नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर, दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद कर्नाटक कांग्रेस के नेता डी के शिवकुमार को बुधवार शाम तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। एक जेल अधिकारी ने यह जानकारी दी। वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर धनशोधन मामले में आरोपी हैं। शाम में अदालत का आदेश मिलने के बाद उन्हें रात में 9.15 बजे मेडिकल जांच और अन्य औपचारिकताओं के बाद रिहा कर दिया गया। अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए कहा कि 57 वर्षीय शिवकुमार सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते क्योंकि दस्तावेज जांच एजेंसियों के पास हैं। ईडी ने उनकी जमानत याचिका को चुनौती दी थी। शिवकुमार को धनशोधन मामले में तीन सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में रखा गया था।
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शिवकुमार तिहाड़ जेल से रिहा
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दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में मिलेगा संपत्ति का मालिकाना हक
नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने की बुधवार को मंजूरी प्रदान करते हुये इन कालोनियों में रह रहे लाखों संपत्ति मालिकों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने का रास्ता साफ कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। बैठक के बाद आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभाव) हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि केन्द्र सरकार के इस फैसले का लाभ दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रह रहे लगभग 40 लाख लोगों को मिलेगा, जिन्हें पिछले कई दशकों से संपत्ति का मालिकाना हक मिलने का इंतजार था। पुरी ने स्पष्ट किया कि इस फैसले के दायरे में सरकारी और निजी, दोनों श्रेणियों की जमीन पर बसी अनधिकृत कालोनियों को शामिल किया गया है लेकिन दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर बने फार्म हाऊस, सैनिक फार्म, महरौली एंक्लेव और अनंत राम डेयरी इलाके में बने फार्म हाऊस इस फैसले के दायरे से बाहर होंगे। उल्लेखनीय है कि इन इलाकों में निर्मित फार्म हाऊस के मालिकों को भी अपनी संपत्ति को नियमित कराने की अनुमति मिलने की दरकार है। फार्म हाऊस वाले ये इलाके अनधिकृत होने के कारण इनमें निर्मित फार्म हाऊस भी कानूनी तौर पर नियमित नहीं हो पाये हैं। पुरी ने स्पष्ट किया कि नियमित होने वाली कालोनी में निर्मित संपत्ति के अलावा खाली प्लॉट को भी नियमित कराकर संपत्ति का मालिकाना हक दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इन कालोनियों में आम तौर पर निम्न आयवर्ग के लोग रहते हैं, इसलिये संपत्ति को नियमित करने के लिये मामूली शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके तहत सौ वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले भूखंड को नियमित कराने का शुल्क उस क्षेत्र के सर्किल रेट का 0.5 प्रतिशत होगा। इसी प्रकार 100 से 250 वर्गमीटर तक क्षेत्रफल वाले भूखंड के लिये सर्किल रेट का एक प्रतिशत और 250 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भूखंड को नियमित कराने का शुल्क सर्किल रेट का 2.5 प्रतिशत देना होगा। इस शुल्क का भुगतान तीन समान किश्तों में एक साल के भीतर किया जा सकेगा। शुल्क का एकमुश्त भुगतान करने वालों को संपत्ति का मालिकाना हक तत्काल प्रभाव से मिल जायेगा। किश्तों में शुल्क देने वालों को अस्थायी मालिकाना हक दिया जायेगा, भुगतान पूरा होने पर स्वामित्व का स्थायी अधिकार मिलेगा। नियमित की जाने वाली कालोनियों में दिल्ली के लगभग 175 वर्ग किमी क्षेत्र में बसी 1797 कालोनियों को चिन्हित किया गया है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार की तरफ से 1639 अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने के कई साल पुराने प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने नये सिरे से क्षेत्रवार सर्वेक्षण कर 1797 कालोनियों को नियमित करने का फैसला किया है। इन कालोनियों के नियमित नहीं होने के कारण इनमें बिजली, पानी, सड़क और सीवर सहित अन्य मूलभूत नागरिक सुविधाओं की बहाली में दिल्ली सरकार और स्थानीय निकायों को कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा था। पुरी ने कहा कि इस फैसले के बाद अनधिकृत कालोनियों में भूखंड मालिकों को मकान बनवाने के लिये बैंक से ऋण भी मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि इस फैसले को कानूनी जामा पहनाने के लिये सरकार संसद के आगामी सत्र में विधेयक पेश किया जायेगा। मंत्रिमंडल ने अनधिकृत कालोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया निर्धारित करने वाले विधेयक के मसौदा प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। उन्होंने बताया कि अनधिकृत कालोनियों के सीमांकन की जिम्मेदारी डीडीए को सौंपी गयी है। डीडीए प्रत्येक कालोनी का सीमांकन कर इनके नियमितीकरण की कार्ययोजना (लोकल एरिया प्लान) भी बनायेगा। पुरी ने बताया कि नियमित करने की प्रक्रिया में विलंब शुल्क और अतिरिक्त विकास शुल्क नहीं वसूला जायेगा।
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उपचुनाव: 51 विधानसभा और दो लोकसभा सीटों पर मतों की गिनती कल
दिल्ली, 23 अक्टूबर, देश के 18 राज्यों की 51 विधानसभा और दो लोकसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में वोटों की गिनती बृहस्पतिवार को होगी। इन सीटों में से करीब 30 सीट भाजपा और उसके सहयोगियों के पास है। वहीं 12 सीटें कांग्रेस और बाकी अन्य क्षेत्रीय पार्टियों के पास है। उपचुनाव पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है क्योंकि परिणाम विधानसभा के गणित को आंशिक रूप से ही बदल पाएंगे। इसके परिणाम से पार्टियों में उत्साह बढ़ेगा। सोमवार को आयोजित हुए उपचुनाव में 57 फीसदी मतदान हुआ था। सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर उपचुनाव हुआ था। वहीं इसके बाद गुजरात में छह, बिहार में पांच, असम में चार, हिमाचल प्रदेश में दो और तमिलनाडु में दो सीटों पर उपचुनाव हुए थे। जिन दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ था, उनमें से एक महाराष्ट्र की सतारा लोकसभा सीट और बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट है। ये सीटें क्रमश: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी :राकांपा : और लोकजनशक्ति पार्टी : लोजपा :के पास थी। राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में उपचुनाव एक तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए परीक्षा की तरह है। भाजपा के पास यहां 403 विधानसभा सीटों में से 302 हैं। यहां 11 सीटों के लिए भाजपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच चौतरफा मुकाबला है। इन सीटों में से आठ सीट पहले भाजपा के पास थी, एक सीट उसके सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) के पास थी। वहीं रामपुर और जलालपुर (आंबेडकरनगर) क्रमश: समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के पास थी। राज्य में सोमवार को 47.05 फीसदी मतदान हुआ था। राजस्थान में अगर भाजपा और उसके सहयोगी आरएलपी से कांग्रेस दो सीटें छीनने में सफल हो जाती है तो वह विधानसभा में मजबूत स्थिति में आ जाएगी। यहां दो विधानसभा सीटों मंडावा और खींवसर के लिए उपचुनाव हुए थे। सिक्किम में तीन सीटों के लिए उपचुनाव हुए थे, जिनमें से मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (पोकलोक कामरांग विधानसभा) भी उम्मीदवारों में से एक हैं। यहां 32 विधानसभा सीटों में से सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के पास 18, भाजपा के पास 10 हैं। कई अन्य के पार्टी छोड़ने के बाद सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के पास अब सिर्फ एक विधायक बच गया है। भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया भी गंगटोक से हमरो सिक्किम पार्टी (एचएसपी) के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। गुजरात में बनासकांठा जिले के थराड में, पाटन के राधनपुर, मेहसाना में खेरालु, अरवल्ली के बयाड में, अहमदाबाद के अमराइवाड़ी और महिसागर की लुनावाड़ा सीट पर उपचुनाव हुआ था। भाजपा ने राधनपुर से पूर्व कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर को चुनाव मैदान में उतारा था। पंजाब के उपचुनाव में कांग्रेस की जीत एक तरह से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की नीतियों का समर्थन होगी। राज्य में फगवाड़ा (आरक्षित), जलालाबाद, दाखा और मुकेरियां विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे। अरुणाचल प्रदेश में खोंसा पश्चिम सीट पर, छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित चित्रकोट सीट पर, तेलंगाना में हुजुरनगर सीट पर, मध्य प्रदेश की झाबुआ और मेघालय की शेल्ला सीट पर उपचुनाव हुआ था। बिहार में लोकसभा की एक सीट समस्तीपुर और विधानसभा की पांच सीटों किशनगंज, सिमरी बख्तियारपुर, दरौंदा, नाथनगर और बेलहर सीट पर चुनाव हुआ था। बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इस उपचुनाव का प्रदर्शन नीतीश कुमार सरकार की नीतियों को लेकर जनता की राय दिखा सकता है। तमिलनाडु में विल्लुपुरम जिले के विक्रवांदी और तिरुनेलवेल्ली जिले के नांगुनेरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था। यहां मुकाबला अन्नाद्रमुक और द्रमुक के बीच है। केरल में पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ। हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती भी बृहस्पतिवार को होगी।
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BSNL, MTNL का होगा विलय, पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी
नयी दिल्ली , 23 अक्टूबर, सरकार ने घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 68,751 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को बुधवार को मंजूरी दे दी। इसमें एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय, कर्मचारियों के लिये स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) और 4 जी स्पेक्ट्रम आवंटन शामिल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पैकेज से जुड़ी जानकारियां साझा करते हुए कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय को मंजूरी दे दी गई है। विलय प्रक्रिया पूरी होने तक एमटीएनएल प्रमुख दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल की अनुषंगी के रूप में काम करेगी। पुनरुद्धार पैकेज में दोनों कंपनियों की तत्काल पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी बांड , 4 जी स्पेक्ट्रम के लिए 20,140 करोड़ रुपये , कर्मचारियों की वीआरएस के लिए 29,937 करोड़ रुपये और जीएसटी के तौर पर 3,674 करोड़ रुपये की राशि दिया जाना शामिल है। कर्मचारियों की सेवानिवृति के तौर पर दी जाने वाली राशि में कंपनी के 50 प्रतिशत कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। दूरसंचार कंपनी को दिये जाने वाले स्पेक्ट्रम आवंटन पर माल एवं सेवाकर के रूप में दी जाने वाली 3,674 करोड़ रुपये की राशि भी पैकेज में शामिल की गई है। प्रसाद ने कहा , "बीएसएनएल और एमटीएनएल के मामले में सरकार का रुख स्पष्ट है। ये भारत की सामरिक संपत्तियां हैं। सेना के पूरे नेटवर्क का रखरखाव बीएसएनएल द्वारा किया जाता है। " उन्होंने कहा , "वीआरएस पैकेज के तहत पात्र कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु तक कंपनी की सेवा करके अर्जित होने वाली आय का 125 प्रतिशत मिलेगा। इस फैसले के साथ हमने इन सार्वजनिक कंपनियों के लाखों कर्मचारियों के हित का ध्यान रखा है। " बीएसएनएल में करीब 1.68 लाख कर्मचारी हैं जबकि एमटीएनएल के करीब 22,000 कर्मचारी हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा , "वीआरएस पूरी तरह से स्वैच्छिक है ; कोई भी इसे अपनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। " दोनों कंपनियों पर कुल 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है , जिसमें से आधा कर्ज एमटीएनएल का है , जो सिर्फ दिल्ली और मुंबई में परिचालन करती है। दोनों कंपनियां बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए लंबे समय से स्पेक्ट्रम की मांग कर रही थी ताकि 4 जी सेवा शुरू की जा सके। दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने कहा कि दोनों कंपनियों को एक महीने के अंदर प्रशासनिक स्तर पर स्पेक्ट्रम आवंटित कर दिया जाएगा। प्रकाश ने कहा , "बीएसएनएल को इक्विटी शेयर के बदले 14,115 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम आवंटन होगा और एमटीएनएल को तरजीही शेयरों के एवज में 6,295 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम आवंटन किया जाएगा।" सरकार तीन साल की अवधि में बीएसएनएल और एमटीएनएल की 37,500 करोड़ रुपये की संपत्ति का मौद्रीकरण करते हुये उसकी बिक्री करेगी या फिर पट्टे पर देगी। उन्होंने कहा , "परिसंपत्ति में मुख्य रूप से जमीन शामिल हैं। अकेले दिल्ली में एमटीएनएल के पास करीब 29 खुदरा आउटलेट (केंद्र) हैं। " सचिव ने कहा कि बीएसएनएल को चरणबद्ध तरीके से 4 जी सेवा शुरू करने के लिए करीब 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी जबकि एमटीएनएल को करीब 1,100 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। सरकार ने वीआरएस पैकेज में अनुग्रह राशि के तौर पर 17,169 करोड़ रुपये और अग्रिम पेंशन लाभ के तौर पर 12,768 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। प्रकाश ने कहा, "53.5 साल की उम्र से ऊपर के कमर्चारियों को उनकी सेवा की शेष अवधि में अर्जित वेतन का 125 प्रतिशत तक लाभ मिलेगा। कंपनी के 50 से 53.5 वर्ष की आयु वर्ग के कर्मचारी यदि वीआरएस अपनाते हैं तो उन्हें अपनी बची सेवा मे मिलने वाली प्राप्ति का 80 से 100 प्रतिशत के दायरे में लाभ मिलेगा।
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जैसे भारत की अगुआई की थी, वैसे ही बीसीसीआई को चलाऊंगा : गांगुली
मुंबई, 23 अक्टूबर, नव नियुक्त बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बुधवार को भ्रष्टाचार मुक्त कार्यकाल का वादा किया और कहा कि वह बोर्ड की अगुआई उसी तरह करेंगे जिस तरह से उन्होंने 2000 से 2005 तक भारतीय टीम की कप्तानी संभाली थी। दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट संस्था के शीर्ष पद पर निर्विरोध चुने जाने के बाद 47 साल के गांगुली ने संकेत दिया कि वह किसी से भी प्रभावित हुए बिना जिस तरह से चाहते हैं, उसी तरह बीसीसीआई का काम संभालेंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 18,000 से ज्यादा रन बना चुके गांगुली ने कहा, ‘‘मैं उसी तरह काम करूंगा, जो मैं जानता हूं और जो मुझे लगता है कि बीसीसीआई के लिये सर्वश्रेष्ठ होगा और विश्वसनीयता से कोई समझौता नहीं होगा। भ्रष्टाचार मुक्त कार्यकाल होगा और बीसीसीआई में सभी के लिये समान होगा।’’ अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में भारत का ब्लेजर पहनकर आये गांगुली ने कहा ,‘‘ मुझे यह तब मिला था जब मैं भारत का कप्तान था लेकिन तब मुझे अहसास नहीं हुआ कि यह इतना ढीला है । लेकिन मैने तय किया कि मैं यही पहनूंगा ।’’ उन्होंने कहा,‘‘ मैंने जिस तरह से भारत की अगुआई की थी, उसी तरह से बीसीसीआई का पद संभालूंगा। ’’ वह यहां 39वें बीसीसीआई अध्यक्ष बने। उन्हें (47 साल) यहां नौ महीने के लिये निर्विरोध चुना गया। पदाधिकारी के तौर पर छह महीने के कार्यकाल के बाद ‘विश्राम की अनिवार्य अवधि’ के प्रावधान के कारण उन्हें पद छोड़ना पड़ेगा । गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ के सचिव और अध्यक्ष रहे । गांगुली ने वह दौर याद किया जब वह टीम के कप्तान बने थे । उस समय मैच फिक्सिंग के कारण भारतीय क्रिकेट विवादों के घेरे में था जब गांगुली को इसे ढर्रे पर लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई । मोहम्मद अजहरूद्दीन उस समय फिक्सिंग विवाद के केंद्र में थे और अब वह हैदराबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं । दोनों पूर्व साथी खिलाड़ियों ने बुधवार की बैठक के बाद एक दूसरे को गले लगाया । गांगुली ने कहा ,‘‘ यह इत्तेफाक की बात है कि जब मैं कप्तान बना तो ऐसे ही हालात थे और मैं छह साल तक कप्तान रहा ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ अभी भी हालात ऐसे ही हैं और चीजों को ढर्रे पर लाना है ।सुधार करने होंगे । राज्य संघों को काफी पैसा देना है । काफी काम करना है ।’’
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निरहुआ हिंदुस्तानी क्लब ने राजेंद्र नगर में किया राहत सामग्री का वितरण
पटना, बिहार में हुई भीषण बारिश के बाद राजधानी पटना का कंकड़बाग और राजेंद्र नगर बुरी तरह जलजमाव से त्रस्त है। इस वजह से लोगों के बीच खाने – पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है। कई लोग मुसीबत में फंसे लोगों की मदद कर रहे हैं। लेकिन अब भोजपुरी सुपर स्टार दिनेशलाल यादव निरहुआ की ओर से भी निरहुआ हिंदुस्तानी क्लब के द्वारा आज राजेंद्र नगर के जलजमाव वाले एरिया में राहत कार्य चलाया गया और लोगों के बीच खाने – पीने की सामग्री के साथ – साथ दैनिक जीवन के इस्तेमाल की चीजों वितरण किया गया। इसको लेकर निरहुआ ने कहा कि बारिश के बाद पटना की स्थिति भयावह है। यह बहुत बहुत दुखद बात है। वहां लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे वक्त में हमारा कर्तव्य है कि हम आगे बढ़कर उनकी मदद करें। इसलिए पटना में मेरे निरहुआ हिंदुस्तानी क्लब के सदस्यों ने लोगों तक राहत सामग्री - दूध, खाना, माचिस, मोमबती, मच्छड़ की अगरबत्ती आदि का वितरण किया है और आगे भी करता रहेगा। जब भी बिहार – यूपी में कोई आपदा आती है, निरहुआ हिंदुस्तानी क्लब हमेशा लोगों के साथ खड़ा रहता है और उनकी मदद करता है। पटना में इस पुण्य कार्य में लगे अपने साथियों को मैं धन्यवाद देता हूं। निरहुआ ने कहा कि पटना की चिंताजनक स्थित को लेकर पूरी भोजपुरी इंडस्ट्री गंभीर है। कई लोगों ने हमसे फोन कर बताया कि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मदद करने को तैयार है। कई लोग आगे भी बढ़ रहे हैं। हम इस बुरे वक्त में पटना के लोगों के साथ हैं। व्यक्तिगत तौर पर हमने यह तय किया है कि हम कुछ गाने बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए गायें। उस गाने की जितनी कमाई होगी, वो बाढ़ पीडितों के बीच बांटा जायेगा। इसके लिए म्यूजिक कंपनी भी तैयार हैं।
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विशेष : जहां आज भी दशहरा के मौके पर राज परिवार करता है तौजी का आयोजन
राजतंत्र से लोकतंत्र में तब्दील हुआ भारत। उपनिवेशी शासनकाल वर्ष 1757 से 1947 तक रहा है। भारत गांवों का देश है, यहां कभी छोटी-बड़ी लगभग 600 से ज्यादा रियासतें हुआ करती थीं। उन्हीं में से एक था बिहार के बक्सर जिले का डुमरांव स्टेट और इसके आखिरी महाराजा बहादुर कमल सिंह हैं। महाराजा बहादुर कमल सिंह अब बुजुर्ग हो चुके हैं मगर अपनी रियासत में राजतंत्र की तरह ही अपने राजसी पूजा पाठ को दशहरा के मौके पर आज भी आयोजित करते हैं। दशहरा में अपने अस्त्र-शस्त्र की पूजा करने की परंपरा राजतंत्र में हुआ करती थी, जिसे आज तक डुमरांव राज करता आ रहा है। अपने पारंपरिक पूजा के मौके पर राज परिवार अपनी पुरानी हवेली जो डुमरांव शहर की गोद में बसा हुआ है। इस परिसर में स्थित बांके बिहारी मंदिर के प्रांगण में सामूहिक पूजा की जाती है। पूजा के दौरान सैकड़ों अतिथियों को आंत्रित किया जाता है। पहले इस पूजा में पारंपरिक अस्त्र शस्त्र की पूजा की जाती थी. मगर अब बहुत कम इसे देखने को मिलता है। भोजपुर कोठी से राज परिवार के आगमन के साथ ही इस परिवार को मच्छली का दर्शन कराया जाता है। पूजा समाप्ति के उपरांत नीलकंठ का भी दर्शन कराए जाने की परंपरा को शुभ माना जाता है। देश आजाद हुआ सिंलिंग एक्ट लगी, जरुरत से ज्यादा भूमि की हदबंदी होने लगी। फिर भी डुमरांव राज ने कई ऐसे काम किए जनमानस के लिए कि वो एक इतिहास साबित हुआ। वर्ष 1952 का दौर था, आजादी के बाद पहली बार लोकतांत्रिक चुनाव हुआ, बक्सर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय कैंडिडेट के रुप में महज 32 साल की उम्र में कमल सिंह को सांसद चुन लिया गया। संसद की सदन में पहुंचने के बाद कमल सिंह की कार्यशैली ने इन्हें तुर्क नेता के रुप में तो स्थापित किया ही इनकी एक अलग छवि निखरकर सामने आयी और लागातार 1962 तक सांसद बने रहे। हलांकि बाद के दौर में इन्हें हार का भी सामना करना पड़ा।
दानवीर राजा हैं कमल सिंहः
आज की तारीख में सभी घोषणा पर घोषणा करते हैं। चुनावी रणनीति के अनुसार बयान देते हैं। मगर इन सभी से इतर हैं वयोवृद्ध महाराजा बहादुर कमल सिंह जिन्होंने स्कूल, कॉलेज, अस्पताल सहित कई नहर और सरोवर, तालाब बनवायी जिससे इस इलाके में रहने वाले लोगों को काफी सुविधाएं मिलती रही हैं। चाहे वो भोजपुर जिले के आरा का महाराजा कॉलेज की भूमि हो, जैन कॉलेज के लिए दान दी गई भूमि हो या फिर प्रतापसागर (एनएच-30) में बिहार का इकलौता टीबी अस्पताल को भूमि दान में दे चुके हैं। इसके अलावे विक्रमगंज (रोहतास) में अस्पताल हो या फिर डुमरांव में राज अस्पताल, इन सभी का इनके द्वारा भूमि दान दी गई हैं।
डुमरांव राजगढ़ है सौ परिवारों का आशियानाः
राजगढ़ के महलों में बैठकर कभी डुमरांव राज अपनी सत्ता का संचालन किया करता था। महलों तक आम आदमी का प्रवेश संभव नहीं था लेकिन वक्त के साथ सब कुछ ऐसा बदला की आज राजगढ़ आम आदमी का आशियाना बन चुका है। कई व्यवसायिक इकाइयों का केंद्र बना हुआ है। सदियों बाद भी राजगढ़ की दीवारें चट्टान की तरह खड़ी है। राजगढ़ का विशाल दरवाजा और दीवारों की कलात्मकता हर नजरों को एकबार अपनी ओर आकर्षित करती है। आज की तारीख में दर्जनों दफ्तर के अलावे परिसर में लगभग सौ परिवारों का निवास स्थल भी बना हुआ है।
राजा होरिल शाह थे डुमरांव राज के संस्थापकः
राजगढ़ वर्तमान में डुमरांव शहर के बीच खड़ा है। परमार क्षत्रीय वंशीय राजा होरिल शाह ने इस नगर की स्थापना की थी। पहले इसे होरिल नगर के नाम से जाना जाता था। 1745 में राजा होरिल ने राजगढ़ के निर्माण की आधार शीला रखी थी। इतिहास की मानें तो इस परिवार के राजा क्षत्रधारी सिंह ने राजमहल और अन्य इमारतों का निर्माण कराया था। महाराजा जय प्रकाश सिंह ने अपने 1805 से 1838 के कार्यकाल के बीच बांके बिहारी मंदिर और बडा बाग का निर्माण कराया था। ये वही बांके बिहारी मंदिर है जिसकी चौखट से शहनाई वादन कर शहनाई नवाज उस्ताद बिस्मिल्लाह खां भारत रत्न तक से नवाजे गए। राजगढ़ के दो विशाल दरवाजों के पास आज भी डुमरांव राज परिवार के सुरक्षा गार्ड तैनात रहते है।
वर्ष 1940 में डुमरांव राज पुराना भोजपुर शिफ्ट हुआ थाः
डुमरांव शहर से महज 3 किमी उत्तर की ओर पुराना भोजपुर स्थित डुमरांव महाराजा की कोठी है, डुमरांव राज परिवार के युवराज चंद्र विजय सिंह की मानें तो वर्ष 1940 के आसपास पूरा परिवार यहां आ गया, लेकिन राजगढ़ से लगाव कम नहीं हुआ है। आज भी दशहरा में तौजी परंपरा का निर्वहन यहीं किया जाता है।
विरासत को संभाल रहे कमल सिंह के पुत्रः
डुमरांव महाराजा कमल सिंह के साथ-साथ उनके दो पुत्र युवराज चंद्र विजय सिंह (बड़ें) दूसरे कुमार मान विजय सिंह का पूरा परिवार इस अहाते में निवास करता है। इस कोठी की खास बात ये है कि इसमें बड़े पैमाने पर खेती होती है। कई परिवारों का डुमरांव राज से जीविकोपार्जन होता है। कमल सिंह की बहुत बुजुर्ग हो चुके हैं, इनके बाद युवराज चंद्र विजय सिंह राजनीति में काफी रुचि लेते थे, मगर युवराज चंद्र विजय सिंह के पुत्र शिवांग विजय सिंह, जो युवाओं के बीच काफी पापूलर भी हैं, भारतीय जनता पार्टी की राजनीति करते हैं।
‘कमल’ सिंह का ‘कमल’ निशान हमेशा बना रहाः
राजा कर्ण सिंह, माधव राव सिंधिया, पूर्व प्रधानमंत्री वी.पी.सिंह, त्रिपुरा स्टेट, रीवा स्टेट सहित कई स्टेटों से डुमरांव महाराजा की रिश्तेदारी है। इसमें से कई परिवार राजनीति के शिखर पर हैं। वर्ष 1980 में जिस कमल के फूल को भाजपा ने अपना सिंबल बनाया उसी को अपना सिंबल बनाकर 1952 से लेकर 1962 तक महाराजा बहादुर कमल सिंह निर्दलीय चुनाव जीतकर संसद पहुंचने वाले युवा सांसद हुए थे। इस रियासत की खास बात ये है कि आज भी यह परिवार कमल निशान पर ही भरोसा जताता है।
‘हाफ गर्ल फ्रेंड’ पुस्तक के लिए चेतन भगत मांग चुके हैं माफीः
डुमरांव राज परिवार को केंद्र में रखकर चेतन भगत ने हाफ गर्ल फ्रेंड पुस्तक की रचना कर शोहरत तो खासी बटोरी मगर उस वक्त इन्हें फजीहत झेलनी पड़ी जब डुमरांव राज के युवराज चंद्र विजय सिंह ने एक करोड़ रुपए की मानहानि का दावा कर दिया था। हलांकि इस खबर के बाद चेतन भगत को डुमरांव राज परिवार से माफी मांगनी पड़ी थी।
मुरली मनोहर श्रीवास्तव
लेखक सह पत्रकार, डुमरांव (बक्सर)
मो. 9430623520
(राजनीतिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक मुद्दों पर लगातार रिसर्च करते रहते हैं)
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सनाया ईरानी ने घोस्ट क्यों की साइन, वजह जान चौंक जाएंगे आप
मैंने अपने डर का सामना करने के लिए यह भूमिका निभाई: सनाया ईरानी
जब भारत में हॉरर जॉनर की बात आती है, तो विक्रम भट्ट निस्संदेह गेम-चेंजर हैं और उन्होंने बार-बार अपनी योग्यता साबित की है। उनकी अगली फिल्म घोस्ट में खूबसूरत सनाया ईरानी और शिवम भार्गव मुख्य भूमिका में हैं। सनाया, जो अब तक रिलीज हो चुकी क्लिप में अपने अभिनय और आत्मविश्वास के लिए काफी प्रशंसा प्राप्त कर रही हैं, खुद डरावनी फिल्मों से डरती रही है। फिर उन्होंने घोस्ट जैसी फिल्म क्यों साइन की? उन्होंने खुलासा किया कि वह हमेशा हॉरर फिल्मों से डरती रही है लेकिन उन्हें ऐसी फिल्म देखना बहुत पसंद है। उन्होंने घोस्ट करने का फैसला इसलिए लिया कि वह अपने डर का सामना करना चाहती थी और उन्होंने ऐसे दृश्यों के लिए कैमरे का सामना करने का फैसला किया, जिसे वह एक आंख बन्द कर के देखती है। सनाया ईरानी कहती हैं,“जब भूत की कहानियों की बात आती है तो मुझे बहुत डर लगता है। मैं उन्हें देखना बहुत पसंद करती हूं, लेकिन वास्तव में मैं भूत को थिएटर में सुनती हूं क्योंकि मेरी आंखें बन्द रहती है। घोस्ट भी एक ऐसी फिल्म है और मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं अब खुद स्क्रीन पर हूं। मैंने अपने डर का सामना करने के लिए इस भूमिका को निभाया और मुझे खुशी है कि मैंने ऐसा कर दिखाया। इस फिल्म में अभिनय करना मेरे लिए एक शानदार अनुभव रहा।” विक्रम भट्ट ने बताया कि घोस्ट का विचार उन्हें तब आया जब उन्होंने एक अखबार में पढ़ा कि कैसे एक ब्रिटिश अदालत ने एक मामले में एक आत्मा के ट्रायल की अनुमति दी. उन्हें इस फिल्म में अपनी ऊर्जा लगाने का फैसला किया. वाशु भगनानी प्रोडक्शन की घोस्ट का निर्देशन विक्रम भट्ट ने किया है. ये फिल्म 18 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.
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बिहार : जानलेवा अक्यूट लिम्पोप्लास्टिक ल्यूकेमिया से पीड़ित है प्रीतीश पंकज
खेलने व पढ़ने के समय में बीमारी से जूझने को बाध्य एक मामूली चालक पंकज आल्फ्रेड की शक्ति से बाहर की बात है कैंसर के जबड़े से पुत्र को बाहर निकाल पाना।
पटना, एक मामूली चालक पंकज आल्फ्रेड की शक्ति से बाहर की बात है कैंसर के जबड़े से पुत्र प्रीतीश पंकज को बाहर निकाल पाना। कुर्जी पल्ली अन्तर्गत गंगा विहार कॉलोनी में रहते हैं पंकज आल्फ्रेड। उनका पुत्र का नाम है प्रीतीश पंकज । खेलने एवं पढ़ने के समय 8 साल में ही प्रीतीश पंकज जानलेवा अक्यूट लिम्पोप्लास्टिक ल्यूकेमिया से पीड़ित हो गया है । प्रीतीश पंकज के पिताजी पंकज आल्फ्रेड ने अपने सार्मथ्य के बल पर क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज,वेल्लोर में भर्ती कराकर इलाज कराएं। हर द्वार थकने के बाद पंकज आल्फ्रेड ने बी.जे.पी.के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह के द्वार पर दस्तक दिए। बताया गया कि अक्यूट लिम्पोप्लास्टिक ल्यूकेमिया से पीड़ित प्रीतीश पंकज को बोनमैरो ट्रांसप्लांट करना होगा।करीब 35 लाख रू. व्यय करना होगा। जो इस गरीब परिवार के सीमा से बाहर की बात है। बेड पर लेटे प्रीतीश पंकज ने मुख्यमंत्री नीतीश अंकल से आग्रह किया है कि आप मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री जी मिलकर जिंदगी बचा ले। यहां बताना जरूरी है आईजीआईएमएस,पटना में अब बोनमैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा बहाल हो गई है। राज्य में पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध हुई है। संस्थान में पहला बोनमैरो ट्रांसप्लांट सफल रहा। इस बोनमैरो ट्रांसप्लांट में करीब पौने चार लाख रुपए खर्च हुए है। बोनमैरो ट्रांसप्लांट के लिए मरीज को राज्य सरकार ने अनुदान दिया था।
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विशेष : कैसे होगा जैव विविधता का विकास और संरक्षण?
वर्ष 2020 में जब संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित जैव विविधता दशक का समय पूर्ण होगा, उसी समय भारतीय जैव विविधता अधिनियम भी वयस्क हो जाएगा। 11 दिसंबर 2002 को जैव विविधता अधिनियम पारित किया गया था। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण बनाया गया। जिसका मुख्यालय चैन्नई में स्थापित किया गया। इसके साथ ही सभी राज्यों में जैव विविधता बोर्ड का गठन भी किया गया। इसके साथ ही स्थानीय निकायों, ग्राम पंचायतों और शहरी निकायों में जैव विविधता प्रबंधन समितियों के गठन का भी प्रवधान किया गया जो इस अधिनियम को लागू और क्रियान्वयन करने के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी बनाये गए हैं। 14 सितंबर 2010 को राजस्थान में जैव विविधता बोर्ड का गठन हुआ। लेकिन बोर्ड के प्रावधान के अनुसार स्थानीय निकायों में जैव विविधता प्रबंधन समितियों का गठन नहीं हुआ है। अरावली पवर्त श्रृंखलाओं और थार का रेगिस्तान की मिश्रित जैव विविधता की पहचान रखने वाला राजस्थान ही जैव विविधता कानून और प्रावधानों से पूरी तरह वंचित है।
किसी भी प्राकृतिक ज़ोन में सभ्यता का विकास जैव विविधता के बिना संभव नहीं हुआ है। यह किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में पाए जाने वाले जीवों और वनस्पतियों की संख्या पर आधारित होता है। इसका संबंध पौधों के प्रकारों, प्राणियों एवं सूक्ष्म जीवों की विविधता से है। जैव विविधता से मृदा का निर्माण, मृदा कटाव रोकथाम, परागण तथा जैविकीय अपषिष्टों के पुनःचक्रण की प्रक्रिया संचालित होती है, जो मानव सभ्यता के अस्तित्व का आधार है। जैव विविधता के कारण ही खेती, पशुपालन, फलोत्पादन और खाद्यान्न उत्पादन की गतिविधियां संचालित हो पाती है। मानव बस्तियों के आस-पास तनाव मुक्त स्वस्थ्य वातावरण का निर्माण इन्हीं जैविकीय क्रियाओं से संभव होता है। बहुत से औषधीय तत्व जैव विविधता के कारण ही प्राप्त होते हैं, जिनसे रोगमुक्त दवाओं का निर्माण होता है। थार का रेगिस्तान जैव विविधता का धनी होने के कारण ही यहां जीवन की संभावनाएं और उत्कृष्ट सभ्यता विकसित हुईं।
लेकिन पिछले पांच छः दशकों में आधुनिक विकास के नाम पर कुछ ऐसी भूलें हुईं हैं, जिससे यहां की जैव विविधता के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया। बहुत से प्राणी और पादप जीव लुप्त हो गए और बहुत से लुप्त होने के नजदीक हैं। विकास के नाम पर रेगिस्तान में इंदिरा गांधी नहर के आगमन, कृषि यांत्रिकरण के तहत ट्रेक्टर से खेतों की बुआई, सिंचित खेती में रसायनों का उपयोग, पारंपरिक जल स्रोतों व चारागाहों के विकास की अनदेखी, पर्यावरणीय मानदंडों को दर किनार कर किया जाने वाला खनन कार्य, जीवों के प्राकृतिक वास के नजदीक से निकाली गई सड़कें, विद्युतिकरण के खुले तारों, मोबाइल टावरों से निकले वाली तरंगों, विंड एनर्जी की पवन चक्कियों, समुदाय की जैव विविधता के प्रति समझ की कमी जैसे प्रमुख कारण है जिससे दुनिया की अनूठी जैव विविधता पतन की तरफ बढ़ रही है।
ट्रैक्टर से खेती ने रेगिस्तान की जैव विविधता को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। बहुत सी वनस्पतियां धीरे-धीरे समाप्त हो रही है। रेगिस्तान को बांध कर रखने वाला फोग का पौधा लुप्त होने के नजदीक है। हल्की सी बरसात से हरी होने वाली सेवण, धामण, मुरट, देषी बोरड़ी कुछ स्थानों पर ही देखने को मिलती है। भुरट, बेकरियां, कांटी, झेरणियां घास, साटा, चंदलिया, गंठिया घास, तूंबा, अष्वगंधा, शंखपुष्पि, धतूरा, रीगणी, चामकस जैसे असंख्य औषद्यीय पौधे भी लगभग गायब हो रहे हैं। जैव विविधता की कमी ने रेगिस्तान के प्रसार को बढ़ाया है। कृषि योग्य उपजाऊ भूमि को धीरे-धीरे रेगिस्तान निगल रहा है। इन सब बदलावों के बावजूद राजस्थान का जैव विविधता बोर्ड निष्क्रिय बना हुआ है।
जीव-जंतुओं की प्रजातियों पर भी आधुनिक विकास का कहर जारी है और गिद्द, जंगली कौआ, नीलकंठ, कठफोड़वा, उल्लू और चील जैसे पक्षी रेगिस्तान से गायब हो गए। आज की नई पीढ़ी इन्हें केवल किताबों, अथवा चित्रों में ही देख पाती हैं। मृत जानवरों के अवषेष ठिकाने लगाने वाले सियार, नाहर, गादड़ा, लकड़बग्धा जैसे जीवों की अनुपस्थिति में वातावरण सड़ांध मारता है। वातावरण को दूषित करते हैं। ऐसी स्थितियां उत्पन्न होने के बावजूद राज्य का जैव विविधता बोर्ड रेगिस्तान की जैव विविधता को लेकर उदासीन है।
रेगिस्तान में पारंपरिक जल स्रोत और ओरण व गौचर के नाम से छोड़े गए चारागाह जैव विविधता विकास और संरक्षण के सबसे बड़े स्रोत हैं। लेकिन दिनों दिन इनकी हालत बिगड़ती जा रही है। विकास के नाम पर लाए गए पेयजल के वैकल्पिक स्रोत और दूसरे राज्यों से लाया गया चारा, इन्सानों और पालतु पशुओं के संकट को कुछ समय तक टाल सकते हैं, लेकिन जैव विविधता के खात्मे की भरपाई नहीं कर सकते। जीवन को चारा पानी के अतिरिक्त भी जीने के लिए कुछ और चाहिए। विकास के नाम पर जुटाई गई वैकल्पिक व्यवस्थाओं के कारण पारंपरिक जल स्रोतों, चारागाहों से सरकार व समुदाय का ध्यान हट गया। पारंपरिक जल स्रोत सूख गए और चारागाह वनस्पति विहीन हो जाने से जैव विविधता का बड़ा नुकसान हो रहा है। पानी की अनुलब्धता और अवरूद्ध हुए स्थानीय वनस्पतियों के विकास ने यहां के प्राणियों के सामने पानी और भोजन का संकट पैदा कर दिया, जिसके कारण या तो वे समाप्त हो गए अथवा स्थान छोड़ कर अन्य अनुकूलन स्थानों में प्रवास कर गए।
जैव विविधता के नष्ट होने का असर केवल रेगिस्तान पर ही नहीं पड़ेगा बल्कि दूसरे क्षेत्र भी प्रभावित होंगे। तेजी से विस्तार हो रहा रेगिस्तान प्रति वर्ष कृषि की उपजाऊ भूमि को लील रहा है। भूमि की उपजाऊ क्षमता घट रही है। फसलों और वनस्पतियों को नुकसान पहुंचाने वाले जीवों की संख्या बढ़ रही है। भूमि की क्षारीयता में वृद्धि हो रही है। पर्यावरण और पारिस्थितिक तंत्र को नष्ट कर विकास की बुलंदियों को छूने वाली मानवीय फितरत के कारण उत्पन्न जलवायु परिवर्तन केे प्रभाव ने रेगिस्तान में हो रहे इस बदलाव की गति पर विपरीत प्रभाव डाला है। रेगिस्तान का विस्तार अब दूसरे राज्यों में भी हो रहा है। पानी का संकट बढ़ रहा है। बदलते मानसून चक्र और तरीकों के कारण सामान्य बरसात होने के बावजूद सूखा और अकाल की उपस्थिति बढ़ रही है।
समाज और सरकार दोनों के लिए सोचने वाली बात है कि पौधों की जड़ों में सरंक्षण लेने वाले सूक्ष्म जीवों के खात्मे से मृदा का निर्माण कैसे होगा? स्थानीय वनस्पतियां समाप्त होने से मृदा का कटाव कैसे रूकेगा? परागण करने वाले कीटों की समाप्ति से भला फसलों में जान कैसे आ जाएगी? जलस्रोतों और चारागाहों के नष्ट होने से पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करने वाले जीव-जंतु कहां बसाएंगे अपना बसेरा ? और यह सब नहीं रहेंगे तो कैसे बचेगा मानव का अस्तित्व? अब समय चिंता प्रकट करने और कन्वेंसन, सम्मेलन, बैठकों में संकल्प और घोषणाएं पारित करने का नहीं है। स्थितियां और बदतर हो, इससे पूर्व संभल जाने का समय है, कुछ करने का समय है, खोई हुई प्राकृतिक संपदा को पुनः जीवित करने का समय है। राज्यों में निष्क्रिय हो चुके जैव विविधता बोर्ड को फिर से जगाने का समय है। जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता ह्रास, पारिथितिक अनुकूलनता के प्रति सोए हुए जिम्मेदारों को नींद से जगाने का काम अब आमजन को करना ही होगा।
दिलीप बीदावत
(चरखा फीचर्स)
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बिहार : विज्ञाव व सामाजिक विज्ञान विषय पर प्रदर्शनी
औरंगाबाद. औरंगाबाद जिले के डीएम राहुल रंजन महिवाल और उनकी धर्मपत्नी खुशबू महिवाल हैं. राहुल रंजन 2005 बैच के आइएएस अधिकारी हैं. गायत्रीपथ, बाईपास चौक के निकट,एनएच 98 पर अवस्थित विख्यात सेंट इग्नासियुस हाई स्कूल में मुख्य अतिथि के रूप में आए थे. यहां के सेंट इग्नासियुस हाई स्कूल में विज्ञाव व सामाजिक विज्ञान विषय पर प्रदर्शनी आयोजित था.मौके पर औरंगाबाद जिले के डीएम राहुल रंजन महिवाल और उनकी धर्मपत्नी खुशबू महिवाल, फादर साजी मैथ्यू, फादर नौबर्ट मैनेजिस और फादर मनीष ओस्ता ने मिलकर दीप जलाकर विज्ञाव व सामाजिक विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन किये.कक्षा बारहवीं तक के बच्चों ने शानदार ढंग से स्वनिर्मित कलावस्तु का इजहार किए. इसको देखकर मुख्य अतिथि काफी प्रोत्साहित हुए. वहीं उन्होंने सेंट इग्नासियुस हाई स्कूल की तारीफ भी किए. जो सामाजिक विज्ञान प्रदर्शनी को उच्चतम शिखर तक पहुंचाने में बच्चों का बौद्धिक विकास करने में सक्षम रहे. सभी लोगों के बीच में उत्साह चरम पर है जो दिख रहा है. बच्चों का कला प्रदर्शन को परखने हेतु सर्वश्री प्रो.सी.एस.पांडेय, प्रो.रामाधार सिंह और डॉ.बिरेन्द्र कुमार को जज बनाया गया.दीन दयाल,शैलेश कुमार,प्रवीण कुमार,दीपक,निशांत,शगुप्ता आदि उपस्थित रहे.सुमन राज ने कहा कि त्योहार के बाद स्कूल खुलने पर पुरस्कार वितरण किया जाएगा.
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एडुटेनमेंट शो MKBKSH ने पांच वर्षों के भीतर पूरा किया अपना तीसरा सीज़न
बिहार की निरमा देवी बनी परिवार नियोजन चैंपियन एक भारतीय टीवी शो जो समाज पर असर डालने की उम्मीद करता है
दूरदर्शन के प्रमुख एडुटेनमेंट शो में से एक ‘मैं कुछ भी कर सकती हूँ’(MKBKSH) ने हाल ही में पांच वर्षों के भीतर अपने तीन सीजन के दौरान 183 एपिसोड पूरे कर लिए हैं। यह शो लैंगिक समानता, परिवार नियोजन, हिंसा तथा युवा यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जैसे वर्जित विषयों पर बातचीत शुरू करने में सफल रहा है। शो का निर्माण राष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया(PFI) द्वारा किया गया है। सीज़न 3 में, इसने सरकार के फोकस के दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों को उठाया, बेहतर स्वास्थ्य के लिए साफ-सफाई और स्वच्छता को बढ़ावा देना और दंपत्ति व युवाओं को उनके प्रजनन स्वास्थ्य और परिवार नियोजन से संबंधित विकल्प अपनाने के लिए सशक्त बनाना। शो को दूरदर्शन के राष्ट्रीय और 14 क्षेत्रीय चैनलों और देशभर के 216 ऑल इंडिया रेडियो स्टेशनों के माध्यम से हिंदी और 12 भाषाओं में प्रसारित किया गया। तीन सीजन में, दर्शकों से 20 लाख से अधिक कॉल शो के इंटरैक्टिव वॉइस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) को मिले। इस शो के प्रभावों का मूल्यांकन स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा किया गया है। परिणाम बताते हैं कि शो देखने के बाद, घरेलू हिंसा को स्वीकार्य बताने वाले पुरुषों का प्रतिशत 66% से घट कर 44% हो गया। शो देखने के बाद, कम उम्र के विवाह के दुष्परिणामों को समझने वाले पुरुषों का प्रतिशत 2% से बढ़कर 31% हो गया। शो के आधे दर्शकों ने बताया कि उन्हें इस शो से पहली बार परिवार नियोजन के बारे में जानकारी मिली है।
शो की नायिका डॉ स्नेहा माथुर की रील लाइफ, जिसमें वो प्रतिगामी सामाजिक मानदंडों के खिलाफ लड़ाई लड़ती है, से प्रेरित कई वास्तविक जीवन की कहानियों में शो का प्रभाव दिखता है। मध्य प्रदेश के नयागांव के २१ वर्षीय लाडकुंवर कुशवाहा कॉलेज से स्नातक करने वाली गाँव की पहली लड़की बनी। इस कार्यक्रम ने मध्य प्रदेश के छतरपुर में पुरुषों के एक समूह को परिवार नियोजन अपनाने और अपनी पत्नी के साथ घर की जिम्मेदारियों को साझा करने के लिए प्रेरित किया। बिहार में गया की निरमा देवी ने अपने पति को परिवार नियोजन अपनाने के लिए राजी किया और अब अपने समुदाय में वो परिवार नियोजन चैंपियन बन गई हैं। शो के निर्माता, प्रसिद्ध फिल्म और थिएटर निर्देशक फिरोज अब्बास खान कहते हैं, "जब मैंने पांच साल पहले शो का कॉन्सेप्ट लिखा था, तो इन पांच सालों में हमने जिस तरह के प्रभाव को देखा है, उसकी मैं कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था। मैं एक उच्च गुणवत्ता वाला शो बनाना चाहता था जो बिना प्रचार के महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर प्रभावी ढंग से संवाद कर सके। तीन सत्रों के दौरान, मैं कुछ भी कर सकती हूँ पूरे भारत में महिलाओं के लिए एक सशक्त नारा बन गया है। इससे मुझे बहुत खुशी मिलती है कि शो के पात्र घरेलू नाम बन गए हैं और लोगों ने शो के संदेश और भावना को आत्मसात कर लिया है।”
पीएफआई की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा कहती हैं, ''विश्व स्तर पर माना जाता है कि सिर्फ सूचना से व्यक्ति या समुदाय के स्तर पर व्यवहार में बदलाव नहीं आता है। हमने इस शो को एक ऐसे एडुटेनमेंट कार्यक्रम के तौर पर बनाया, जो बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंच कर सकारात्मक भूमिका के माध्यम से लोगों के जीवन की कहानियों को बदल दे। पूर्वाग्रहों और प्रतिगामी मानदंडों के खिलाफ होने के बावजूद, इस शो ने भारी संख्या में दर्शकों से लोकप्रियता हासिल की है। इस यात्रा में, हमें दूरदर्शन का पूरा समर्थन मिला है, जिन्होंने एक ऐसे शो की आवश्यकता को पहचाना और इसे देश के सबसे दूरस्थ हिस्सों में ले जाने में हमारा समर्थन किया। ये शो सोशल मीडिया, आईवीआरएस और अब शो के फेसबुक पेज पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित चैटबोट जैसे ट्रांसमीडिया एक्सटेंशन का उपयोग करता है। चैटबोट युवाओं को एक सुरक्षित और अनाम तरीके से यौन और प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों पर जानकारी लेने और चर्चा करने की अनुमति देता है।" इस शो को शबाना आजमी, शर्मिला टैगोर, सोहा अली खान और फरहान अख्तर सहित शीर्ष फिल्म हस्तियों ने समर्थन दिया है। तीन सत्रों के दौरान इस शो ने कई ऐसे मुद्दों को उठाया है, जिसे आमतौर पर टीवी धारावाहिक बचते है, जैसे मासिक धर्म, हस्तमैथुन और गर्भनिरोधक उपाय। शो के पहले सीज़न में 52 एपिसोड शामिल थे, जिसमें बाल विवाह, जन्म के समय लिंग चयन और लैंगिक भेदभाव जैसे मुद्दे थे। 79 एपिसोड का दूसरा सीज़न युवाओं और किशोरों पर केंद्रित था। तीसरा सीज़न स्वच्छता और परिवार नियोजन जैसे मुद्दों पर बात करता है और हाल ही में इसके 52 एपिसोड पूरे हुए है। शो के तीसरे सीज़न का निर्माण आरईसी फाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के सहयोग से किया गया था। पहले 104 एपिसोड डीएफआईडी (यूके डिपार्टमेन्ट फॉर इन्टरनेशनल डेवलपमेंट) द्वारा समर्थित थे और बीएमजीएफ ने सीजन 2 के 27 एपिसोड का समर्थन किया था।
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झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 24 अक्टूबर
प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों ने किया गांव का भ्रमण, स्वच्छता अभियान को लेकर निकाली गई रैली
समाजसेवियों ने प्रषिक्षु अधिकारियों का साफा बांधकर किया सम्मान
झाबुआ। प्रषिक्षु आईएएस अधिकारियों का दल लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रषासनिक अकादमी मसूरी से पेटलावद विकासखंड के ग्राम पंचायत झकनावदा में सात दिवसीय भ्रमण पर पहुंचा। जहां प्रषिक्षु आईएएस अधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्र की भौगोलिक एवं मूलभूत जानकारी लेने के साथा यहां के रहन-सहन को देखा। साथ ही झकनावदा नगर का भ्रमण कर विद्यालय, आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, महिला स्व.सहायता समूहों से चर्चा कर जानकारी प्राप्त की। प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों का दल झकनावदा में ग्राम पंचायत पर ठहरा था। यहाॅ सात दिनो तक दल ने रूक कर विभिन्न जानकारियां एकत्रित की। ग्राम पंचायत सचिव भीमसिंह कटारा एवं स्टाॅफ द्वारा अधिकारियों के ठहरने की व्यवस्था की गई।
समूह से की चर्चा
झकनावदा में संचालित हो रहे महिला स्वयं सहायता समूह से मुलाकात कर उनसे चर्चा की। बाद शासकीय उत्कृष्ट बालक प्राथमिक विद्यालय पहुंच कर वहां की शैक्षणिक गतिविधियों को देख कर आईएएस अधिकारीयों ने स्कुल का भ्रमण कर दिवार पर बनी पेंटीग, षिक्षा के क्षेत्र,ं क्रीड़ा के क्षेत्र एवं अन्य गतिविधियों को देख कर प्रसंषा जाहिर की। स्कूल के षिक्षक हेमेन्द्र जोषी से चर्चा में कहा की यदि आप जैसे हर षिक्षक इस प्रकार छात्रो को किताबी ज्ञान के साथ-साथ सोष्यल एक्टीविटी एवं संगीत, कम्प्यूटर ज्ञान दे, तो प्रायवेट स्कूल से भी अच्छी षिक्षा शासकीय स्कूलों में भी आसानी से प्राप्त हो सकती है।
कन्या शाला के प्रांगण के पसरी गंदगी
प्रषिक्षु आईपीएस अधिकारी भरत सोनी ने बताया कि उन्होंने शासकीय उत्कृष्ट कन्या विद्यालय झकनावदा पहुंचकर छात्राओं से चर्चा की गई तो छात्राओं ने उनकों बताया कि दुूध नही मिलता है, इस पर श्री सोनी ने कहा कि पोषक आहार के रूप में दुूध स्वास्थ्य सुधार में महत्व पुर्ण है। बालिकाओं को दूध तो समय पर मिलना ही चाहिए। साथ ही स्कूल के बाहर गंदगी भी पसरी है, गंदगी को खत्म करवाने की बात कहीं। साथ ही बताया कि गंदगी से मच्छर उत्पन्न होते है व मच्छरो से मलेरिया, डेगंू, टायफाईड जैसी घातक बिमारीया उत्पन्न होती है।
अस्पताल का किया दौरा
झकनावदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुॅच कर स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में बीएलओं चिकित्सक डाॅ. एमएल चैपड़ा से चर्चा की। साथ ही अस्पताल में उपचार करवाने आए हुए मरीजों से भी दल के सदस्यों ने चर्चा स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली।
आईएएस अधिकारियों ने बताया भ्रमण पर आए अधिकारी आईपीएस भारत सोनी, आईएएस अन्या दास, आईएएस दीपक दुबे, आईएएस जय किषन ,आईएफएस मोहम्मद अब्दुल जलील, आईएफएस रंगाश्री ने बताया की हमारा मुख्य उदेष्य है कि हम सात दिवसीय गांव के भ्रमण पर आये है व हमें झाबुआ जिला भ्रमण हेतु इसलिए दिया गया कि यह झाबुआ जिला 80 प्रतिषत आदिवासी अंचल है। साथ ही गुजरात से लगा हुआ है। यहां के कई ग्रामीण अधिकांष पलायन पर रहते है। साथ ही हमने यहां स्वास्थ्य, षिक्षा व्यवस्था, विधवा पेंषन, माॅडल स्कूल, छात्रों की षिक्षा के प्रति रूचि, गांव में गंदगी, ग्राम पंचायत की व्यवस्था को देखा। यह देखने के बाद हम जब वापस यहां से जाएंगे तो झाबुआ कलेक्टर प्रबल सिपाहा से मिलकर हमारे द्वारा देखा गया उक्त अनुभव पर उनसे चर्चा करेगे।
छात्रों ने बनाई रांगोली
स्कूली छात्रों ने आईएएस अधिकारियों की उपस्थिति में ग्राम पंचायत भवन पर भोगोलिक व सामाजिक स्थिति के नक्षे के रूप में रांगोली बनाई। जिसमें बच्चो ने झकनावदा के प्रमुख मार्गो, अस्पताल, स्कूल, पंचायत, आंगनवाड़ी, जंगल, नदी, कृषि, वृक्ष आदि का विवरण किया। रांगोली देखकर अधिकारियों ने बच्चो की प्रंसषा की। साथ ही अधिकारियों ने छात्रो से चर्चा की एवं उनसे जाना कि आप पढ़-लिख कर भविष्य में क्या बनना चाहंोगे, जिसका बच्चो ने अपना-अपना जवाब दियां अधिकारियों ने कहा कि आपके सपने साकार तभी होगे, जब आप पूरी मेहनत एवं लगनता से पढ़ाई करेंगे तथा अपने लक्ष्य को पाने के लिए आपको अपने षिक्षको द्वारा दिए गए संस्कारों को अपने जीवन में उतारना होगा।
बस स्टैंड पर चलाया स्वच्छता अभियान
स्थानीय शासकीय हाई स्कुल प्रांगण से नगर में स्वच्छता अभियान के तहत स्कुली छात्र-छात्राओं की रैली निकाली गई। रैली में नन्हें बच्चों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी की वेषभूषा में ग्रामीणों को स्वच्छ गांव रखने का संदेष दिया। जिसमें समस्त अधिकारियों एवं ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। साथ ही गली मोहल्लो में पसरी गंदगी को स्वयं ग्रामीणों एवं अधिकारियों ने अपने हाथों से एकत्रित कर थैलो में डाले। साथ ही ग्राम पंचायत का कचरा वाहन रैली के पीछे-पीछे चलता रहा। रैली राजगढ़ रोड़ स्थित कन्या शाला के पास पहंुंची, जहां समस्त अधिकारी-कर्मचारियों ने हाथ में बागरा लेकर स्कूल प्रांगण से बस स्टेण्ड व अस्पताल मैदान में कचरा निकाल कर स्वच्छता अभियान चलाया। साथ ही प्रषिक्षुओं ने समस्त दुकानदारों को कचरा डस्टबिन में डालने की सलाह दी।
प्रशिक्षु आईएएस का किया सम्मान
बस स्टैंड के समीप छात्रावास मैदान में नगर के समाजसेवियों ने स्वच्छता अभियान के समापन पर आईपीएस भारत सोनी, आईएएस अन्या दास, आईएएस दीपक दुबे, आईएएस जय किषन, आईएफएस मो. अब्दुल जलील,आईएफएस रंगाश्री टीके का नगर के समाजसेवीयांे, जैन समाज, ग्राम पंचायत झकनावदा, राठौड़ समाज, पत्रकार संघ झकनावदा, द्वारा पुष्पमाला पहनाकर एवं साफा बांधकर सम्मान किया गया। आयोजन का संचालन हेमेन्द्र जोषी ने किया। आभार स्कूल प्राचार्य रमेष चैरसिया ने माना।
चतुर्थ राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर 25 अक्टूबर को शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में निःषुल्क चिकित्सा षिविर का होगा आयोजन, आयुर्वेदिक औषधियों की प्रदर्षनी भी लगाई जाएगी
झाबुआ। चतुर्थ आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष में 25 अक्टूबर, शुक्रवार को स्थानीय आॅफिसर्स काॅलोनी स्थित शासकीय जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय में निःषुल्क चिकित्सा षिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें रोगियों का चिकित्सकों द्वारा परीक्षण एवं परामर्ष बाद दवाईयों को भी निःषुल्क वितरण होगा। जानकारी देते हुए जिला आयुष अधिकारी डाॅ. मीना भायल ने बताया कि राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर प्रतिवर्ष आयुर्वेदिक चिकित्सालय पर षिविर का आयोजन किया जाता है। 25 अक्टूबर, शुक्रवार को सुबह 10 बजे षिविर का शुभारंभ इस दिन धनतेरस पर्व होने से भगवान धन्वंतरिजी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया जाएगा। बाद षिविर में आयुष अधिकारी डाॅ. मीना भायल एवं चिकित्सालय प्रभारी डाॅ. दीपक कटोता द्वारा रोगियों का आयुर्वेदिक पद्धति से स्वास्थ्य परीक्षण कर परामर्ष के साथ चिकित्सालय स्टाॅफ द्वारा दवाई वितरण किया जाएगा।
सभी प्रकार के रोगों की होगी जांच
षिविर के सभी प्रकार के रोगों की जांच की जाएगी। साथ ही षिविर स्थल पर आयुर्वेदिक औषधियों की प्रदर्षनी भी लगाकर लोगों को इसकी जानकारी दी जाएगी। षिविर सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक चलेगा। डाॅ. मीना भायल एवं डाॅ. दीपक कटोता ने शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के सभी लोगों से षिविर में अधिक से अधिक संख्या में पधारकर लाभ लेने की अपील की है।
श्वेतांबर-दिगंबर पंथ जरूर अलग-अलग, लेकिन धर्म स्वरूप सभी का एक -ः अष्ट प्रभावक नरेन्द्र सूरीष्वरजी, चंद्रप्रभु नसिया भवन पहुंचे अष्ट प्रभावक नरेन्द्र सूरीजी एवं प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी
झाबुआ। स्थानीय श्री ऋषभदेव बावन जिनालय में चातुर्मास हेतु विराजमान राजस्थान केसरी, अष्ट प्रभावक आचार्य नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा ‘नवल’ एवं प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा ‘जलज’ काॅलेज मार्ग स्थित श्री चंद्रप्रभु नसिया भवन पर चंद्रप्रभु स्वामीजी के दर्षन-वंदन हेतु पहुंचे। जहां प्रवेष द्वार पर दिगंबर जैन समाज के वरिष्ठजनों द्वारा नवल एवं जलज की आगवानी करते हुए गहूली की गइ्र्र। बाद नरेन्द्र सूरीष्वरजी एवं जिनेन्द्र विजयजी ने नसिया भवन में मूलनायक भगवान श्री चन्द्रपभु स्वामीजी एवं पाष्र्वनाथ स्वामीजी के दर्षन-वंदन कर चैत्यवंदन किया। अंत में दिगंबर समाजजनों को प्रवचन भी दिए। आचार्य नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा एवं जिनेन्द्र विजयजी मसा के काॅलेज मार्ग स्थित नसिया भवन पहुंचने पर यहां आगवानी करते हुए दोनो मसाद्वय के सम्मुख अक्षत एवं श्रीफल से गहूली दिगंबर जैन समाज के वरिष्ठजनों में निर्मल मोदी, जंयतीलाल शाह, सुरेषचन्द्र जैन, श्रीकांत शाह, विजयकुमार शाह आदि ने की। बाद अष्ट प्रभावक एवं प्रन्यास प्रवर ने नसिया भवन के अंदर प्रवेष कर ंपहले मूलनायक भगवान श्री चंद्रप्रभु स्वामीजी के दर्षन किए। बाद पाष्र्वनाथ स्वामीजी के दर्शन कर चैत्यवंदन किया। इस अवसर पर आचार्य एवं प्रन्यास प्रवर के साथ श्वेतांबर जैन श्री संघ की ओर से अध्यक्ष संजय मेहता, श्री नवल स्वर्ण जयंती चातुर्मास समिति से वरिष्ठ निलेष लोढा, जितेन्द्र जैन, अक्षय लोढा, वैभव जैन आदि उपस्थित थे। बाद दिगंबर जैन समाज के श्रीकांत शाह ने मसाद्वय को नसिया भवन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह भवन विक्रम संवत 1548 में स्थापित हुआ है। यह सबसे प्राचीन जैन तीर्थ है। साथ ही बताया कि डेढ़ वर्ष पूर्व नसिया भवन का जीर्णोद्धार कार्य भी समाज की ओर से किया गया है।
नसिया भवन एक सुंदर तीर्थ स्थान के साथ आत्मिक शांति का भी कंेद्र
प्रवचन के क्रम में सर्वप्रथम गुरूवंदन श्वेतांबर जैन श्री संघ अध्यक्ष संजय मेहता ने करवाया। बाद अष्ट प्रभावक नरेन्द्र सूरीष्वरजी ने अपने प्रवचन में सबसे पहले नसिया भवन के बारे में कहा कि यह स्थान एक सुंदर तीर्थं स्थान होने के साथ आध्यात्मिक साधना करने का भी अति उत्तम भवन हे। यहां पर आकर मन एकाग्रचित रहता है एवं काफी शांति का अनुभव होता है। समीप ही तालाब होने से स्थल काफी रमणीय है। बाद प्रवचन में कहा कि श्वेतांबर एवं दिगंबर पंथ जरूर सैद्धांतिक अनुसार अलग-अलग है, लेकिन जैन धर्म का मूल स्वरूप अहिंसा, सत्य, अचोर्य, अपरिहग्रह एवं चैवीसी तीर्थंकर तथा श्री नमस्कार महामंत्रजी का स्वरूप एक ही है। मोक्ष का मार्ग भी दोनो संप्रदाय ने एक ही बताया हे। आचार्य ने कहा कि यह एक विषाल वृक्ष होकर इसकी अलग शाखाएं है, लेकिन जुड़ाव सबका एक ही है।
आत्म स्वरूप को समझने पर ही मोक्ष के अधिकारी बनना संभव
मोक्ष मार्ग में जाने के समय सार ग्रंथ के अंदर कुंड-कुंड आचार्य श्रीजी के प्रार्थना के स्वरूप का वर्णन करते हुए जो बात बताई है, उसे आचार्य नरेन्द्र सूरीजी ने समझाते हुए कहा कि जब तक हम आत्म स्वरूप को नहीं समझेंगे, तब तक मोक्ष के अधिकारी नहीं बन पाएंगे, इसके लिए मत पंथ एवं संप्रदाय की क्रियाओ से ऊपर उठकर जब हम आत्म स्वरूप की साधना में रमनता करेंगे, तब हमे आत्मा का सच्चा स्वरूप प्राप्त होगा। आचार्य ने करीब आधे घंटे तक यहां प्रवचन दिए। इस दौरान दिगंबर जेन समाज के वरिष्ठ चंदुलाल गावाड़िया एवं प्रदीप गोवाड़िया ने अपने उद्बोधन में आचार्य एवं प्रन्यास प्रवर के प्रति दिगंबर जैन समाज की ओर से कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि आप जो नसिया भवन पधारे, इससे पूरा समाज काफी आनंदित होकर ह्रदय से आपके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है। दिगंबर महिला मंडल की ओर से अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा शाह ने मसाद्वय के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। इस अवसर पर समाज की अन्य महिलाआंे में बाला हेमेन्द्र शाह, कोकिला डोषी, भावना जैन सहित अन्य समाजजन उपस्थित थे।
250 से अधिक रोगियों ने निःषुल्क परामर्ष एवं उपचार षिविर का लिया लाभ, 118 गर्भवती महिलाओं की हुइ्र्र जांच, रोटरी क्लब ‘मेन’ ने भारतीय जैन संघटना के सहयोग से किया भव्य षिविर चोईथराम अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र इंदौर की टीम ने दी सेवाएं
झाबुआ। रोटरी क्लब ‘मेन’ झाबुआ द्वारा भारतीय जैन संघटना के सहयोग से 23 अक्टूबर, बुधवार को स्थानीय सिद्धेष्वर काॅलोनी स्थित आदर्ष विद्या मंदिर में निःषुल्क परामर्ष एवं उपचार षिविर का सफलतम आयोजन किया गया। षिविर में चोईथराम अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र इंदौर की टीम ने अपनी महत्वूपर्ण सेवाएं दी। साथ ही आदर्ष विद्या मंदिर की षिक्षिकाओं एवं जन साहस संस्था की टीम ने भी पूरे षिविर में भरपूर सहयोग प्रदान किया। 4 घंटे चले इस षिविर में 250 से अधिक रोगियों ने पंजीयन करवाकर लाभ प्राप्त किया। इसमें 118 गर्भवती महिलाओं ने भी शामिल होकर महिला चिकित्सक से रोगों संबंधी जांच करवाई। षिविर के समापन पर चिकित्सकीय टीम का भावभरा सम्मान आयोजक रोटरी क्लब ‘मेन’ की ओर से किया गया। शिविर का शुभारंभ मां सरस्वतीजी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर रोटरी क्लब के डिस्ट्रीक्ट सचिव उमंग सक्सेना, वरिष्ठ रोटेरियन एवं कार्यक्रम संयोजक यषवंत भंडारी, प्रतापसिंह सिक्का एवं रोटरी क्लब के पूर्व अध्यक्ष अमितसिंह जादौन (यादव), वर्तमान अध्यक्ष हिमांषु त्रिवेदी, सचिव मनोज अरोरा के साथ भारतीय जैन संघटना के जिला सचिव राजेन्द्र आर भंडारी, राजेन्द्र जैन शुभम, निजी चिकित्सा संघ की ओर से डाॅ. चारूलता दवे आदि ने किया। इंदौर से आई चिकित्सकीय टीम में शामिल डाॅ. सगीर अहमद, डाॅ. प्रवेष कांठेड़, डाॅ. जितेन्द्र चैहान, डाॅ. रौनक डागलिया डाॅ. गुलषनकुमार एवं डाॅ. अवनि महाजन का पुष्पमाला पहनाकर स्वागत रोटरी क्लब की ओर से युवा रोटेरियन निखिल भंडारी, मीडिया प्रभारी दौलत गोलानी, जन साहस संस्था की ओर से कार्यक्रम समन्वयक मोहम्मद सादिक, आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट की ओर से वरिष्ठ डाॅ. पीके पाठक, आदर्ष विद्या मंदिर संस्था की ओर से प्रधान अध्यापिका श्रीमती उर्मिला चैहान आदि ने किया। बाद अपने उद्बोधन में चैईथराम इंदौर चिकित्सालय के पीआरओ विनय दुबे ने उपस्थित सभी रोगियों से षिविर का अधिकाधिक लाभ हेतु आव्हान किया। शुभारंभ अवसर पर संचालन वरिष्ठ रोटेरियन जयेन्द्र बेरागी ने किया।
विषेषज्ञ चिकित्सकों ने की रोगों की जांच
बाद षिविर आरंभ हुआ। कुल 5-6 कक्षों में चिकित्सकों एवं चिकित्सालयीन स्टाॅफ द्वारा बैठकर मरीजों की जांच की गई। दर्द निवारक विषेषज्ञ डाॅ. प्रवेष कांठेड़, ह्रदय रोग विषेषज्ञ डाॅ. सगीर अहमद, पेट रोग, शल्य क्रिया, लीवर ट्रांसप्लांट सर्जन एवं दूरबीन पद्धति विषेषज्ञ डाॅ. सुदेष शारदा, डायबिटिज, थायराईड एवं हार्मोन्स विषेषज्ञ डाॅ. जितेन्द्र चैहान, हड्डी रोग विषेषज्ञ डाॅ. रोनक डागलिया, नाक-कान-गला रोग विषेषज्ञ डाॅ. अवनि महाजन एवं रोटरी फिजियोथेरापी सेंटर की फिजियोथैराॅपिस्ट डाॅ. खुषबू दवे आदि ने अपनी-अपनी स्पेषलिस्टी अनुसार रोगियों की जांच की। रोगियों का स्कूल के प्रवेष द्वार पर पंजीयन आदर्ष विद्या मंदिर की षिक्षिकाओं में स्नेहलता द्विवेदी, एकता गोहिल, रानी कामलिया, निषा चैहान, नेहा भूरिया, दीपा राठौर, श्रद्धा नायक, सिद्धी बैरागी एवं कु. वेरोनिका परमार आदि ने किया।
निःषुल्क ब्लड शुगर, ब्लड प्रेषर एवं ईसीजी जांच की गई
वहीं षिविर स्थल पर रोगियों की ब्लड शुगर की जांच सिस्टर्स वीणा, ब्लड प्रेषर की जांच सचिनभाई के साथ रोगियों को निःषुल्क दवाईयों को भी वितरण किया गया। जिसमें एवं अन्य कार्यों में सहयोग चैईथराम इंदोर की टीम में एन्सी वर्गिस, इतीषा रोज प्रसाद, श्वेता, पायल, महिमा, संगमित्रा, राजेष आदि का रहा। इसके अलावा षिविर में जन साहस संस्था के विकासखंड समन्वयक झाबुआ माखनलाल दंगोलिया, रानापुर समन्वयक मनीषकुमार खिची, न्यूट्रीषनिस्ट गायत्री निगवाल, एमआईएस समन्वयक पवन गोयल के साथ गंगा गमार, शीला खपेड़, कैलाश भूरिया, रेषम अमलियार, कन्नू बिलवाल आदि ने भी विषेष सहयोग प्रदान किया।
270 रोगियों का हुआ पंजीयन
शिविर सुबह 10 बजे से आरंभ हुआ, जो दोपहर 2 बजे तक चला। षिविर में विषेषज्ञ चिकित्सकों ने मरीजों का उपचार करने के साथ उन्हें आवष्यक परामर्ष भी प्रदान किया। कुल 270 रोगियों का पंजीयन हुआ। जिसमें विषेष रूप में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से आई 118 गर्भवती महिलाओं की उनके रोगांे संबंधी जांच की गई। दो मरीज ह्रदय में छेद के पाए गए, जिन्हें चिकित्सकों ने विषेष परामर्ष प्रदान किया।
चिकित्सकों का भावभरा सम्मान किया गया
षिविर के समापन पर सभी चिकित्सकों एवं टीम का भावभरा सम्मान रोटरी क्लब ‘मेन’ के पदाधिकारियों ने पुष्पमाला पहनाकर शाल ओढ़ाकर एवं श्रीफल भेंटकर किया। इसके साथ ही षिविर आयोजन के लिए उचित स्थान उपलब्ध करवाने हेतु आदर्ष विद्या मंदिर के संचालक सुरेषचन्द्र जैन भी सम्मान पुष्पमाला पहनाकर हुआ। इस अवसर पर विषेष रूप से आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष राजेष नागर भी उपस्थित थे। समापन पर चैईथराम इंदौर के वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ. सगीर अहमद ने षिविर के आयोजक रोटरी क्लब ‘मेन’ एवं सहयोगी भारतीय जैन संघटना के समस्त पदाधिकारी-सदस्यों का उक्त आयोजन के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए आष्वस्त किया कि आगामी दिनों में भी आवष्यकता पड़ने पर जब भी रोटरी क्लब हमे अपनी सेवाएं देने के लिए बुलवाएंगा, पूरी चिकित्सकीय टीम सेवाएं देने के लिए तत्पर रहेगी। समापन कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ रोटेरियन जयेन्द्र बेरागी ने किया एवं अंत में आभार रोटरी क्लब ‘मेन’ अध्यक्ष हिमांषु त्रिवेदी ने माना।
मतगणना अभिकर्ता के वाहन पार्किंग की व्यवस्था मंडी प्रांगण मे रहेगी
झाबुआ । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन श्री प्रबल सिपाहा ने बताया कि मतगणना दिवस 24 अक्टूबर को राजनैतिक पार्टियो के मतगणना अभिकर्ताओ के वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था मंडी प्रांगण में की गई है। अभिकर्ता वाहन पॉलिटेक्निक कॉलेज के बाहरी गेट तक ला सकते हैं। वाहन से उतरने के बाद मतगणना कार्य के लिए नियुक्त मतगणना अभिकर्ता 24 अक्टूबर को पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में प्रवेश सुनिश्चित करें एवं वाहनो की पार्किंग मंडी प्रांगण मे ही करवाये।
वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन 25 अक्टूबर को
झाबुआ । कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन 25 अक्टूबर 2019 को प्रातः 11 बजे से कृषि विज्ञान केन्द्र सभागृह मे आयोजित की जाएगी। बैठक में वर्ष 2019-20 खरीफ मौसम में केन्द्र द्वारा किये गये कार्यो की समिति द्वारा समीक्षा की जावेगी एवं आगामी रबी मौसम वर्ष 2019-20 में केन्द्र द्वारा किये जाने वाले कार्यो की प्रस्तावित कार्ययोजना प्रस्तुत कर अंतिम रूप दिया जाएगा।
माह अक्टूबर का वेतन मिलेगा 24-25 अक्टूबर क¨
झाबुआ । राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि माह अक्टूबर, 2019 के वेतन, पेंशन अ©र मजदूरी का भुगतान 24 एवं 25 अक्टूबर क¨ किया जाएगा। इस संबंध में वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिये हैं। कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने सभी आहरण संवितरण अधिकारियों तथा जिला कोषालय अधिकारी को शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अक्टूबर माह का वेतन 25 अक्टूबर तक भुगतान करने के निर्देश दिये हैं।
माइक्रोआॅब्जर्वर, पर्यवेक्षक एवं मतगणना सहायक का द्वितीय रेण्डमाईजेशन संपन्न
झाबुआ । विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उप निर्वाचन 2019 हेतु कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री प्रबल सिपाहा, सामान्य प्रेक्षक श्री हजारिका की उपस्थिति में आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में माइक्रोआॅब्जर्वर, मतगणना पर्यवेक्षक एवं मतगणना सहायक का द्वितीय रेण्डमाईजेशन कार्य संपन्न हुआ। माइक्रोआॅब्जर्वर, मतगणना पर्यवेक्षक एवं मतगणना सहायक के रेण्डमाईजेशन कार्य के दौरान रिटर्निग अधिकारी विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ श्री अभयसिंह खराडी सहित चुनाव कार्य के लिये नियुक्त षासकीय सेवक उपस्थित थे।
विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उपनिर्वाचन की मतगणना हेतु सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
मतगणना स्थल पर मीडिया सेन्टर ग्राउण्ड फ्लोर पर बनाया गया हैबीडी,सिगरेट,पान गुटखा,मोबाईल रहेगा प्रतिबंधितप्रेक्षक,कलेक्टर एवं पुलिस अधिक्षक ने निरीक्षण कर व्यवस्थाए की सुनिष्चित
झाबुआ । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री प्रबल सिपाहा ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उप चुनाव की मतगणना 24 अक्टूबर 2019 को प्रातः 8 बजे स्थानीय पोलिटेक्निक कालेज झाबुआ के प्रांगण में प्रारंभ होगी। दृढ कक्ष तथा मतगणना हाल प्रथम तल पर स्थित है। मतगणना भवन में राजनैतिक दलो/प्रत्याषियो के प्रवेष हेतु पृथक गेट तथा षासकीय कर्मचारियो के प्रवेष हेतु पृथक गेट रहेगा। मतगणना स्थल पर मीडिया सेन्टर ग्राउण्ड फ्लोर पर रखा गया है। सुरक्षा व्यवस्था स्ट्रांग रूम की सुरक्षा हेतु सीआईएसएफ का बल, सीसीटीवी कैमरे स्ट्रांग रूम के आगे एवं पीछे लगाये गये है, जिनका व्यू देखने के लिए स्ट्रांग रूम के पास एवं मतगणना परिसर भवन के मुख्य द्वार पर एक-एक माॅनिटर लगाये गये है। सीसीटीवी कैमरे से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ का प्लाटून 21 अक्टूबर से 24 घंटे निगरानी कर रहा है। मतगणना कक्ष एवं मतगणना परिसर की सुरक्षा के लिए पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। मतगणना परिसर में प्रवेष के लिए रिटर्निग अधिकारी द्वारा जारी पास की अनिवार्यता रहेगी, पास बताया जाकर ही प्रवेष किया जा सकेगा। मतगणना प्रवेष के लिए प्रातः 6 बजे प्रवेष प्रारंभ रहेगा तथा प्रातः 6.45 बजे के बाद प्रवेष वर्जित रहेगा। मतगणना भवन/मतगणना हाॅल मे बिडी, सिगरेट, पान गुटखा प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही मतगणना परिसर/मतगणना भवन में मोबाईल भी प्रतिबंधित रहेगा। प्रातः 7.30 बजे प्रेक्षक एवं अभ्यर्थियो की उपस्थिति में स्ट्रांग रूम खोला जावेगा। मतगणना हेतु रिटर्निग अधिकारी एवं 2 सहायक रिटर्निग अधिकारी तथा 1 अतिरिक्त सहायक रिटर्निग अधिकारी रहेगे। प्रातः 7.45 बजे मतगणना में लगने वाले अधिकारियो/कर्मचारियो/पुलिस कर्मियो एवं परिसर उपस्थित रहने वाले समस्त व्यक्तियो को गोपनीयता बनाये रखने हेतु निर्देषित किया जाकर गोपनीयता की षपथ दिलाई जायेगी। डाक मतपत्रो की गणना सर्वप्रथम 8 बजे प्रारंभ की जावेगी। इस हेतु पृथक टेबल लगाई गई है। जिसके लिए पृथक से सहायक रिटर्निग अधिकारी की नियुक्ति की गई है। डाक मतपत्रो की गणना के उपरान्त ईव्हीएम की गणना की जावेगी। सम्पूर्ण मतगणना में 26 राउण्ड होगे, प्रत्येक राउण्ड की गणना उपरांत रिटर्निग अधिकारी द्वारा राउण्डवार अभ्यर्थियो को प्राप्त मतो का ब्यौरा लाउण्डस्पीकर से उद्घोषित किया जावेगा। सम्पूर्ण मतगणना सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में की जावेगी इस हेतु 8 कैमरे लगाये गये है। मतगणना हाल में एक बार में अधिकतम 5 मीडियाकर्मी क्रमवार ही प्रवेष कर सकेगे। मतगणना परिणाम उपरांत अंतिम परिणाम की घोषणा रिटर्निग अधिकारी द्वारा तत्काल की जावेगी। प्रेक्षक,कलेक्टर एवं पुलिस अधिक्षक ने निरीक्षण कर व्यवस्थाए सुनिष्चित की।
विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उप निर्वाचन की मतगणना 24 अक्टूबर को प्रातः 8 बजे से
झाबुआ । निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उपचुनाव-2019 के लिये 24 अक्टूबर को मतगणना प्रातः 8 बजे से पाॅलिटेक्निक काॅलेज झाबुआ पर कराई जावेगी। मतगणना की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जावेगी। मतगणना के लिए विभिन्न प्रकार की तैयारियां जारी है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री प्रबल सिपाहा ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा क्षेत्र झाबुआ की मतगणना के प्रत्येक चरण की वीडियोग्राफी कराई जावेगी। वीडियो कव्हरेज में गणना कर्मियों की रेण्डमाइजेशन की प्रक्रिया, स्ट्राँग रूम खोलने की प्रक्रिया, ईव्हीएम का स्ट्राँग रूम से मतगणना कक्ष में अंतरण, मतगणना कक्ष की व्यवस्थाएं, मतगणना केन्द्र पर सामान्य मतगणना की प्रक्रिया तथा रिटर्निंग अधिकारी की मेज पर सामान्य सारणीकरण की प्रक्रिया, ईव्हीएम की दोबारा जांच की प्रक्रिया, मतगणना कक्ष एवं मतगणना केन्द्र के भीतर और बाहर की सुरक्षा व्यवस्था, मतगणना केन्द्र पर अभिकर्त्ताओं की उपस्थिति, परिणाम की घोषणा की प्रक्रिया राउण्डवार पूर्ण कराई जावेगी। इस मतगणना के अंतर्गत की जाने वाली वीडियोग्राफी मतगणना की प्रक्रिया पूरी होने के बाद वीडियो कैसेट भविष्य के संदर्भ हेतु सीलबंद कर रखी जावेगी। मतगणना की समूची प्रक्रिया की वीडियोग्राफी, वीडियोग्राफरों के माध्यम से की जावेगी। मतगणना हाल में कार्यालयीन रिकार्डिंग के अलावा पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी और प्रकार का कैमरा या वीडियोग्राफी वर्जित रहेगा। पत्रकारों या मीडिया को किसी प्रकार का कैमरा स्टेंड मतगणना हाल में लगाने की अनुमति नहीं होगी। भारत निर्वाचन द्वारा अधिकृत पास जिन्हें दिया जाएगा, केवल वही व्यक्ति हाथ का कैमरा रख सकेंगे। इसके अलावा वीडियो लेते समय किसी भी स्थिति में ईवीएम में वास्तविक मतों की फोटो कंधे या हाथ में लिए कैमरे द्वारा लेना वर्जित रहेगा। संपूर्ण मतगणना प्रक्रिया की कराई गई वीडियोग्राफी की सीडी डीईओ (जिला निर्वाचन अधिकारी) द्वारा सुरक्षित रखी जाएगी।
मतगणना का दिन “ड्राय डे” रहेगा
झाबुआ । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री प्रबल सिपाहा द्वारा मतगणना दिवस के लिये सीआरपीसी की धारा 144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया हैं। प्रतिबंधात्मक आदेश के तहत 24 अक्टूबर को मतगणना समाप्ति तक शुष्क दिवस (ड्राय-डे) घ¨षित किया गया है। मतगणना दिवस पर शराब के विक्रय, वितरण क¨ प्रतिबंधित करते हुए संबंधित विधिक प्रावधान¨ं का सख्ती से पालन किया जाएगा। किसी निर्वाचन क्षेत्र में मतगणना ह¨ने तक उस क्षेत्र के भीतर, ह¨टल, भ¨जनालय, पाठशाला, दुकान में अथवा किसी अन्य पब्लिक या प्रायवेट स्थल पर क¨ई भी स्पिरिटयुक्त, किण्वित या मादक लिकर अथवा वैसी ही प्रकृति का अन्य पदार्थ न त¨ विक्रय अ©र न ही वितरित किया जाएगा। इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति क¨ 6 माह के कारावास की सजा अथवा द¨ हजार रुपये के जुर्माने से या द¨न¨ं से दण्डित किया जा सकेगा।
मतगणना की शुरूआत डाक मतपत्रों की गिनती से होगी
झाबुआ । निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उप निर्वाचन 2019 के तहत 24 अक्टूबर को होने वाली मतगणना की शुरूआत डाक मतपत्रो की गणना से होगी। लेकिन इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में डाले गये मतो की गणना शुरू करने के लिए डाक मतपत्रो की गणना खत्म होने का इंतजार नही किया जायेगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशो के अनुसार ईव्हीएम के मतो की गणना का काम डाक मतपत्रो की गणना शुरू होने के आधा घंटे बाद शुरू किया जा सकेगा। हालाकि आयोग ने अपने निर्देशो में यह भी कहा है कि ईव्हीएम के आखरी दौर के पहले वाले चक्र (पेनल्टीमेट राउंड) के मतो की गणना का काम डाक मतपत्रों की गणना का काम खत्म हो जाने के बाद ही शुरू किया जाना चाहिए। आयोग के निर्देशो के अनुसार मतगणना राउंडवार संपन्न होगी। निर्वाचन आयोग द्वारा तैनात प्रेक्षक प्रत्येक दौर में मतगणना की रेंडम जाँच करेंगे, इसके अलावा आयोग के रिकार्ड के लिए मतगणना कक्षो की वीडियो रिकार्डिंग भी कराई जायेगी। मतगणना के पूर्व गणना पर्यवेक्षक इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के केरिंग केस के नंबर तथा मशीन पर अंकित नंबर का मिलान करेंगे और मशीन अभ्यर्थी के एजेंट को भी दिखायेंगे। साथ ही ईव्हीएम में लगी सील भी अभ्यर्थियों के ऐजेंटो को दिखाई जायेंगी। इसके बाद कंट्रोल यूनिट का टोटल बटन दबाकर डाले गये कुल मतो की संख्या ज्ञात की जायेगी, इसका मिलान पीठासीन अधिकारी द्वारा मत लेखा में दर्ज मतो की संख्या से किया जायेगा। मिलान नही होने पर जानकारी रिटर्निंग अधिकारी को दी जायेगी। इस स्थिति में रिटर्निंग अधिकारी के आदेश के बाद ही आगे की मतगणना होगी। विधानसभा क्षेत्र झाबुआ के उपचुनाव प्रेक्षक के काउंटर हस्ताक्षर के बाद ही रिटर्निंग अधिकारी राउंडवार परिणामों की घोषणा करेंगे।
मतगणना केन्द्र में बिना पास प्रवेश निषिद्ध रहेगा
झाबुआ । विधानसभा क्षेत्र- 193 झाबुआ के उपनिर्वाचन 2019 के तारतम्य में आगामी 24 अक्टूबर को होने वाली मतगणना के लिये मतगणना केन्द्र शासकीय पोलेटेक्निक काॅलेज झाबुआ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। मतगणना केन्द्र में बिना पासधारी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकेंगे। साथ ही उन्हें अपने साथ पेन, डायरी के अतिरिक्त अन्य कोई भी वस्तु मोबाइल, कैमरा, पानी की बाटल आदि ले जाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री प्रबल सिपाहा ने जानकारी दी कि मतगणना केन्द्र में प्रवेश हेतु बनाये गये मुख्य द्वारों से प्रेक्षक, मीडिया प्रतिनिधियों, अभ्यर्थियों व उनके गणना एजेंट, विशिष्ट अधिकारी तथा मतगणना कार्य में संलग्न अधिकारी एवं कर्मचारी प्रवेश कर सकेंगे।
निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं बन सकेंगे मतगणना एजेंट
झाबुआ । भारत निर्वाचन आयोग ने किसी भी निर्वाचन में केन्द्र एवं राज्य सरकार के मंत्रियों और सांसदों, विधानसभा एवं विधान परिषदों के सदस्यों तथा राज्य का सुरक्षा कवर प्राप्त किसी अन्य व्यक्ति को चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के निर्वाचन अभिकर्ता, मतगणना अभिकर्ता बनाने पर रोक लगाई है। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ रहने वाले सुरक्षा कर्मियों को मतदान केन्द्र एवं मतगणना केन्द्र में प्रवेष की अनुमति नहीं दी जा सकती और न ही उनकी सुरक्षा को उनके सुरक्षा कर्मियों की अनुपस्थिति में खतरे में डाला जा सकता है। आयोग के मुताबिक सुरक्षा कवर वाले किसी व्यक्ति को निर्वाचन अभिकर्ता, मतगणना अभिकर्ता बनने के लिए सुरक्षा कवर वापस करने की अनुमति भी नहीं दी जा सकती है।
वैध मतों का छठा हिस्सा नहीं मिलने पर होगी जमानत राशि जप्त
झाबुआ । भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव लड़ रहे वे सभी उम्मीदवार अपनी निक्षेप राशि या सुरक्षा निधि गंवा बैठेंगे, जिन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुल डाले गये वैध मतों के छठवें हिस्से से कम या बराबर मत प्राप्त होंगे। आयोग के निर्देशों के मुताबिक कुल वैध मतों के 16.66 प्रतिशत अथवा छठवें हिस्से से कम या बराबर मत मिलने पर उम्मीदवार द्वारा नाम निर्देशन पत्र के साथ जमा की गई निक्षेप राशि जप्त कर ली जायेगी । इस राशि को उसे वापस नहीं किया जायेगा।
मतगणना केन्द्र पर चलेगा पता किसको कहां की करनी है गणना
झाबुआ । मतगणना प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित करने की निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुरूप मतगणना के लिए नियुक्त अधिकारियों-कर्मचारियों को मतगणना स्थल पहुंचने पर ही यह बताया जायेगा कि उन्हें विधानसभा क्षेत्र झाबुआ की किस टेबल पर मतों की गणना करनी है। मतगणना कार्य से संबद्ध सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मतगणना स्थल में प्रवेश हेतु परिचय पत्र जारी किये जायेंगे। आयोग के निर्देश के मुताबिक मतगणना के दिन मतगणना अधिकारियों को मतगणना केन्द्र पर प्रातः 6 बजे पहुंचना होगा। गोपनीयता की दृष्टि से इन अधिकारियों को विधानसभा क्षेत्र या मतगणना टेबल नंबर की जानकारी पहले से नहीं दी जायेगी। चुनाव आयोग के प्रेक्षक तथा जिला निर्वाचन अधिकारी मतगणना के लिए प्रातः 5 बजे एक स्थान पर तीसरे और अंतिम चरण के रेण्डमाईजेशन हेतु एकत्रित होंगे। इसी समय जिला निर्वाचन अधिकारी मतगणना हेतु जिले के प्रशिक्षित अधिकारियों-कर्मचारियों की सूची प्रेक्षकों को सौंपेंगे। इसमें गणना पर्यवेक्षक तथा अन्य गणना सहायकों के नामों की सूची होगी। इस दौरान प्रत्येक गणना अधिकारी को एक यूनिक सीरियल नंबर या कोड दिया जायेगा, जो एक तरह से लेवल्ड रहेगा। जिससे यह पता चलेगा कि उसमें उसकी श्रेणी मतगणना पर्यवेक्षक की है या मतगणना सहायक की। रेण्डमाइजेशन का कार्य व्यक्तिगत (मैन्युअल) रूप से या फिर कम्प्यूटर के माध्यम से किया जायेगा। रेण्डमाइजेशन होने के तत्काल बाद निर्वाचन क्षेत्रवार पोस्टिग (नियुक्ति) सूचियां प्रातः 6 बजे संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों को सौंपी जायेंगी। सभी प्रक्रियाओं में समय का विशेष ध्यान रखा जायेगा। जिससे आयोग द्वारा निर्धारित समय प्रातः 8 बजे से मतगणना का कार्य शुरू हो सके। आयोग के निर्देशानुसार रिकार्ड के लिए मतगणना से संबंधित सभी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जायेगी।
मीडियाकर्मी मीडिया संेटर तक ही मोबाइल, लैपटाॅप ले जा सकेंगे-जिला निर्वाचन अधिकारी
झाबुआ । विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उप निर्वाचन 2019 की मतगणना 24 अक्टूबर को पोलेटेक्निक काॅलेज झाबुआ मे की जाना है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री प्रबल सिपाहा ने बताया कि निर्वाचन का अंतिम पडाव मतगणना है और किसी भी चीज का परिणाम महत्वपूर्ण होता है अतः आयोग द्वारा मतगणना के लिये जारी किये अनुदेशों व लागू किये गये अनुबंधों का कडाई से पालन करें। मतगणना स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं तथा मतगणना स्थल पर प्राधिकृत व्यक्ति ही प्रवेश पा सकेंगे। मतगणना कार्य में लगाये जाने वाले कर्मचारियों को प्रातःकाल मतगणना स्थल में उपस्थिति देनी होगी। मतगणना में पूरी पारदर्शिता बरती जायेगी। हर राउण्ड के टेबुलेशन के बाद उम्मीदवार/गणना अभिकर्ता को प्राप्त मतों की जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी। मतगणना में हर राउण्ड के बाद टेबुलेशन सीट तैयार होगी जो उम्मीदवार को दी जायेगी। तदुपरांत अगले राउण्ड की गिनती शुरू होगी।
सेलफोन/मोबाइल रहेगा प्रतिबंधित
मतगणना स्थल पर सेलफोन, मोबाइल आदि अन्य वस्तुएं ले जाना प्रतिबंधित रहेगा, मतगणना स्थल पर मीडिया प्रतिनिधि मीडिया सेंटर तक मोबाइल, लेपटाप एवं संचार के लिये आवष्यक उपकरण ले जा सकेंगे। मतगणना कक्ष मे मषीन की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी प्रतिबंधित रहेगी। पत्रकारों या मीडिया को किसी प्रकार का कैमरा स्टेंड मतगणना हाल में लगाने की अनुमति नहीं होगी। भारत निर्वाचन द्वारा अधिकृत पास जिन्हें दिया जाएगा, केवल वही व्यक्ति हाथ का कैमरा रख सकेंगे। इसके अलावा वीडियो लेते समय किसी भी स्थिति में ईवीएम में वास्तविक मतों की फोटो कंधे या हाथ में लिए कैमरे द्वारा लेना वर्जित रहेगा। वह स्थान तक जहां कैमरा घूमता है, उस स्थान को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा पहले से बताया जाएगा। मीडिया प्रतिनिधि सिर्फ मीडिया रूम मे ही मोबाइल फोन का उपयोग कर पायेंगे। संपूर्ण गणना परिसर मे कोई भी व्यक्ति मोबाइल फोन का उपयोग नही कर पायेगा। मीडिया प्रतिनिधि 5-5 के समूह मे अधिकृत अधिकारी के साथ प्रत्येक विधानसभा के गणना कक्ष मे 5-5 मिनट तक रूककर निरीक्षण कर पायेंगे। किसी भी व्यक्ति द्वारा उदण्डता करने पर कडी कार्यवाही होगी।
फेसबुक एवं ट्विटर पर भी उपलब्ध रहेगी राउंडवार जानकारी
झाबुआ । विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उपचुनाव की मतगणना परिणाम की राउंड वार जानकारी तत्काल सोषल मीडिया पर भी पोस्ट की जायेगी। आमजन कलेक्टर झाबुआ के फेसबुक पेज /collectorjhabua एवं जनसंपर्क झाबुआ के फेसबुक पेज /projansamparkjhabua पर देख सकते है। इसके साथ ही कलेक्टर झाबुआ के ट्विटर अकाउंट collectorjhabua/jansamparkmp.com जनसंपर्क कार्यालय के ट्विटर अकाउंट projhabua/jansamparkmp.com पर भी जानकारी उपलब्ध रहेगी।
हर काउंटिंग टेबल पर नियुक्त किये जा सकेंगे मतगणना एजेन्ट मतगणना एजेन्ट को मोबाईल ले जाने की अनुमति नहीं होगी
झाबुआ । विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उपचुनाव की मतगणना में जितनी मतगणना टेबल होगी उतने ही मतगणना एजेन्ट उम्मीदवार द्वारा नियुक्त किए जा सकेंगे। उम्मीदवारों को रिटर्निंग ऑफिसर अथवा सहायक रिटर्निंग अधिकारी की टेबल पर मतगणना के अवलोकन के लिए भी एक काउंटिंग एजेंट की नियुक्ति की अनुमति होगी। इसके अलावा उम्मीदवार उस स्थान पर भी अपना गणना अभिकत्र्ता नियुक्त कर सकेगा जहां डाकमत पत्रों की गिनती की जायेगी। मतगणना में कोई भी उम्मीदवार अपने मतगणना एजेन्ट की नियुक्ति प्रारूप 18 में एक ही नियुक्ति पत्र द्वारा कर सकता है। उस दशा में सभी मतगणना एजेन्टों से यह अपेक्षा की गई है कि वे उस नियुक्ति पत्र पर नियुक्ति की स्वीकृति के रूप में हस्ताक्षर करें। उम्मीदवार को ऐसे मतगणना एजेन्टों की फोटो सहित सूची रिटर्निंग ऑफिसर को मतगणना के लिए नियत तारीख के तीन दिन पहले शाम 5 बजे तक अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करनी होगी। रिटर्निंग ऑफिसर अथवा सहायक रिटर्निंग ऑफिसर सूची मिलने पर प्रत्येक एजेन्टों के लिए पहचान पत्र तैयार करवायेंगे। उन्हें यह शक्ति भी दी गई है कि मतगणना हॉल में प्रवेश के पूर्व मतगणना एजेन्ट की जाँच कर सके। मतगणना एजेन्ट एक बार मतगणना हॉल में प्रवेश करने के बाद बाहर नहीं जा सकेंगे। गणना केन्द्रों में मतदान एजेन्ट को मोबाईल ले जाने की अनुमति नहीं होगी
उम्मीदवार के गणना अभिकत्र्ताओं को दी जायेगी चक्रवार परिणाम की फोटो कॉपी
झाबुआ । भारत निर्वाचन आयोग के मतगणना में पारदिर्शता बरतने के निर्देशानुसार विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उपचुनाव की मतगणना के लिए तय प्रत्येक गणना कक्ष में उपस्थित गणना अभिकत्र्ताओं को उस गणना मेज के प्रारूप 17-सी के भाग-दो में तैयार प्रत्येक चक्र के परिणाम की फोटो प्रति प्रदान की जायेगी जिस टेबल पर उसे उम्मीदवार द्वारा नियुक्त किया गया है। मतगणना कक्ष में प्रत्येक काउंटिंग टेबल पर उपस्थित उम्मीदवारों के अभिकत्र्ताओं से संबंधित काउंटिंग सुपरवाईजर द्वारा मतगणना के प्रत्येक चक्र के बाद प्रारूप 17-सी के भाग-दो में तैयार परिणाम पत्र पर हस्ताक्षर लिये जायेंगे। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रारूप 17-सी के भाग-दो को दो प्रतियों में तैयार किया जायेगा। प्रारूप 17-सी के भाग-दो की एक प्रति रिटर्निंग अधिकारी अथवा सहायक रिटर्निंग अधिकारी को चक्र में पड़े कुल मतों की गणना के लिए सौंपी जायेगी। आयोग के निर्देशानुसार प्रारूप 17-सी के भाग-दो की दूसरी प्रति को गणना टेबल से रिटर्निंग अधिकारी द्वारा विशेष रूप से नियुक्त अधिकारी द्वारा प्राप्त किया जायेगा और काउंटिंग टेबल पर बैठे हुए मतगणना अभिकत्र्ताओं को वितरित करने के लिए उसकी फोटो प्रतियां बनवायेगा। आयोग ने फोटो कॉपी का प्रबंध यथासंभव गणना कक्ष में करने के निर्देश भी दिये।
विधानसभा उप निर्वाचन की गणना हेतु 14 टेबल लगाई जायेगी 26 राउंड मे होगी गणना पूर्ण
झाबुआ । विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उपनिर्वाचन 2019 की मतगणना कार्य हेतु कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री प्रबल सिपाहा ने जानकारी देते हुए बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा मतगणना के लिये जारी किये अनुदेशों के अनुसार मतगणना का कार्य शासकीय पोलेटेक्निक कालेज झाबुआ में 24 अक्टूबर को प्रातः 8 बजे से प्रारंभ होगा। मतगणना स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं तथा मतगणना स्थल पर प्राधिकृत व्यक्ति ही प्रवेश पा सकेंगे। मतगणना कार्य में लगाये जाने वाले कर्मचारियों को प्रातः 5 बजे मतगणना स्थल में उपस्थिति देनी होगी। मतगणना में पूरी पारदर्शिता बरती जायेगी। हर राउण्ड के टेबुलेशन के बाद उम्मीदवार/गणना अभिकर्ता को प्राप्त मतों की जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी। विधानसभा क्षेत्र झाबुआ के लिए मतगणना हेतु 14 टेबल लगाई गई हैं। मतगणना में हर राउण्ड के बाद टेबुलेशन सीट तैयार होगी जो उम्मीदवार को दी जायेगी। तदुपरांत अगले राउण्ड की गिनती शुरू होगी। मतगणना कार्य 26 राउंड मे पूर्ण होगा।
मतगणना कर्मियों एवं अभ्यर्थियो को दिये जायेंगे अलग-अलग रंग के परिचय पत्र
झाबुआ । विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उप चुनाव में डाले गये मतों की गणना के लिए नियुक्त गणना कर्मियों एवं अभ्यर्थियो तथा गणना अभिकर्ता को अलग-अलग रंग के फोटो पहचान पत्र जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा जारी किये जायेंगे। अधिकारियो के लिये सफेद रंग के पहचान पत्र जारी किये जायेंगे। नियुक्त मतगणना कर्मियों को दिये जाने वाले पहचान पत्र का रंग लाईट ब्लू होगा। अभ्यर्थियो को जारी पहचान पत्र का रंग डार्क पिंक होगा, निर्वाचन अभिकर्ता के पहचान पत्र लाईट यलो कलर के एवं गणना अभिकर्ता के पहचान पत्र का रंग लाईट पिंक होगा।
मतगणना स्थल पर बीडी, सिगरेट, गुटखा एवं इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस रहेगी प्रतिबंधित
झाबुआ । विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उप निर्वाचन के मतगणना कार्य के लिए नियुक्त शासकीय सेवक, अभ्यर्थी, मतगणना अभिकर्ता, माइक्रो ऑब्जर्वर, अधिकारी, कर्मचारी इत्यादि का मतगणना स्थल पर मोबाइल फोन, केलकुलेटर, चार्जर इत्यादि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, तथा पान बीड़ी, सिगरेट ,गुटका इत्यादि सभी प्रतिबंधित रहेंगे। मतगणना कार्य के लिए नियुक्त शासकीय सेवक अपने साथ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं लाए। पान, गुटखा, तंबाकू इत्यादि भी अपने साथ नहीं रखें।
विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ उपनिर्वाचन के रेण्डमली मतदान केन्द्रो के व्ही.व्ही.पीएटी. की पर्ची का मिलान ईवीएम के मत¨ं से किया जायेगा
झाबुआ । भारत निर्वाचन आय¨ग के निर्देशानुसार विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उपनिर्वाचन 2019 की मतगणना के दौरान विधानसभा क्षेत्र झाबुआ से मतदान केन्द्रो की 5 व्ही.व्ही.पीएटी. मषीनो का रेण्डमली चयन कर स्लिप¨ं का मिलान ईव्हीएम के कंट्र¨ल यूनिट में प्रदर्शित परिणाम से किया जाएगा। इसकी वीडिय¨ग्राफी भी करवाई जाएगी।मतगणना हाॅल के अन्दर ही व्हीव्हीपीएटी की स्लिप से अनिवार्य सत्यापन हेतु व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इस मतगणना हेतु व्हीव्हीपीएटी काउंटिंग बूथ का निर्माण, जिसमें जालीनुमा कवरेज ह¨गा, जैसा कि बैंक के कैशियर का ह¨ता है, जिससे किसी भी अन्य व्यक्ति की पहुंच व्हीव्हीपीएटी की स्लिप तक न ह¨, इस प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। इसके लिये रिटर्निंग आॅफिसर द्वारा सभी अभ्यर्थिय¨ं क¨ पूर्व में ही सूचना दी जायेगी। मतदान केन्द्र के चयन के लिये एक गुणा एक इंच आकार के सफेद कागज पर मतदान केन्द्र¨ं के नम्बर लिखकर कंटेनर में डाले जायेंगे अ©र पर्ची निकालकर, केन्द्र का रेण्डम चयन ह¨गा। यह कार्य ईव्हीएम से गणना के अंतिम राउण्ड के तत्काल पश्चात् किया जायेगा। यह कार्य केन्द्रीय प्रेक्षक की उपस्थिति एवं कड़ी निगरानी में ह¨गा। परिणाम घ¨षणा के पूर्व रिटर्निंग आॅफिसर द्वारा व्हीव्हीपीएटी की स्लिप की गणना पश्चात् कंट्र¨ल यूनिट के परिणाम से मिलान कर एक सत्यापन पत्रक जारी किया जाएगा।
मलेरिया रोग जागरूकता हेतु स्कूल हैल्थ एक्टिविटी का आयोजन किया गया
झाबुआ । राष्ट्रीय मलेरिया रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत स्कूली/महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं में मच्छरजन्य रोगों के प्रति जागरूकता लाने के लिये निबन्ध लेखन का आयोजन किया गया। षासकीय उच्च.कन्या विद्यालय रोटला,(विकास खंड रामा) की कक्षा 12 वीं के छात्र-छात्राओं ने मलेरिया रोग लक्षण,बचाव,उपचार एंव सावधानियां विषय पर निंबध लेखन किया। निबंध लेखन में आने वाले प्रथम कु.गोमती बारिया,द्वितीय कु. बैला बामनिया, एंव तृतीय कु. निर्मला पाल रहे। छात्र एंव छात्राओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से पुरूस्कार प्रदाय किये गये । पुरूस्कार का वितरण प्राचार्य श्री रमेष परमार के द्वारा किया गया। निबंध आयोजन में एम.टी.एस. श्री नवलसिंह जमरा उपस्थित रहे।
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बिहार : बिन्द टोली,कुर्जी पटना में पेयजल की किल्लत
मुख्यमंत्री के सात निश्चय धरातल पर नहीं उतरा 'नल का जल'योजना से महरूमखुले आकाश में जाकर शौचक्रिया करने को मजबूर गरीबी रेखा के नीचे जीने वाले भूमिहीन, जलजमाव होने से डेंगू के डर से भयभीत हैं लोग
पटना, 24 अक्टूबर।दीघा थाना क्षेत्र के दीघा बिन्द टोली में रहते थे आवासीय भूमिहीन व खेतिहर भूमिहीन. पूर्व मध्य रेलवे परियोजना से विस्थापित हैं.बिहार सरकार ने दीघा से लाकर कुर्जी दियारा क्षेत्र में पुनर्वासित किया. वादा था कि वासगीत पर्चा व सात निश्चय के तहत मूलभूत सुविधा देंगे. तीन साल गुजर जाने के बाद भी लोगों को वासगीत पर्चा निर्गत नहीं किया गया है. विस्थापित लोग बिन्द टोली,कुर्जी पटना में रहते हैं.गंगा के मुख्य प्रवाह वाली जमीन को भरकर लोगों को पुनर्वासित कर दिया.जिसके कारण प्रत्येक साल निवासी गंगा नदी के उफान के रौध रूप का सामना करते हैं.बाढ़ का पानी से हरेक साल मकान गिर जाता है. मकान गिरने से मुआवजा भी नहीं मिलता है.इस समय सरकार के द्वारा घोषित 6 हजार रू.मिलने की आशा में लोगों की आँख पथरा गयी है.अब खेतिहर भूमिहीन लोग मालगुजारी पर खेत लेकर उक्त खेत में परवल लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. परवल लता की टंहगी को सजाकर बांधा जा रहा है. बताते चले कि गंगा नदी के उफान आने के बाद पटना शहर से कट जाते हैं बिन्द टोली के लोग. पानी के बहाव समय तक लोग नाव से ही आवाजाही करते हैं. पानी उतरने के बाद पाटलिपुत्र अंचल में गंगा किनारे में रहने वाले पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर-22 की वार्ड पार्षद रजनी देवी नाला को भरवाकर पुल बनवा देती हैं.इसी पुल से व्रर्ती भी आवाजाही कर सके.इसके आलोक में महाछठ की तैयारी शुरू कर दी गयी है.व्रतियों को कष्ट न हो तो गंगा मइया निकट आ गयी है.आवाजाही करने में बाधक नाला को पाटकर पुल बनाने का कार्य शुरू कर दिया है.क्षेत्र के विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता पप्पू कुमार ने खुद की निगरानी में पुल बनवा रहे हैं.इस निर्मित पुल से कुर्जी और पाटलिपुत्र कॉलोनी के लोगों को काफी फायदा होने जा रहा है. बताते चले कि बाढ़ से पीड़ित मजबूरी की जिन्दगी जी रहे बिन्द टोली,कुर्जी,पटना के गरीब तथा जरुरतमन्द निवासियों तथा उनके बच्चों के बीच अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के महासचिव एस.के.लॉरेंस के नेतृत्व में उनके तथा युवा सदस्य शैलेश अन्थोनी एवं अमित कुमार द्वारा कपड़ा तथा बिस्कुट वगैरह का वितरण किया गया।साथ ही वहां हाल में जन्मे बच्चे की अस्वस्थ्ता को देखते हुए अपनी तरफ से इलाज हेतु कुछ रकम प्रदान किया गया।
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बिहार : पूर्व वार्ड पार्षद मुन्ना सिंह ने बनाया और वर्तमान पार्षद छठियां देवी ने ढाह दिया
भारी शरीर वाले दूकान बंद करके हल्का होने जाते हैं घर यह है मजबूरी दुकानदारों की
पटना,24 अक्टूबर। दीघा थाना क्षेत्र में है दीघा हाट. यहां पर नागरिकों के व्यवहार में लाने वाली हर तरह की चीज उपलब्ध है. केवल अनुपलब्ध है छोटा और बड़ा बाथरूम.दिक्कत है कि लोग दुकान बंद करके हल्का होने जाते हैं. स्व. रामानन्द साह के पुत्र ललन कुमार कपड़ा व्यवसायी ने कहा कि छोटे-बड़े 500 से अधिक दुकाने हैं.सब्जी से लेकर कपड़े तक की दुकाने है.हर चीज उपलब्ध है.मगर लोगों को लघुशंका करने की सुविधा नहीं दी गयी है. दर्जी का काम करने वाले मो.मोज़िब का कहना है कि पटना नगर निगम के द्वारा पोस्ट ऑफिस रोड के नुक्कड़ पर एक पैशाबखाना वार्ड नम्बर-1 के पूर्व वार्ड पार्षद मुन्ना सिंह ने बनाया था.अपने कार्यकाल में काफी कार्य किए थे.बावजूद, इसके छठियां देवी से परास्त हो गए. वार्ड नम्बर-1के वार्ड पार्षद बनने के बाद छठिया देवी ने सपना दिखायी कि आधुनिक शौचालय बनवा देंगे.इसके बाद पूर्व पार्षद द्वारा निर्मित पैशाबखाना को तोड़वा दी.उसके बाद नागरिकों की परेशानी बढ़ गयी.दुकानदार दुकान बंद करके गंगा किनारे, अखाड़ा रोड वाले बगीचा आदि सुनसान में हल्का होने जाते हैं.ऐसा करते वक्त गाली भी सुनते हैं. कहते है कि तुमलोग स्वच्छ बिहार को गंदा बिहार बनाने में लग गए हैं.
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मुख्यमंत्री रघुबर दास मौजूदी में 6 विधायक पाला बदलकर बीजेपी में शामिल
झारखंड में विपक्षी पार्टी को जोरदार झटका.अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री व झारखंड चुनाव के प्रवास प्रभारी राजन क्लेमेंट साह ने कहा कि बरही विधानसभा में कांग्रेस के विधायक मनोज यादव का एकतरफा राज चल रहा था.यहां पर कुछ दिनों से बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बरही विधानसभा में धुआंधार बैठक कर बीजेपी के पक्ष में तूफान पैदा कर दिए थे.इसका सार्थक परिणाम चुनाव पूर्व ही मिल गया
रांची,24 अक्टूबर। झारखंड में कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के 6 विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया. झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक कुणाल सारंगी, जेपी भाई पटेल, चमरा लिंडा, कांग्रेस के विधायक सुखदेव भगत और मनोज यादव, नव जवान संघर्ष मोर्चा के विधायक भानु प्रताप शाही ने बुधवार को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. रांची में स्थित प्रदेश बीजेपी कार्यालय में मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ, प्रदेश चुनाव के उप प्रभारी नन्द किशोर यादव सांसद जयंत सिन्हा आदि के सामने झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक कुणाल सारंगी, जेपी भाई पटेल, चमरा लिंडा, कांग्रेस के विधायक सुखदेव भगत और मनोज यादव, नव जवान संघर्ष मोर्चा के विधायक भानु प्रताप शाही के साथ सुचित्रा सिन्हा डीके पाण्डेय, डॉ.अरूण उरांव ने प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी का राष्ट्रवाद और मुख्यमंत्री रघुवर दास के विकास कार्यों से प्रभावित बुधवार को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री व झारखंड चुनाव के प्रवास प्रभारी राजन क्लेमेंट साह ने कहा कि बरही विधानसभा में कांग्रेस के विधायक मनोज यादव का एकतरफा राज चल रहा था.यहां पर कुछ दिनों से बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बरही विधानसभा में धुआंधार बैठक कर बीजेपी के पक्ष में तूफान पैदा कर दिए थे.इसका सार्थक परिणाम चुनाव पूर्व ही मिल गया.बरही विधानसभा बना कांग्रेस मुक्त.
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अब्बास मस्तान ने बॉलीवुड में फिल्म मेकिंग की बनाई एक अलग शैली : गौरांग दोषी
हम इंडियंस इन डेंजर में साज़िश का स्तर बढ़ाना चाहते हैं: अब्बास मस्तान गौरांग दोषी के साथ काम करने पर बॉलीवुड निर्माता गौरांग दोशी ने हाल ही में एक साथ कई प्रोजेक्ट की घोषणा की है. इसमें से एक प्रोजेक्ट वे निर्देशक जोड़ी अब्बास-मस्तान के साथ कर रहे है, जिसे ले कर वे खासे उत्साहित हैं, क्योंकि प्रोजेक्ट का प्री-प्रोड्क्शन वर्क अच्छी तरह से चल रहा है. दुबई में अबू धाबी के शाही परिवार के साथ मिल कर इसकी घोषणा की गई थी और अब पटकथा के साथ-साथ स्क्रिप्ट का काम प्रगति पर है. अब्बास मस्तान ने कहा, “हमने हमेशा से बॉलीवुड में फिल्म बनाने के तरीकों को बदलने में यकीन किया है. इसीलिए, हमने इंडियंस इन डेंजर के साथ एक नया तरीका प्लान किया है. स्क्रिप्ट बहुत दिलचस्प है. इस बार हम साज़िश के स्तर को कई पायदान ऊपर ले जाना चाहते हैं. इसमें वो एक्स-फैक्टर है जो हमारी फिल्मों के लिए जाना जाता है और हम दर्शकों को वह और अधिक देना चाहते हैं."गौरांग दोषी ने कहा, “अब्बास मस्तान ने फिल्म निर्माण की एक ऐसी शैली विकसित की है, जो अपने समय के किसी भी अन्य निर्देशक से बहुत अलग है. वे अपने प्लॉट में लगातार इतने ट्विस्ट लाते है, जिससे पूरी फिल्म दर्शकों को अपनी सीट से बान्ध कर रखती है. एक निर्माता के रूप में मेरे लिए ये बहुत रोमांचक है.” अब्बास मस्तान के अलावा, अनीस बज़्मी और नीरज पाठक के साथ गौरांग दोषी के दो अन्य प्रोजेक्ट हैं. वॉर ने दर्शकों को दिखाया कि देश एक्शन-थ्रिलर में कितनी दिलचस्पी रखता है. गौरांग दोशी ने अपनी उत्कृष्ट फिल्मों, जैसे आंखें, दीवार: लेटस ब्रिंग आवर हीरोज होम और बवंडर के साथ अपनी प्रतिभा साबित की है. अपने काम के लिए उन्होंने चार लिम्का बुक रिकॉर्ड जीते है. उन्हें अपने पिता स्वर्गीय श्री विनोद दोशी से कम उम्र में फिल्म निर्माण की कला विरासत में मिली, जिन्होंने दर्शकों को वीआर पिक्चर्स के बैनर तले सच्चा झूठा, नास्तिक, दिल, बेटा समेत कई हिट फिल्में दीं. अब गौरांग का लक्ष्य अपने नए बैनर गौरांग दोशी प्रोडक्शंस के तहत अधिक से अधिक अपरंपरागत कंटेंट वितरित करना है.
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मधुबनी : कृषि मंत्री की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन
मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) डॉ प्रेम कुमार मंत्री,कृषि विभाग, बिहार की अध्यक्षता में अतिथिगृह, मधुबनी में जल-जीवन-हरियाली, नल-जल, माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा 15 मीटर से बड़े पुलों की अनुशंसा सहित अन्य विभागों के योजनों के प्रगति की समीक्षा की गयी। बैठक में श्री दिलीप चौधरी, विधान पार्षद, मधुबनी, श्री समीर महासेठ, विधायक,मधुबनी, श्री सुमन महासेठ, विधान पार्षद,मधुबनी, श्री सीताराम यादव, विधायक, खजौली, श्री सुधांशु शेखर विधायक, हरलाखी, डॉ. फैयाज अहमद, विधायक, बिस्फी समेत अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं पदाधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक में माननीय मंत्री, कृषि विभाग,बिहार के द्वारा जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत तालाब, नहर की उड़ाही तथा वृक्षारोपण कार्यक्रम तथा सात निश्चय के तहत चल रहे विभिन्न योजनाओं में तेजी लाने का निदेश दिया गया एवं सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रगति लाने का निदेश दिया गया।
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मधुबनी : पेड़ों के संरक्षण हेतु महाअभियान कार्यक्रम का डीएम ने किया शुभारंभ
मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) :जिला पदाधिकारी, मधुबनी, श्री शीर्षत कपिल अशोक द्वारा जिले के पुराने पेड़ों के संरक्षण की दिशा में महाअभियान की शुरुआत की गई। जिसे "सेविंग द गार्जियंस ऑफ मिथिला"का नाम दिया गया। इस अनोखे कार्यक्रम के लिए कार्यक्रम स्थल के रूप में रहिका प्रखंड अंतर्गत सुगौना पंचायत के वनदेवी परिसर को चुना गया, जहां बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण, जन प्रतिनिधि, जीविका दीदी और हरियाली प्रेमी पहुंचे थे। पुराने वृक्षों को महावृक्ष की संज्ञा देते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि इस अभियान के तहत जिले के प्रत्येक पंचायत से कम से कम दस पेड़ों का चयन किया गया है, जिसके संरक्षण की जिम्मेदारी उसी गांव के लोगों पर होगी। इसके लिए प्रत्येक पंचायत से 10 लोगों से सहमति लेते हुए जिला स्तर पर उन्हें अपने परिवेश के उन पेड़ों के संरक्षक की भूमिका प्रदान की जाएगी। ताकि पुराने हो चले पेड़ों की सही देखभाल हो सके। उनका कहना था कि सामुदायिक चेतना को जागृत कर सामाजिक सरोकार से जुड़े हर संकल्प को पूरा किया जा सकता है। स्वयं कृषि क्षेत्र से आने वाले जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि पुराने वृक्षों ने अपने जीन की गुणवत्ता प्रमाणित कर दी है, जिसका मुकाबला आज के हाइब्रिड जीन पर आधारित नए पेड़ नहीं कर पाते। यदि हम पुराने हो चले वृक्षों के जीन आधारित नए-नए वृक्षों को लगाएं तो वे अधिक कारगर हो पाएंगे। अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मधुबनी में आई हुई बाढ़ की विभीषिका के दौरान उन्होंने पाया की पेड़ ना केवल मानवो बल्कि पशुओं और पक्षियों की रक्षा करने वाले भी बनकर सामने आए और बाढ़ के दौरान एक अभिभावक की भूमिका निभाते रहे। यह पेड़ हमारे ऐसे अभिभावक हैं, जो किसी से भी भेदभाव नहीं करते, वह सभी को एक समान छांव देते हैं। आज वक्त आ गया है, जब हम पुराने हो चले पेड़ों के संरक्षण का बीड़ा उठाएं और यह सब सामाजिक सहयोग से ही हो सकेगा। हम सभी पुराने पेड़ों की रक्षा करें और नए पेड़ों को भी लगाएं तो वह दिन दूर नहीं जब मधुबनी अपने नाम के अनुरूप मधुबन बन जाएगा। वनदेवी परिसर की प्रशंसा करते हुए उन्होंने वहां के सेवक रामअवतार यादव के प्रयास की भी सराहना की और कहा कि ऐसे ही मधुबनी के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर अवस्थित महावृक्षों और उनसे जुड़ी कथाओं के संग्रह का कार्य जिला प्रशासन द्वारा कराया जा रहा है। कला सर्किट, रामायण सर्किट के साथ-साथ यह क्षेत्र महान वृक्षों के सर्किट की संभावनाओं से भी जुड़ा है। लाखों पेड़ों में से कुछ एक पेड़ ही ऐसे होते हैं, जो सैकड़ों वर्षों तक मौजूद रह पाते हैं, अतः वक्त रहते ही इनके संरक्षण की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। इस परिप्रेक्ष्य में यह कोशिश राज्य में चलाए जा रहे जल जीवन हरियाली अभियान की सफलता में एक अत्यंत उपयोगी प्रयास साबित होगा। इसके लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ वन विभाग और जिले का कृषि विभाग सतत प्रयत्नशील है। कार्यक्रम का संचालन डॉ अभिषेक कुमार द्वारा किया गया। मौके पर अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सदर मधुबनी श्रीमती रेणु कुमारी, वन विभाग के रेंजर श्री पी के सिन्हा, कृषि विभाग के सहायक निदेशक श्री पी एन झा सहित रहिका प्रखंड के प्रखंड प्रमुख प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचल अधिकारी एवं सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 24 अक्टूबर
पॉलीथीन का प्रयोग रोकने निकाली जागरुकता रैली
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजवर्धन गुप्ता के मार्गदर्शन में पर्यावरण में प्लास्टिक के बढ़ते दुष्प्रभाव से फैलते प्रदूषण को रोकने के लिए न्यायालय परिसर से जागरुकता रैली निकाली गई। जागरुकता रैली बस स्टेण्ड, भोपाल नाका, इंग्लिशपुरा, कोतवाली, मेन रोड, नमक चौराहा होते हुए भीड़-भाड़ वाले स्थान लीसा टाकिज के पास समाप्त हुई। रैली के दौरान पैरालीगल वालेंन्टियर्स द्वारा बाजार सहित सब्जी, फल, परचुन की दुकानों, किराना दुकानदारों ग्राहकों को सिंगल यूज प्लास्टिक (पन्नी) के प्रयोग को रोकने की समझाईश दी गई। साथ ही प्लास्टिक से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में भी बताया गया।
खरीफ 2019 मक्का, सोयाबीन, मूंग, उड़द, अरहर, मूंगफली, कपास, तिल, राम तिल उपार्जन के लिए 30 अक्टूबर तक पंजीयन करा सकते हैं किसान
खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर मक्का, सोयाबीन, मूंग , उड़द, अरहर, मूंगफली, कपास, तिल, राम तिल उपार्जन के लिए किसान पंजीयन की अंतिम तारीख 23 अक्टूबर 2019 निर्धारित की गई थी जो अब 30 अक्टूबर तक बढ़ा दी गयी है। ऐसे किसान जिन्होंने अब तक फसलों के समर्थन मूल्य पर विक्रय के लिए पंजीयन नहीं कराया है अथवा पुराने पंजीयन का नवीनीकरण नहीं कराया है। वह निर्धारित दिनांक 30 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से नजदीकी पंजीयन केन्द्र के माध्यम से, मोबाईल एप के माध्यम से या ई-उपार्जन पोर्टल पर अपना पंजीयन करा सकते हैं। निर्धारित तिथि के पश्चात फसल उपार्जन के लिए किसान पंजीयन नहीं किया जाएगा।
जिला पंचायत के जांच दल ने किया हितग्राहियों की शिकायत का निराकरण
कलेक्टर श्री अजय गुप्ता को प्राप्त शिकायत के उपरांत जनपद पंचायत सीहोर अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मगरदा में प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास आवंटन में भेद-भाव करने संबंधी शिकायती की जांच करने हेतु तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया गया है। जांच दल में श्री राजेश राय, श्री हिरदेश राठौर और श्री ओम पटेल द्वारा शिकायतों का निराकरण ग्राम पंचायत में हितग्राहियों से मिलकर किया गया ।
आज मनाया जाएगा राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस
जिला आयुष अधिकारी डॉ रामप्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि आयुष मंत्रालय एवं आयुष विभाग मप्र द्वारा चतुर्थ राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा जिसमें आम लोगों को आयुर्वेद के माध्यम से दीर्घायु प्राप्त हो सके इसके लिए नि:शुल्क चिकित्सा शिविर एवं दीर्घायु के लिए आयुर्वेद विषय पर कार्यशाला आयोजित की जाएगी। नि:शुल्क चिकित्सा शिविर आयुषविंग चिकित्सालय गंगा आश्रम में प्रात:9 से 1:30 बजे तक आयोजित होगा। आयुर्वेद का उद्देश्य स्वस्थ व्यक्ति की रक्षा करना एवं रोगी व्यक्ति के रोग का उपचार करना है। डॉ रामप्रताप सिंह ने आमजनों से चिकित्सा शिविर एवं कार्यशाला में शामिल होकर लाभ प्राप्त करने की अपील की है।
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति प्रकरणों में आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 नवंबर
अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना अन्तर्गत नवीन एवं नवीनीकरण छात्रवृत्ति प्रकरणों के लिये विद्यार्थियों द्वारा ऑन-लाईन आवेदन भरने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तक बढ़ाई गई हैं। शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा विद्यार्थियों से प्राप्त ऑन-लाईन आवेदनों को अगले चरण हेतु ऑन-लाईन अग्रेषित करने 15 नवम्बर की तिथि निर्धारित की गई हैं। समस्त शासकीय/अशासकीय शिक्षण संस्थाओं से अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति आवेदनों की समयावधि में प्राप्त कर अग्रेषित करने की कार्यवाही करने एवं इस संबंध में अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों को भी अवगत कराने के लिये कहा गया है।
25 से 29 अक्टूबर तक कृषि उपज मंडी रहेगी बंद
कृषि उपज मंडी समिति सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि दीपावली पर्व के कारण मंडी 25 से 29 अक्टूबर तक अवकाश रहेगा। दीपावली पर्व/शासकीय अवकाश के कारण मंडी प्रांगण में कृषि उपजों एवं लहसून-प्याज की नीलामी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि 25 अक्टूबर को धनतेरस, 26 को रुप चौदस/चतुर्थ शनिवार, 27 को रविवार (दीपावली), 28 को दीपावली का दूसरा दिन स्थानीय पूजा एवं 29 अक्टूबर को भाई दूज के कारण शासकीय अवकाश रहेगा।
outreach customer meet का आयोजन किया गया
निदेषालय वित्तीय सेवायें, भारत सरकार के निर्देषानुसार जिले के अग्रणी बैंक ‘‘बैंक आॅफ इंडिया‘‘ के नेतृत्व में समस्त बैकों द्वारा स्थानीय टाउन हाल में वनजतमंबी बनेजवउमत उममज का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बैंक आॅफ इंडिया प्रधान कार्यालय, मुम्बई के महाप्रबंधक श्री अरविन्द वर्मा, बैंक आॅफ इंडिया भोपाल अंचल के आंचलिक प्रबंधक श्री बिस्वजित मिश्र, बैंक आॅफ इंडिया भोपाल अंचल के उपआंचलिक प्रबंधक श्री पंकज कुमार सिन्हा, बैंक आॅफ इंडिया भोपाल अंचल (एस.एम.ई.) के सहायक महाप्रबंधक श्री के.बी. लाल, भारतीय स्टेट बैंक के उपमहाप्रबंधक श्री के.पी. यादव, यूको बैंक के सहायक महाप्रबंधक श्री संदीप शर्मा, बैंक आॅफ बडौदा के सहायक महाप्रबंधक श्री अधिकारी, सीहोर के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री प्रकाष पेंढारकर, भोपाल के अग्रणी जिला प्रबंधक श्री शैलेन्द्र श्रीवास्तव, बैंक आॅफ इंडिया सीहोर शाखा के मुख्य प्रबंधक श्री प्रमोद पाण्डेय, बैंक आॅफ इंडिया ए.एम.ओ. सीहोर श्री झावरे, मध्यप्रदेष ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक श्री प्रमोद पाण्डेय, जिले की 84 शाखाओं के शाखा प्रबंधक, उद्यमी, किसान तथा शासकीय विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में उपस्थित किसानों ने अतिथियों का साफा पहनाकर एवं पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। अतिथियों ने अपने उदबोधन में सरकार की योजनाओं एवं बैंक से संबंधित जानकारी उपस्थित उद्यमियों एवं किसानों को दी। तदुपरान्त कार्यक्रम में उपस्थित सभी बैंक शाखाओं द्वारा वाहन ऋण, किसान ऋण, आवास ऋण, कृषि उपकरण, एस.एम.ई. योजनाओं के अन्तर्गत रू.29.62 करोड के ऋणों का वितरण किया गया। बैंक आॅफ इंडिया द्वारा 2408 हितग्राहियों को रू.13.70 करोड का ऋण वितरण किया गया। इस अवसर पर सभी बैंकों द्वारा स्टाल लगाये गये थे एवं दुपहिया, चार पहिया व कृषि उपकरण के स्टाल भी लगाये गये थे। कार्यक्रम के अन्त में अग्रणी जिला प्रबंधक, सीहोर श्री प्रकाष पेंढारकर ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।
कांग्रेस सेवादल ने कराया वेतन विसंगतियों को दूर चतुर्थ कर्मचारियों को मिलेगा 5 हजार रूपए वेतन
सीहोर। कांग्रेस सेवादल जिलाध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी अनुसुचित जाति विभाग संभाग भोपाल संयोजक नरेंद्र खंगराले के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के कम वेतन को लेकर किए गए प्रयास रंग लाए है। छात्रावासों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को चार एवं दो हजार रूपए वेतन में आदिम जाति कल्याण विभाग जिला संयोजक हरजीत सिंह राजपाल ने एक से तीन हजार रूपए की बढोतरी कराने का आश्वासन दिया है। ब्लाक कांग्रेस सेवादल सीहेार अध्यक्ष मांगीलाल टिमरई ने बताया की आदिम जाति कल्याण विभाग छात्रावासों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को शासन की नीति के अनुसार आठ घंटे समान कार्य समान वेतन दिया जाना सुनिश्चत है इस के बाद भी लम्बे समय से कम वेतन दिया जा रहा है। कन्या छात्रावास इछावर एवं देवकी बाई वर्मा पति गेंदालाल वर्मा, सुरेश बरेठा पिता हीरालाल बरेठा, कन्या छात्रावास दिबडिय़ा इछावर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को क्रम: चार हजार एवं दो हजार रूपए वेतन दिया जा रहा है। कांग्रेस सेवादल द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग जिला संयोजक हरजीत सिंह राजपाल को ज्ञापन देकर पांच हजार रूपए महिना चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को दिए जाने की मांग की गई। श्री राजपाल के द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग के लेखापाल मनीष सिंह को तत्काल चतुर्थ श्रेण कर्मचारी को पांच हजार रूपए महिना दिए जाने के आदेश दिए। क्षेत्रीय पार्षद आरती खंगराले,दर्शन सिंह वर्मा, डॉ अनीस खान, आशा गुप्ता, पन्नालाल खंगराले श्याम लाल महोबिया, डॉ जितेेंद्र पटेल, पंडित राजेश दुबे, जसबंत सिंह, मना वर्मा, संजय मालवीय, राजेश मेवाड़ा विजय वर्के राजेंद्र राजपूत, विक्रम वर्मा आदि ने आदिम जाति कल्याण विभाग का आभार व्यक्त किया है।
जिला पंचायत सीहोर के जांच दल ने जांच
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