां के मंत्रियों पर भी गंभीर आपराधिक मामलें हैं, फिर भी वे सत्ता सुख भोग रहे हैं। इस तरह का चरित्र देश के समक्ष गम्भीर समस्या बन चुका है। हमारी बन चुकी मानसिकता में आचरण की पैदा हुई बुराइयों ने पूरे राजनीतिक तंत्र और पूरी व्यवस्था को प्रदूषित कर दिया है। स्वहित और स्वयं की प्रशंसा में ही लोकहित है, यह सोच हमारे समाज मंे घर कर चुकी है। यह रोग मानव की वृत्ति को इस तरह जकड़ रहा है कि हर व्यक्ति लोक के बजाए स्वयं के लिए सब कुछ कर रहा है। देश के धन को जितना अधिक अपने लिए निचोड़ा जा सके, निचोड़ लो। देश के सौ रुपये का नुकसान हो रहा है और हमें एक रुपया प्राप्त हो रहा है तो बिना एक पल रुके ऐसा हम कर रहे हैं। भ्रष्ट आचरण और व्यवहार अब हमें पीड़ा नहीं देता। सबने अपने-अपने निजी सिद्धांत बना रखे हैं, भ्रष्टाचार की परिभाषा नई बना रखी है। राजनीति करने वाले सामाजिक उत्थान के लिए काम नहीं करते बल्कि उनके सामने बहुत संकीर्ण मंजिल है, ”वोटों की“। ऐसी रणनीति अपनानी, जो उन्हें बार-बार सत्ता दिलवा सके, ही सर्वोपरि है। वोट की राजनीति और सही रूप में सामाजिक उत्थान की नीति, दोनों विपरीत ध्रुव हैं। एक राष्ट्र को संगठित करती है, दूसरी विघटित।

अपनी सब बुराइयों, कमियों को व्यवस्था प्रणाली की बुराइयां, कमजोरियां बताकर पल्ला झाड़ लो और साफ बच निकलो। कुछ मानवीय संस्थाएं इस दिशा में काम कर रही हैं कि प्रणाली शुद्ध हो, पर इनके प्रति लोग शब्दों की हमदर्दी बताते हैं, योगदान का फर्ज कोई नहीं निभाना चाहता। सच तो यह है कि बुराई लोकतांत्रिक व्यवस्था में नहीं, बुरे तो हम हैं। जो इन बुराइयों को लोकतांत्रिक व्यवस्था की कमजोरियां बताते हैं, वे भयंकर भ्रम में हैं। बुराई हमारे चरित्र में है इसलिए व्यवस्था बुरी है। हमारा रूपांतरण होगा तो व्यवस्था का तंत्र सुधरेगा। राष्ट्रद्रोही स्वभाव हमारे लहू में रच चुका है। यही कारण है कि हमें कोई भी कार्य राष्ट्र के विरुद्ध नहीं लगता और न ही ऐसा कोई कार्य हमें विचलित करता है। सत्य और न्याय तो अति सरल होता है। तर्क और कारणों की आवश्यकता तो हमेशा स्वार्थी झूठ को ही पड़ती है। जहां नैतिकता और निष्पक्षता नहीं, वहां फिर भरोसा नहीं, विश्वास नहीं, न्याय नहीं। कोई सत्ता में बना रहना चाहता है इसलिए समस्या को जीवित रखना चाहता है, कोई सत्ता में आना चाहता है इसलिए समस्या बनाता है। धनबल, बाहुबल, जाति, धर्म हमारी राजनीति की झुठलाई गई सच्चाइयां हैं जो अब नए सिरे से मान्यता मांग रही हैं। यह रोग भी पुनः राजरोग बन रहा है। कुल मिलाकर जो उभर कर आया है, उसमें आत्मा, नैतिकता व न्याय समाप्त हो गये हैं। नैतिकता की मांग है कि अपने राजनीतिक वर्चस्व-ताकत-स्वार्थ अथवा धन के लालच के लिए हकदार का, गुणवंत का, श्रेष्ठता का हक नहीं छीना जाए, अपराधों को जायज नहीं ठहराया जाये।

सत्ता के नाम पर सौदा नहीं, परस्पर समझौता करना सीखें। मोहरे फेंकना ही नहीं, खेलना भी सीखें। चुनाव की स्वस्थ परंपरा में जनता द्वारा चरित्र चयन की परख भी पैनी हो। क्योंकि मतदाता और उम्मीदवार की अर्हताएं ही राष्ट्रीयता का सुरक्षा कवच बनती हैं। इस संदर्भ में हमारे कदम गलत उठते हैं। भय, प्रलोभन या झूठे आश्वासनों से मतों की खरीदफरोख्त होती है तो अच्छे आदमी नेतृत्व से जुड़ नहीं पाते और अयोग्य व्यक्तित्वों के हाथ में देश का भाग्य सौंप दिया जाता है जिसका परिणाम देश की जनता ज्यादा भुगतती है। वे नेता क्या जनता को सही न्याय और अधिकार दिलाएंगे जो खुद अपराधों के नए मुखौटे पहने अदालतों के कटघरों में खड़े हैं। वे क्या देश में गरीब जनता की चिंता मिटाएंगे जिन्हें अपनी सत्ता बनाए रखने की चिंताओं से उबरने की भी फुरसत नहीं है। हमें इस बात पर गंभीरता से चिन्तन करना चाहिए कि हमारे जन-प्रतिनिधि किस तरह से लोकतंत्र को मजबूती दें, राजनीति में व्याप्त अपराध एवं भ्रष्टाचार की सफाई की जाये। क्योंकि आज व्यक्ति बौना हो रहा है, परछाइयां बड़ी हो रही हैं। अन्धेरों से तो हम अवश्य निकल जाएंगे क्योंकि अंधेरों के बाद प्रकाश आता है। पर व्यवस्थाओं का और राष्ट्र संचालन में जो अन्धापन है वह निश्चित ही गढ्ढे मंे गिराने की ओर अग्रसर है। अब हमें गढ्ढे में नहीं गिरना है, एक सशक्त लोकतंत्र का निर्माण करना है।




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(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

मोदी यूपी में हार का ज़िम्मा लेना नहीं चाहते - लालू

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पटना 07 फरवरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने उत्तर प्रदेश (यूपी) विधानसभा चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुनिंदा रैलियों पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की गिनती भर रैलियों से साफ है कि वह यूपी में हार की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं। 

श्री यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा , “ मोदी ने बिहार की 243 सीटों के लिए नुक्कड़-नुक्कड़ अनेकों रैलियाँ की लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों के लिए गिनती भर। इससे साफ है कि प्रधानमंत्री यूपी में हार का ज़िम्मा नहीं लेना चाहते। ” वहीं एक अन्य ट्वीट में राजद सुप्रीमों ने उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों की ओर से किसी को मुख्यमंत्री पद के लिए ‘प्रोजेक्ट’ नहीं करने पर कहा कि देश में सवार्धिक और विश्व में आबादी के हिसाब से पांचवें देश के बराबर वाले प्रदेश यूपी में भाजपा को मुख्यमंत्री लायक एक चेहरा नहीं मिला।

घूस संबंधी बयान पर पर्रिकर नौ फरवरी तक दें जवाब :आयोग

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नयी दिल्ली 07 फरवरी, गोवा विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की कथित रिश्वत संबंधी टिप्पणी पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए नौ फरवरी तक अंतिम उत्तर देने को कहा है । 

आयोग ने आज श्री पर्रिकर को जारी नोटिस में कहा है कि उसे इस बयान के संबंध में सीडी मिली है उसमें किसी प्रकार की छेड़छाड़ नजर नहीं आ रही है । आयोग ने इससे पहले भी श्री पर्रिकर को नोटिस भेजकर तीन फरवरी तक जवाब देने के लिये कहा था लेकिन रक्षा मंत्री ने नोटिस का उत्तर देने के लिये और समय देने की मांग की थी । इस नोटिस में रक्षा मंत्री के बयान को आदर्श आचार संहिता के नियमों का हवाला देते हुए कहा गया था कि इससे निर्वाचन संबंधी अपराध को बढ़ावा मिलता है । आयोेग का मानना है कि ऐसा बयान देकर श्री पर्रिकर ने प्रथम दृष्टया आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है । 

श्री पर्रिकर का कहना था कि उनके बयान को तोड़-मरोडकर पेश किया गया है । रक्षा मंत्री ने गोवा विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पणजी के निकट चिम्बेल झुग्गी बस्ती में एक छोटी सभा में अपने संबोधन में कहा था, “ मेरा मानना है कि यदि कोई जुलूस निकालता है और प्रत्याशी के पीछे-पीछे प्रचार के लिए लोगों को 500 रूपये का भुगतान किया जाता है तो इसमें कोई समस्या नहीं है, लेकिन मोहर भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिह्न कमल पर ही लगाये ।”

शिव सेना सरकार से समर्थन वापस ले सकती है : ठाकरे

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मुंबई 7 फरवरी, शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने आज संकेत दिया कि उनकी पार्टी निकट भविष्य में सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए निर्णय ले सकती है। गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ मातोश्री में संवाददाताओं को संयुक्त बयान देते हुए श्री ठाकरे ने एक प्रश्न के जवाब मे कहा कि सरकार “नोटिस अवधि” में चल रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पाटी के नेतृत्व वाली सरकार से निकट भविष्य में समर्थन वापस लेने पर निणर्य लिया जा सकता है। हालांकि उन्होंने समर्थन वापस लेने के संबंध में कोई समय सीमा नहीं बतायी। 

चुनाव आचार संहिता के कारण उन्होंने समर्थन वापसी के संबंध में अधिक जानकारी नहीं दी। इस अवसर पर श्री पटेल ने कहा कि “वह शिव सेना के नेता स्वर्गीय बाल ठाकरे के प्रशंसक हैं इसलिए वह श्री ठाकरे की प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए यहां आये हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र वीरों की भूमि है, अच्छे लोगों को मिलने के लिए यहां आया हूँ। महाराष्ट्र की भूमि छत्रपति शिवाजी, डाक्टर बाबासाहब अंबेडकर, ज्योतिबा फुले और बाल ठाकरे उवं अन्य वीरों से भरी पड़ी है।” एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने भाजपा का नाम लिये बगैर कहा कि कहा कि बुरे लोग तो सरकार में बैठे हैं। उन्हाेंने कहा कि आजादी के बाद से अब तक पाटीदार समुदाय ने कभी भी आरक्षण की मांग नहीं की लेकिन अब हम लोग मांग कर रहे हैं और आरक्षण ले कर रहेंगे। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि वह चुनाव प्रचार के संबंध में यहां नही आये हैं। श्री हार्दिक पटेल संभवत: कल पश्चिमी उपनगर गोरेगांव में वह अपने समुदाय के उम्मीदवार के समर्थन में एक रैली को संबोधित करेंगे।

फोटो वायरल होने के मामले में पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को जमानत

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सीवान 07 फरवरी, बिहार में सीवान जिले की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने कारा में बंद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की जेल से सोशल मीडिया में फोटो वायरल होने के मामले में आज जमानत दे दी। 

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अरविंद कुमार की अदालत ने यहां मामले में दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को जमानत दे दी। हालांकि जमानत मिलने के बावजूद पूर्व सांसद अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे क्योंकि कई अन्य मामलों में वह दोषी करार दिये जा चुके हैं। इससे पहले सांसद की पेशी को लेकर सुबह से ही न्यायालय परिसर में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। जेल से लेकर अदालत परिसर तक पुलिस बल की तैनाती की गई थी। उल्लेखनीय है कि 14 जनवरी को पूर्व सांसद के नए लुक की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। मामले में जिलाधिकारी के आदेश पर जेल अधीक्षक ने मुफस्सिल थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी।

झारखंड में यूनियन बैंक से 28 लाख रूपये की लूट

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गिरिडीह 07 फरवरी, झारखंड में गिरिडीह जिले के बेंगाबाद थाना क्षेत्र के मेन बाजार स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) से अपराधियों ने आज 28 लाख रूपये लूट लिये । 


पुलिस सूत्रों ने यहां बताया छह की संख्या में आये हथियारबंद अपराधियों ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में धावा बोला। इसके बाद अपराधियों ने हथियार का भय दिखाकर बैंक में मौजूद कर्मियों और ग्राहकों को कब्जे में ले लिया । इस दौरान विरोध करने पर अपराधियों ने बैंक के सहायक मैनेजर शिव कुमार समेत अन्य कर्मचारियों को बाथरूम में बंद कर दिया । 

सूत्रों ने बताया कि इसके बाद अपराधी बैंक से 28 लाख रूपये लूटकर फरार हो गये। मामले की जानकारी मिलते 
ही पुलिस अधीक्षकअखिलेश बी बैरियर ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने झारखंड सीमा को सील कर कर अपराधियों की गिरफ्तारी और लूटी गयी राशि की बरामदगी के लिये छापामारी शुरू कर दी है।

बिहार के 25 लाख गरीब परिवारों को जमीन का पर्चा दिया गया :मंत्री

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समस्तीपुर 07 फरवरी, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डा.मदन मोहन झा ने कहा कि राज्य के लगभग 25 लाख गरीब परिवारों को जमीन का पर्चा दिया गया है । 


श्री झा ने यहां कल रात पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य में करीब 25 लाख गरीब परिवारों को जमीन का पर्चा दे दिया गया और इनमें से अधिकांश को भूमि पर कब्जा भी दिला दिया गया है। शेष बचे पर्चाधारियों को 31 मार्च तक जमीन उपलब्ध करा दी जायेगी । उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर भूमि विवाद के निपटारे के लिए कैम्प लगाकर युद्वस्तर पर कार्य किये जा रहे है। इसके अलावे अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है । 



राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने केन्द्र सरकार आरोप लगाया और कहा कि नोटबंदी के बाद से देश के लोग त्रस्त है। उन्होने बताया कि कांग्रेस पार्टी नोटबंदी के खिलाफ आगामी 11 से 21 फरवरी तक प्रदेश मे ..जनवेदना कार्यक्रम.. चलायेगी जिसके माध्यम से नोटबंदी से हुए नुकसान और केन्द्र की जन विरोधी नीतियों के संबंध में लोगों को अवगत कराया जाएगा।

पटना में अंतर्राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव

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दिल्ली में चल रहे 19वें भारत रंग महोत्सव (भारंगम) के समानान्तर एक अंतर्राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का आयोजन आज से राजधानी पटना में शुरू होगा 

देश-विदेश में ख्यातिप्राप्त राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी ) की ओर से 19वें भारंगम का का आगाज राजधानी दिल्ली में एक फरवरी से हो चुका है । बिहार के कला , सस्कृति एवं युवा विभाग के सहयोग से पटना में आयोजित हो रहे इस छह दिवसीय आयोजन में इजराइल , श्रीलंका और बांग्लादेश नाट्य टीमों के अलावा देश के विभिन्न राज्यों की नाट्य टीमें अपनी प्रस्तुतियां देगी। राजधानी पटना के प्रेमचन्द रंगशाला में प्रतिदिन एक नाटक का मंचन शाम सात बजे से होगा। 

एनएसडी के अध्यक्ष रतन धियम और निदेशक प्रो0 वामन केन्द्रे ने बताया कि भारंगम में इस बार कुल 12 देशों तथा 16 भारतीय राज्यों की कुल 94 नाट्य प्रस्तुतियां हो रही है । इस साल महोत्सव में भारतीय रंगमंच के शास्त्रीय आधुनिक तथा लोक नाटकों के प्रदर्शन के अलावा भारतीय कथा वाचन परम्परा की भी झलक प्रस्तुत की जा रही है । इस परम्परा में मर्सिया , कीर्तन तथा चकियार कोधू का प्रदर्शन होगा। 

दिल्ली के समानान्तर नाट्य महोत्सव पटना ,कुरूक्षेत्र , अगरतला , पुणे और हैदराबाद में भी आयोजित हो रहा है । पटना में इस तरह का आयोजन पहली बार हो रहा है ।

 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 07 फरवरी)

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दिव्यांगों को शिक्षण शुल्क के अलावा निर्वहन व परिवहन भत्ता

10़़़2 की परीक्षा के बाद मेडीकल, इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर एवं प्रबंधन में स्नातक, स्नातकोत्तर की उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले निःशक्तजनों को शिक्षण शुल्क, निर्वहन भत्ता तथा परिवहन भत्ता दिया जायेगा। शासकीय, अशासकीय महाविद्यालयों में पढने वाले छात्रों को शिक्षण शुल्क शासकीय अशासकीय महाविद्यालय को तथा निर्वहन भत्ता 15 हजार रूपये व परिवहन भत्ता तीन हजार से पांच हजार रूपये तक दिया जायेगा। संबंधित महाविद्यालय के प्राचार्य के माध्यम से आवेदन किए जा सकते है। 

राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस 9 फरवरी को

राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस 9 फरवरी,2017 को मनाया जायेगा, जिसमें 1 से 19 वर्ष तक के स्कूली व अन्य बच्चों को कृमिनाशक दवा के रूप में चबाने वाली अल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई जायेगी। 15 फरवरी को छूटे हुए बच्चों हेतु मॉप अप राउंड आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष अभियान में अशासकीय शालाओं को भी सम्मिलित किया गया है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 07 फरवरी)

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नगर उदय अभियान तहत हितग्राही सम्मेलन आज

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार), वन राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा के मुख्य आतिथ्य मेें आज बुधवार आठ फरवरी को हितग्राही सम्मेलन का आयोजन नगरपालिका बस स्टेण्ड परिसर में दोपहर 12 बजे से आयोजित किया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता विदिशा विधायक श्री कल्याण सिंह दांगी करेंगे।  कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री जी का उद्बोधन लाइव प्रसारण दोपहर दो बजे से किया जाएगा वही नगर उदय अभियान में चिन्हांकित किए गए हितग्राहियों को लाभांवित एवं विकास कार्यो का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जाएगा। मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री सत्येन्द्र धाकरे ने बताया कि विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाआंे के चिन्हित तीन सौ से अधिक हितग्राहियों को मौके पर लाभांवित किया जाएगा।



आवेदक लाभांवित हुए जनसुनवाई में

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के द्वारा मंगलवार को आहूत की गई जनसुनवाई कार्यक्रम में 210 आवेदकों ने आवेदन प्रस्तुत कर अपनी व्यक्तिगत और सार्वजनिक समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया। कलेक्टर श्री सुचारी के द्वारा मौके पर 198 आवेदनों का निराकरण किया गया है शेष लंबित आवेदनों पर समय सीमा में कार्यवाही करने के निर्देश उनके द्वारा संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए गए है। आज सम्पन्न हुई जनसुनवाई कार्यक्रम में नटेरन के निःशक्त आवेदक श्री सुरेश शिवलाल को मौके पर कलेक्टर द्वारा ट्रायसाइकिल दी गई। श्री राजेन्द्र सिंह को वृद्वाश्रम में रहने के प्रबंध किए गए है। आवेदिका श्रीमती सीमा को आवास स्वीकृति की कार्यवाही की गई। शमशाबाद के श्री बाबूराम अहिरवार की बिजली बिल संबंधी समस्या का निदान किया गया। आवेदक श्री नीलेश को लाडली लक्ष्मी योजना की पात्रता संबंधी कार्यवाही सम्पादित कराई गई। आवेदिका पायल कुशवाह को निःशक्तता पेंशन पुनः प्रारंभ कराने की तथा सात वर्षीय अंशिका भार्गव के दिल में छेद के इलाज हेतु प्रकरण त्वरित तैयार कराया गया। जनसुनवाई कार्यक्रम में अधिकांश आवेदन बीपीएल राशन कार्ड जारी करने के प्राप्त हुए है। संबंधित आवेदकों को कलेक्टर श्री सुचारी ने अवगत कराया कि बीपीएल मापदण्डो की पात्रता का परीक्षण उपरांत बीपीएल सूची में नाम जोड़े जाने की कार्यवाही क्रियान्वित की जाएगी। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत चिन्हित बिन्दुओं के तहत यदि कोई आवेदक पात्र पाया जाता है तो उसे एक रूपए प्रति किलो के मान से खाद्यान्न प्रदाय करने के लिए पात्रता पर्चियां जारी की जाएगी।जनसुनवाई कार्यक्रम में अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, एसडीएम श्री आरपी अहिरवार, डिप्टी कलेक्टर श्री एके मांझी समेत विभिन्न विभागोेें के अधिकारी मौजूद थे। नई रोशनी एक पहल में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं के द्वारा आवेदकों के आवेदन लिखने की कार्यवाही की गई वही आवेदकों को जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित मध्यप्रदेश नवाचारो का सम्मान पुस्तिका वितरित की गई।

रायसेन (मध्यप्रदेश) की खबर 07 फरवरी)

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तीन दिन में होगा पेयजल संबंधी समस्याओं का समाधान, प्रत्येक जनपद में होगा पेयजल शिकायत रजिस्टर टीएल बैठक आयोजित

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रायसेन 07 फरवरी 2017, वर्तमान में पेयजल की उपलब्धता और आगामी माहों में पेयजल की मांग एवं समस्याओं के निराकरण के निर्देश कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित टीएल बैठक में पीएचई विभाग के अधिकारियों को दिए। श्रीमती वालिम्बे ने सभी जनपदों में पेयजल संबंधी शिकायत रजिस्टर रखने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने पेयजल संबंधी शिकायतें प्राप्त होते ही तीन दिन के भीतर निराकरण के निर्देश दिए हैं। लंबित पत्रां की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे ने जिले के सभी अधिकारियों को कहा है कि सी.एम. हेल्पलाइन और जनसुनवाई के प्रकरणों में तुरंत प्रभावी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सी.एम. हेल्पलाइन के एल-1, एल-2 स्तर पर लंबित प्रकरणों की रोजाना मानीटरिंग करें और आवेदक को प्रकरण के निराकरण की स्थिति से अवगत करायें। उन्होंने कहा कि समाधानकारक प्रकरण में समाधान समय पर नहीं किए जाने पर संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने उद्यानिकी एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते समय इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि सभी विकासखण्डों के किसानों को प्रशिक्षण प्राप्त हो सके। कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने उद्यान विभाग के अधिकारी को नर्मदा तट के किसानों से पौधरोपण के लिए वचन पत्र लेने की कार्यवाही शीघ्र करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने गेहूॅ उपार्जन के लिए किसानों के पंजीयन की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने तथा उपार्जन के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश खाद्य एवं सहकारिता अधिकारियों को दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को विभागाध्यक्ष द्वारा राज्य स्तर पर आयोजित बैठक में जाने से पहले सूचना देने के भी निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री स्वरोचिष सोमवंशी सहित अनेक विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।

बड़वानी (मध्यप्रदेश) की खबर 07 फरवरी)

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मोहीपुरा में 15 को लगेगा रोजगार मेला 

बड़वानी 07 फरवरी/जिला रोजगार कार्यालय बड़वानी एवं शासकीय महाविद्यालय अंजड़ द्वारा मध्यप्रदेश शासन की रोजगारन्मुखी नीति के अंतर्गत 15 फरवरी को जिला स्तरीय कैरियर अवसर एवं रोजगार मेले का आयोजन में प्रातः 11 बजे से ग्राम मोहीपुरा में किया जायेगा। जिला रोजगार अधिकारी श्री टीएस डुडवे से प्राप्त जानकारी अनुसार इस रोजगार मेले में शिक्षित बेरोजगार महिला-पुरूषो को निजी क्षेत्र की कम्पनिया रोजगार के अवसर उपलब्ध करायेगी। इस रोजगार मेले में सेल्स आफिसर, श्रमिक, मशीन आपरेटर, सुरक्षा गार्ड, प्रशिक्षु आपरेटर पदो की भर्ती हेतु निजी कम्पनियो के प्रतिनिधियो द्वारा साक्षात्कार पश्चात् चयन की कार्यवाही की जावेगी। इच्छुक आवेदक अपने शैक्षणिक मूल प्रमाण पत्र एवं उनकी छाया प्रतियां, जाति प्रमाण पत्र, रोजगार पंजीयन एवं तीन पासपोर्ट साईज फोटो के साथ रोजगार मेले में उपस्थित होवे। 


सुरक्षा जवानो की भर्ती हेतु ठीकरी में लगने वाला शिविर अब लगेगा पाटी में 

बड़वानी 07 फरवरी/जिला रोजगार अधिकारी श्री टीएस डुडवे से प्राप्त जानकारी अनुसार एसआईएस सिक्युरिटी इंटेलीजेंस सर्विसेस इण्डिया लिमिटेड गोवा द्वारा सिक्युरिटी गार्ड की भर्ती हेतु 08 फरवरी को ठीकरी में लगने वाला भर्ती शिविर अपरिहार्य कारणो से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था पाटी में आयोजित किया जायेगा। 

बड़वानी जनसुनवाई में आये 82 आवेदन

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बड़वानी 07 फरवरी/संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सविता झानिया ने मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई के दौरान उन्होंने 82 आवेदकों को व्यक्तिगत रूप से सुना तथा मौके पर ही हो सकने वाली समस्याओं का निराकरण कराया । जबकि मांगो से संबंधित आवेदनों को संबंधित विभागों को भेजकर परीक्षण कराने एवं उपयुक्त पाये जाने पर उसे आगामी कार्य योजना में सम्मलित करने के भी निर्देश निर्माण एजेंसियो के पदाधिकारियो को दिये। 

जमीन के प्रकरण का निराकरण नही हो सकता जनसुनवाई में
जनसुनवाई में भारूड़ मोहल्ला बड़वानी रहवासी एक परिवार ने आवेदन देकर बताया कि उनके पैतृक जमीन के बटवारे को लेकर परिवार के अन्य सदस्यों से विवाद चल रहा है। जिसके कारण वे पैतृक रूप से बने शौचालय का उपयोग नही कर पा रहे है और ना ही अपना व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कर पा रहे है। अतः उनके पैतृक जमीन के झगड़े का निपटारा किया जाये । इस पर जनसुनवाई कर रही संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सविता झानिया ने उन्हें समझाया कि इस समस्या का निराकरण कोर्ट के माध्यम से ही हो सकता है,इसके लिये उन्हें स्वयं कोर्ट में वाद दायर करना पड़ेगा । 

कालोनी में नही है मूलभूत सुविधा
जनसुनवाई में बड़वानी नगर के श्री कृष्णा स्टेट कालोनी के कुछ रहवासियों ने आवेदन देकर बताया कि उनकी कालोनी ग्राम पंचायत बड़गांव क्षेत्र में स्थित है। जिसके कारण कालोनी में पुलिया के अभाव में गंदा पानी सड़को पर बह रहा है। पड़ोस में स्थित कालोनीनाईजर द्वारा बिना सीमांकन करवाये तार फेसिंग कर दी गई हे।, जिसके कारण आवागमन में अवरोध उत्पन्न हो गया है। इसी प्रकार कालोनी का डेªनेज सिस्टम भी ध्वस्त हो गया है, जिसके कारण कालोनी में गंदगी फैल रही है, स्टीट लाईट भी बंद हो गई है। अतः कालोनी की उक्त समस्या का निराकरण प्राथमिकता से करवाया जाये। जिससे कालोनी में मूलभूत सुविधा पुनः बहाल हो सके। इस पर संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सविता झानिया ने आवेदन को एसडीएम बड़वानी के पास भेजकर शासन के नियमानुसार उचित कार्यवाही करवाने के निर्देश दिये । 

सुअर कर रहे है फसलों को नुकसान
जनसुनवाई में बंधान रोड़ पर खेती कर रहे कुछ किसानों ने सामुहिक रूप से आवेदन देकर बताया कि विगत एक माह से उनके खेतो में सुअर आकर फसलों को नष्ट कर रहे है। नगरीय क्षेत्र से आने वाले इन सुअरों को पकड़ने के लिये उन्होने कई बार नगरपालिका बड़वानी में आवेदन दिया । किन्तु अभी तक कोई उचित निराकरण नही हुआ है। इस पर संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सुविता झानिया ने आवेदन को नगरपालिका सीएमओ बड़वानी के पास भेजकर उचित निराकरण कराने के निर्देश दिये । 

अंर्तजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि दिलवाई जाये
जनसुनवाई में ग्राम सागवीनीम के एक दम्पति श्रीमती रश्मि मिलीन वर्मा ने उपस्थित होकर बताया कि उन्होने जून 2016 में अंर्तजातीय विवाह किया है। किन्तु उन्हें अभी तक मिलने वाली प्रोत्साहन राशि नही मिल पाई है। अतः उन्हें प्रोत्साहन राशि दिलवाई जाये । इस पर जनसुनवाई कर रही संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सविता झानिया ने आवेदन को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के पास भेजकर शासन के नियमानुसार तत्काल निराकरण करवाने के निर्देश दिये ।

चोरी गया मोबाईल दिलवाया जाये
जनसुनवाई में बड़वानी नगर वासी श्री सोहेब खान ने आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई कि शासकीय पाॅलीटेक्निक कालेज बड़वानी में परीक्षा के दौरान उन्होने अपना मोबाईल कक्ष के बाहर रखा था । जब वे परीक्षा देकर बाहर आये तो मोबाईल वहाॅ पर नही था । इसकी रिपोर्ट उन्होने थाने में भी करवाई है। किन्तु अभी तक उनका मोबाईल ढूंढकर उन्हें नही दिया गया है। इस पर जनसुनवाई कर रही संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सविता झानिया ने आवेदन को पुलिस विभाग के पास भेजकर समुचित कार्यवाही करवाने के निर्देश दिये गये । 

नगर उदय के तहत हितग्राहियो को लाभ वितरित करेंगे पशु पालन मंत्री

बड़वानी 07 फरवरी/बड़वानी जिले में स्थित सात नगरीय निकाय क्षेत्रो में 25 दिसम्बर से संचालित नगर उदय अभियान का तृतीय स्तर का चरण 08 फरवरी से प्रारंभ हो रहा है। इस चरण के दौरान पूर्व के प्रथम एवं द्वितीय चरण में दलो द्वारा किये गये सर्वे में विभिन्न योजनाओ के लिए प्राप्त आवेदनो में से पात्र हितग्राहियो को लाभ का वितरण, योजनाओ हेतु पंजीयन प्रमाण पत्र, अधिकार पत्र आदि का वितरण किया जायेगा। बड़वानी नगर पालिका परिसर में 08 फरवरी बुधवार को दोपहर 1 बजे से आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण एलईडी के माध्यम से किया जायेगा। जिला मुख्यालय का यह कार्यक्रम प्रदेश के पशुपालन मंत्री एवं सेध्ंावा के विधायक श्री अंतरसिंह आर्य की अध्यक्षता में सम्पन्न होगा।नगर पालिका अधिकारी श्री संतराम चैहान ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान पशु पालन मंत्री द्वारा 972 हितग्राहियो को विभिन्न योजनाओ के तहत लाभान्वित किया जायेगा। जिसमें मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में 108 हितग्राहियो को, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 127 हितग्राहियो को पंजीयन पत्र, प्रधानमंत्री आवास योजना में 250 हितग्राहियो को अधिकार पत्र, विभिन्न पेंशन योजनाओ में 229 हितग्राहियो को स्वीकृति पत्र, 25 घरेलू कामकाजी महिलाओ का पंजीयन, मुख्यमंत्री केश शिल्पी, पथ विक्रेता, हाथ ठेला कल्याण योजना के 30 हितग्राहियो को पंजीयन प्रमाण पत्र, 09 स्व सहायता समूहो की 90 महिलाओ को 90 हजार रुपये का रिवाल्विंग फण्ड, कौशल प्रशिक्षण हेतु 50 हितग्राहियो को पंजीयन, कर्मकार मण्डल के 23 हितग्राहियो को पंजीयन प्रमाण पत्र, परिवार सहायता राशि के 05 हितग्राहियो को स्वीकृति पत्र, गरीबी रेखा के 06 हितग्राहियो को राशन कार्ड का वितरण एवं 08 हितग्राहियो का सर्वे सूची में नाम जोड़ा जायेगा साथ ही मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास द्वितीय चरण के अंतर्गत 3 करोड़ की लागत राशि के निर्माण कार्यो का भूमिपूजन भी किया जायेगा। 

भीमा नायक स्मारक में संचालित होंगे कार्यालय

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बड़वानी 07 फरवरी/शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर धाबाबावड़ी में बने शहीद भीमा नायक स्मारक में आने वाले श्रद्धालुओ, पर्यटको को ओर सुविधा सहित समुचित जानकारी मिले, इसके लिए स्मारक परिसर एवं उसके आस-पास अन्य विभागो के मैदानी स्तर के कार्यालयो का संचालन करवाया जायेगा। इसके लिए सहायक कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने मंगलवार को स्मारक स्थल एवं उसके आस-पास की जगह का सूक्ष्म निरीक्षण कर संबंधित विभागो के पदाधिकारियो को समुचित कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये है। मंगलवार को सहायक कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान विद्युत, पीएचई, परियोजना प्रशासक, आदिम जाति कल्याण, ग्रामीण विकास, तहसील एंव विकासखण्ड स्तर के अधिकारी उपस्थित थे। निरीक्षण के दौरान सहायक कलेक्टर श्री वर्मा ने पीएचई विभाग को ट्यूबवेल की मोटर को दो दिनो में सुधरवाने, भीमा नाकय द्वारा बनवाई गई बावड़ी में उपलब्ध रहने वाले निर्मल जल को स्मारक तक पहुंचाने हेतु उचित प्राकलन बनाने, स्मारक परिसर एवं उसके आस-पास स्थित जगह पर कौन-कौन से शासकीय विभागो के मैदानी स्तर के कार्यालय संचालित हो सकते है, इसके बारे में टीप बनाकर भेजने के भी निर्देश दिये। 

बीएसएससी परीक्षा धांधली के खिलाफ प्रदर्शनकारी पर लाठीचार्ज शर्मनाक.: कुणाल

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कमजोर वर्ग के छात्रों को शिक्षा से वंचित कर रही है नीतीश सरकार, नीतीश-लालू के सामाजिक न्याय हो रहा पर्दाफाश., मामले को संवेदनशील तरीके से हल करने की पहल की जाती, तो नहीं बिगड़ता मामला., कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं की शिक्षा पर हमला अधिकार रैली का प्रमुख एजेंडा.



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पटना 7 फरवरी 2017, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बीएसएससी की परीक्षा में धांधली के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे आइसा नेताओं पर  सामाजिक न्याय की तथाकथित नीतीश सरकार की पुलिस द्वारा बर्बर लाठीचार्ज की कड़ी भत्र्सना की है और पूरे मामले के राजनीतिक संरक्षण की जांच के लिए उच्चस्तरीय न्यायिक आयोग गठन की मांग की है. उन्होंने कहा कि बीएसएससी की परीक्षा में की गयी धांधली का सबसे गहरा असर कमजोर व दलित-पिछड़ी पृष्ठभूमि से आने वाले छात्र-छात्राओं पर ही पड़ रहा है. जहां नीतीश कुमार ने पूरी शिक्षा व्यवस्था को खुला धंधा बना दिया है, उसमें गरीबों के बच्चे आखिर कहां टिकेंगे. सामाजिक न्याय की दुहाई देने वाली सरकार दरअसल सामाजिक अन्याय की सरकार है. इसके पहले, टाॅपर घोटले के राजनीतिक संरक्षण की जांच से भी सरकार भाग खड़ी हुई है, जिसने बिहार की शिक्षा व्यवस्था की सडांध को उघाड़ दिया था. उन्होंने आगे कहा कि बीएसएससी परीक्षा में हुई धांधली के खिलाफ आइसा के नेतृत्व में छात्र शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे. प्रशासन को मसले की गंभीरता को देखते हुए संवेदनशील तरीके से पेश आना चाहिए था, लेकिन उसने एक बार फिर तानाशाही का परिचय दिया. छात्रों पर बर्बर तरीके से लाठीचार्ज किया गया. जिसकी वजह से पहले से आक्रोशित छात्र और भी आक्रोशित हो गये. उन्होंने पूरे मामले के राजनीतिक सरंक्षण की जांच के साथ-साथ आइसा नेताओं पर किए गए सभी फर्जी मुकदमों को अविलंब वापस लेने और ऐसे मसलों को संवेदनशील तरीके से हल करने की मांग की है. कमजोर वर्ग के  छात्रों की शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार पर लगातार बढ़ते हमले को हमारी पार्टी ने आगामी 19 फरवरी को पटना में आयोजित अधिकार रैली का प्रमुख एजेंडा बनाया है. दलित-आदिवासी व कमजोर वर्ग के छात्रों की छात्रवृति में भी सरकार ने भारी कटौती कर दी है.

बिहार : परीक्षा रद्द करने के लेकर आक्रोश मार्च फूंका मुख्यमंत्री पुतला, पेपर लीक जाँच की माँग

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पटना:- आज दिनांक 07 फरवरी 2017 को आॅल इण्डिया स्टूडेण्ट्स फेडरेशन के बैनर तले पटना काॅलेज से आक्रोश मार्च निकालते हुए कारगिल चैक पहुँच कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन कर सभा किया जिसकी अध्यक्षता पटना जिला अध्यक्ष पुष्पेन्द्र प्रणय ने किया। सभा को संबोधित करते हुए जिला सचिव सुशील उमाराज ने कहा कि परीक्षा में व्यापक धांधली किया गया है परीक्षा से एक दिन पूर्व ही प्रश्न-उत्तर बिक्री किया जाता है ऐसे माहौल में मेधावी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़  किया जा रहा है जिसे संगठन कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं सभा को संबोधित करते हुए परीक्षार्थी संघ के बिहार संयोजक सुभाष पासवान ने कहा कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष/ सचिव को अविलंब बर्खास्त कर देना चाहिए तथा इस मामले को ब्ण्ठण्प् से निष्पक्ष जाँच कराई जाए। मार्च में रजनीश कुमार, सुधा कुमारी, बिरगुन भारत, राकेश प्रसाद, संदीप कुमार, अफरोज, विकास कुमार, विकास विरेन्द्र, पटियाला, विधानंद, दिनेश, हरेन्द्र कुमार, के साथ सैकड़ों छात्राएँ मौजूद थे।

हिजला मेला सांस्कृतिक समिति की बैठक में लिये गये कई महत्वपूर्ण निर्णय

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अमरेन्द्र सुमन (दुमका), झारखण्ड की उप राजधानी दुमका के प्रसिद्ध मयूराक्षी नदी तट पर 10 फरवरी से 17 फरवरी तक होने वाले राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव 2017 के सफल आयोजन हेतु दिन रविवार (05.02.207) को सूचना भवन, दुमका में मेला के सांस्कृतिक, उद्घाटन व समापन समिति के उपाध्यक्ष अजय नाथ झा की अध्यक्षता में एक बैठक आहुत की गईं। इस अवसर पर मुख्य संयोजिका अमिता रक्षित सहित जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा, गौर कान्त झा, डाॅ प्रमोदिनी हांसदा, डा ए एम सोरेन, अनिल मरांडी, अशोक सिंह, मदन कुमार, महेन्द्र साह, स्मिता आनन्द, सोनाली चटर्जी, एमानुलएल सोरेन, मनोज कुमार घोष, बबलु चटर्जी, मेरीनीला मरांडी, एलिसप्रभा बास्की, सिलवेस्टर बेसरा, राजू टुडू, शीला कुमारी, दिलीप तपस्वी, बाल्मीकि सिंह, हरीदत्त ठाकुर, नारायण हास्दा, रस्का टुडू, पीटर हेमब्रम, अंकित कुमार पाण्डेय, सनातन सोरेन, मनोजित मुर्मू, श्यामाकान्त प्रसाद, जूना हांसदा, विजय कुमार दूबे, अनन्त लाल खिरहर, नवीन चन्द्र ठाकुर, नन्दनी कुमारी, उत्तम कुमार, लखीन्द्र मुर्मू, सविता मरांडी, रीता टोप्पो इत्यादि मौजूद थे। मुख्य संयोजिका अमिता रक्षित ने इस अवसर पर कहा कि मेला न सिर्फ झारखण्ड में बल्कि देश के मानचित्र पर भी अपनी अलग पहचान रखता है। मेला का आयोजन इस रुप में हो कि सर्वत्र इसकी चर्चा हो। 


देवघर काॅलेज की प्राचार्या व पूर्व प्रति कुलपति डा प्रमोदिनी हांसदा ने कहा कि मेला को सफल बनाने के लिए हमें धैर्य, समन्वय, समर्पण व सहयोग की भावना से कार्य करने की जरूरत है। डा ए एम सोरेन ने कहा कि हिजला मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन से मेला की भव्यता बढ़ेगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम मेला की शोभा रहा है। भीतरी व बाहरी कला मंच सहित बाहरी मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम की  प्रस्तुति हेतु कुल 140 कला दलों ने अपने-अपने आवेदन प्रस्तुत किये। प्राप्त आवेदनों में से अंतिम रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने हेतु कला दल का चयन किया जायेगा। इस हेतु मुख्य संयोजिका जाॅयेस बेसरा एवं अमिता रक्षित के नेतृत्व में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम चयन समिति का गठन किया गया है। मेरीनिला मरांडी, एमानुएल सोरेन, अनिल मरांडी, गौरकांत झा, सुस्मिता सोरेन, पीटर हेम्ब्रम इस समिति के अन्य सदस्य होंगे। बैठक में लिये गये एक अहम निर्णम में यह तय हुआ कि आयोजन समिति के सभी महिला सदस्य चाहे वे जनजातीय हो या गैर जनजातीय उद्घाटन समारोह में पारम्परिक पंछी परिधान में ही भाग लेंगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि देर रात्रि तक कार्य करने वाले समिति के लोगों को 100 रू0 चाय नास्ता हेतु दिया जायेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा मद्य निषेध एवं पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित जागरूकता हेतु पोस्टर एवं बैनर लगाये जायेंगे। कार्यक्रम में दुमका तथा संताल परगना से आने वाले कलादलों को सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रदर्षन में प्राथमिकता दी जायेगी। जिससे अधिक से अधिक भागीदारी सुनिचित हो सके। सांस्कृतिक समिति के उप संयोजक गौर कान्त झा भुगतान समिति में अनुमंडल नाजिर, सुरेन्द्र नारायण यादव, गौर कान्त झा, मनोज कुमार घोष, अनिल मरांडी, मेरीनिला मरांडी, षिषिर कुमार घोष, दिवाकर सिंह एवं सुनिता मरांडी रहेंगे। पंछी प्रदर्षन समिति में अंजुला मुर्मू, मेरीनिला मरांडी, अनील मरांडी, सिधोर हांसदा, सुषमा हांसदा रहेंगे। 

उद्घाटन और समापन समारोह समिति के लिए सिंहासिनी दी, मेरीनिला मरांडी, स्मिता आनन्द, सुमिता सिंह, सोनाली चटर्जी, नीतू भारती, अंजुला मुर्मू रहेंगे। परिचर्चा प्रतियोगिता समिति में प्रो0 हनीफ, मनोज घोष, अषोक सिंह, अंजनी शरण, सौरभ सिन्हा, अंकित कुमार, ईष्वर मरांडी, कुणाल झा एवं डा अजय शुक्ला रहेंगे। मीडिया कमेटी में मदन कुमार, नवल किषोर झा, अंजनी शरण, सच्चिदानन्द सोरेन, सत्यजीत प्रकाष, विजय कुमार, चंदन कुमार, सौरभ मालवीय, परिवहन समिति में गौरकान्त झा, मनोज घोष, अंजनी शरण, अनिल मरांडी, अभिनन्दन मुर्मू रहेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु एक सांस्कृतिक आयोजन समिति का गठन किया गया है जिसमें महेन्द्र प्रसाद साह, दिलीप तपस्वी, मो0 कजरूल हुसैन, मधुर सिंह, अनिल मरांडी, अभिनन्दन मुर्मू, मेरीनिला मरांडी एवं अंजुला मुर्मू रहेंगे।
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