Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 81465 articles
Browse latest View live

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 24 अक्टूबर

$
0
0
नवीन जिला चिकित्सालय हेतु सामाजिक संगठन एवं समाजसेवियों से सहयोग की अपेक्षा

vidisha news
नवनिर्मित नवीन जिला चिकित्सालय भवन में स्थानांतरण के पूर्व आवश्यक व्यवस्थाओं की पूर्ति में जिले के सामाजिक संगठनों एवं समाजसेवियों से सहयोग प्राप्ति के उद्वेश्य से आज जिला पंचायत सीईओ की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई।  कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में हुई उक्त बैठक में विधायक श्री शशांक भार्गव ने नवीन जिला चिकित्सालय में शुद्व पेयजल की आपूर्ति हेतु आरो सिस्टम विधायक निधि से देने की तथा पूर्व सांसद श्री प्रतापभानु शर्मा ने स्वेच्छा से आधुनिक रोटीमेकर मशीन देने की तथा रेडक्रास सोसायटी के पदाधिकारियों के द्वारा शव वाहन उपलब्ध कराने के साथ-साथ मय आई हेल्प यू प्रकोष्ठ पर सेवाएं देने की सहमति व्यक्त की है।  विदिशा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष श्री मुन्ना भैया जैन ने कहा कि नवीन जिला चिकित्सालय के बेहतर संचालन हेतु आउटसोर्स के माध्यम से जिन संसाधनों की आवश्यकता होगी उसकी पूर्ति व्यापार महासंघ कराने की भरपूर कोशिश करेगा। उन्होंने कहा कि व्यापारीगणों से सहयोग प्राप्त कर कार्यो को अंजाम दिया जाएगा।  बैठक में सदस्यों ने सुझावों से अवगत कराया जिस पर अमल करने की सहमति व्यक्त की गई तदानुसार सामाजिक संगठनों एवं अन्य अतिथियों से प्राप्त होने वाली उपयोगी सामग्री का बकायदा रिकार्ड संधारित किया जाए। नए विजन नई प्रतिष्ठा के साथ अस्पताल की शुरूआत हो। अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिजनों को अच्छा वातावरण मिले इसके लिए परिसर में पौधरोपण एवं हरियाली के अन्य कार्य हेतु उद्यानिकी विभाग से सहयोग अपेक्षित किया गया है।  इस दौरान अतिथियों ने अपेक्षा व्यक्त करते हुए कहा कि बुनियादी संसाधनों की पूर्ति विदिशा जिले के सामाजिक संगठन कराने में पीछे नही रहेंगे वशर्त जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित अन्य स्टाफ की कमी परलिक्षित ना हो। पांच मंजिली जिला चिकित्सालय की सुरक्षा एवं साफ सफाई पर आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है। उक्त बैठक में प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार, सिविल सर्जन सह अधीक्षक डॉ संजय खरे, समाजसेवी श्री सुरेश गर्ग, श्री अतुल शाह, श्री संजय पांडे के अलावा अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि तथा प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री राजेश शर्मा भी मौजूद थे। 

शांति नमकीन एवं स्वीट्स से सेम्पल लिए गए

vidisha news
‘‘शुद्व के लिए युद्व’’ साथ आएं, मिलावट खोरों को जड़ से मिटाएं अभियान के क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में राजस्व एवं खाद्य औषधी विभाग के अधिकारियों द्वारा सघन जांच पड़ताल कर प्रतिष्ठानों से नमूने संग्रहित कर उन्हें परीक्षण हेतु प्रयोगशाला प्रेषित किए जा रहे थे।  नायब तहसीलदार सुश्री पारूल चौधरी ने बताया कि आज शांति नमकीन एवं स्वीट्स बांसकुली विदिशा में स्थित दुकान का निरीक्षण् किया गया तथा दूध से निर्मित मिठाई एवं मैसूर पाग के सेम्पल लिए गए है। संस्थान में साफ सफाई ना होने के कारण उन्हें निर्देश दिए गए तथा आग से सुरक्षा एवं बचाव हेतु अग्निशामक यंत्र लगवाने के भी निर्देश दिए गए है। कार्यवाही के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्रीमती एडलिन ई पन्ना भी साथ मौजूद थी। 

डेंगू व चिकुनगुनिया के बचाव उपायों से अवगत कराया गया

vidisha news
विदिशा जिले में डेंगू चिकुनगुनिया के इस वर्ष अब तक कुल 39 प्रकरण पाए गए है जिसमें डेंगू के 36 व चिकुनगुनिया के तीन प्रकरण शामिल है। आमजनों को डेंगू एवं चिकुनगुनिया से बचाव के उपायों की जानकारी देने हेतु प्रभावित क्षेत्रों में सतर्क शिविरों का आयोजन किया जा रहा है वही विभाग के माध्यम से बुखार व लार्वा सर्वे सतत रूप से किया जा रहा है।  जिला मलेरिया अधिकारी श्री बीएम वरूण ने बताया कि बीमारियों से बचने हेतु उपायों एवं संसाधनों की जानकारी सुगमता से मिल सकें इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। शैक्षणिक संस्थाओं मेंं मैं स्वंय एवं अन्य सहयोगियो के साथ छात्रों एवं शिक्षकों को डेंगू व चिकुनगुनिया से बचने के लिए क्या-क्या उपायों का पालन करें कि जानकारी दी जा रही है जिसमें मुख्य रूप से डेंगू होने पर मरीज को बुखार, सिरदर्द, आंखो के आस-पास दर्द, उल्टी, घबराहट, लाल चकते, रक्तस्त्राव, बेहोशी आदि लक्षण पाए जाते है।  चिकुनगुनिया में बुखार के साथ-साथ हाथ पैरो के जोडो में तेज दर्द होता है इस प्रकार के संकेत किसी मरीज में परलिक्षित हो अथवा मरीजों को आभास हो तो मरीजों को अविलम्ब अस्पताल में सम्पर्क कर चिकित्सकों के सुझाव अनुसार कार्य कर एवं दवाओं का सेवन करें।  डेंगू चिकुनगुनिया मुख्यतः मच्छरों से होता है। हम अपने घरो के आस-पास पानी इकट््ठा ना होने दें। टंकी बर्तनों को ढंककर रखें, उपयोग में लाए जाने वाले पानी को सप्ताह में बदलते रहें, रात्रि में मच्छरदानी लगाकर सोएं इत्यादि जानकारियां जिला मलेरिया अधिकारी बीएम वरूण के द्वारा आज नदी रोड़ बरईपुरा में स्थित ऑल ऐजिल्स के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को दी गई है।

गौ-शालाओं हेतु दिए जा रहे दान की जानकारी बेवसाइट पर 

विदिशा जिले में संचालित गौ-शालाओं के लिए दानदाताओं द्वारा दान दिया जा रहा है। ततसंबंध में दानदाताओं की जानकारियां बेवसाइट पर अपलोड की जाएगी कि जानकारी देते हुए पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के उप संचालक श्री एससी वर्मा ने बताया कि ततसंबंध में मध्यप्रदेश गौ संवर्धन एवं गोपालन बोर्ड भोपाल द्वारा एक बेवसाइट तैयार की गई है। दानदाता अपना दान गौशालाओं के लिए उक्त बेवसाइट ww.gopalan.mp.gov.in  से कर सकते है। ततसंबंध में अन्य विस्तृत जानकारी के लिए पशु चिकित्सा सेवा विभाग के उप संचालक कार्यालय के दूरभाष क्रमांक 07592-232573 पर कार्यालयीन दिवसों अवधि में सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है।

एक नवम्बर से शुल्क पर 1962 की सेवाएं पशुपालकों को मिलेगी

पशुपालकों के पशुओं के आकस्मिक बीमार होने पर तत्काल घर पहुंच निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्वेश्य से राज्य सरकार द्वारा डायल 1962 पशुधन संजीवनी योजना पूर्व से जिले में संचालित की जा रही है।  पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के उप संचालक श्री एससी वर्मा ने बताया कि एक नवम्बर 2019 से शासन द्वारा योजना 1962 पशुधन संजीवनी के अंतर्गत पशु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु राशि एक सौ रूपए प्रति पशु लेना सुनिश्चित किया गया है। पशुपालको से ली गई राशि की रसीद जिला रोगी पशु कल्याण समिति की रसीद बुक पर शुल्क प्राप्ति हेतु प्रदाय की जाएगी।  विभाग के उप संचालक ने बताया कि एक नवम्बर से 1962 पशुधन संजीवनी योजना के अंतर्गत दूरस्थ ग्रामों के पशुपालकों के पशुओं का सशुल्क घर पहुंचकर उपचार पशुपालन विभाग द्वारा किया जाएगा। है।

सोयाबीन सहित अन्य फसलों के उपार्जन की अवधि बढ़ी 

खरीफ 2019 मेंं ई उपार्जन पोर्टल पर सोयाबीन, मक्का, मूंग, उड़द, अरहर, मूंगफली, कपास, तिल, रामतिल के पंजीयन अवधि बढ़ाए जाने का आदेश किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा जारी किया गया है कि जानकारी देते हुए जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती रश्मि साहू ने बताया कि पूर्व उल्लेखित फसलों का समर्थन मूल्य पर विक्रय हेतु कृषकगण अपना ई उपार्जन पोर्टल पर अब 30 अक्टूबर तक पंजीयन करा सकते है। 

ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए सुझाव पोर्टल के माध्यम से दें

ऑनलाइन ठगी से नागरिकों को बचाने के लिये उचण्उलहवअण्पद पोर्टल पर ऑनलाइन कैम्पेन चलाया जा रहा है। ऑनलाइन  ठगी से बचने के लिये राज्य साइबर पुलिस मध्यप्रदेश द्वारा नागरिकों से जागरूक और सावधान रहने की अपील भी की गई  है। राज्य साइबर पुलिस को ऑनलाइन एडवरटाइजिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों से अलग-अलग ठगी करने संबंधी कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं। लगातार प्राप्त हो रही इन शिकायतों की वजह से राज्य साइबर पुलिस द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं। नागरिक अब आम लोगों को ठगी का शिकार होने से बचाने के उपाय, महत्वपूर्ण सुझाव और विचार पोर्टल पर लॉग इन कर साझा कर सकते हैं। 

झाबुआ की जीत कमलनाथ सरकार पर जनता का भरोसा है - शशांक भार्गव

विदिशाः- झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी श्री कांतिलाल भूरिया की 27942 भारी मतो के अन्तर से जीत पर विधायक शशंाक भार्गव ने बधाई दी। श्री भार्गव ने कहा की ये जीत कमलनाथ सरकार पर जनता का भरोसा है। भाजपा ने झाबुआ की जनता को धर्म और राष्ट्रवाद के नाम पर गुमराह करने की कोशिश की लेकिन जनता ने एक बार फिर कांग्रेस की नीतियों पर विश्वास किया है। हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी जी के नेत्तृव में कांग्रेस मध्यप्रदेश में ही नही पूरे देश में एकजुट है। राहुल गांधी जी, प्रियंका गांधी जी और लोकप्रिय मुख्यमंत्री कमलनाथ जी कांग्रेस को ओर अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत हैं। भाजपा ने 15 साल प्रदेश में राज किया है लेकिन जनता के लिए कुछ नही किया। कांगे्रस सरकार के आते ही प्रदेश और जनता के हित में किसान कर्जमाफी, समाजिक सुरक्षा पैंशन में बढोतरी, 100 रूपये में 100 यूनिट बिजली, आवासहीन परिवारों को आवासीय पट्टे, मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना में 51000 रूपये की राशि, सहित अनके जन कल्याणकारी योजनाएं लागू कर क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। इसलिए प्रदेश की जनता का कमलनाथ सरकार पर भरोसा कायम है।

वाराणसी : राज्यस्तरीय शैक्षिक कार्यशाला में सम्मानित हुई सोनभद्र की वर्षारानी

$
0
0
‘ज्ञान अविरल प्रवाह का नाम है: बेशिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी
varsha-rani-awarded
वाराणसी (सुरेश गांधी ) ।लखनऊ के आरएलबी इण्टरमीडिएट काॅलेज, इन्दिरानगर में बुधवार को राज्य स्तरीय शैक्षिक गुणवत्ता उन्नयन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में सोनभद्र जिले के माॅडल इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल कलकलीबहरा प्रथम, दुद्धी की प्रधानाध्यापिका एवं नवाचारी शिक्षिका वर्षा रानी को यूपी के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। वर्षारानी को प्रशस्ति पत्र मिलने से शिक्षक एवं शिक्षिकाओं में खुशी की लहर है। लोगों ने कहा वर्षारानी ने सोनभद्र जिले का गौरव बढ़ाया है। बेसिक शिक्षा परिषद के संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार व सहायक शिक्षा निदेशक अब्दुल मोबीन ने वर्षारानी का उत्साहवर्धन किया है। बता दें, शिक्षा निदेशालय की ओर से लखनऊ में होने वाली मिशन शिक्षण संवाद गुणवत्ता कार्यशाला के लिए सोनभद्र के माॅडल इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल कलकलीबहरा प्रथम, दुद्धी की प्रधानाध्यापिका एवं नवाचारी शिक्षिका वर्षा रानी का चयन किया गया है। कार्यशाला में बेशिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा है कि आने वाले समय में बेसिक शिक्षा के स्कूलों को अभिभावकों की पहली पसंद बनाने का लक्ष्य है। इन स्कूलों को उनकी मजबूरी नहीं बनना चाहिए। हमारी कोशिश है कि योगी सरकार बेसिक शिक्षा के कायाकल्प के लिए जो योजनाएं लाई है, वे सफलतापूर्वक धरातल पर उतर सकें।  श्री द्विवेदी ने कहा कि शैक्षिक गुणवत्ता में अभिनव प्रयोग करने वाले शिक्षकों इस कार्यशाला में संवाद के जरिए चयन किया गया। कार्यशाला में आये अभिनव प्रयोग करने वाले शिक्षकों ने अपने उत्कृष्ट कार्यों को सबसे सांझा किया। जिससे अभिप्रेरित हो शैक्षिक गुणवत्ता को उत्तरोत्तर संवर्धित किया जा सके। श्री द्विवेदी ने शिक्षकों को अभिप्रेरित करते हुए कहा कि ‘ज्ञान अविरल प्रवाह का नाम है। जो शिक्षक अच्छे कार्य कर रहे हैं उन्हें सबके सामने लाना है। इससे समाज को नयी ऊर्जा मिलेगी। यदि उनके ज्ञानरुपी प्रवाह को रोका गया तो उनमें नकारात्मकता उत्पन्न होने लगेगी।‘ श्री द्विवेदी ने समस्त शिक्षकों का मार्गदर्शन करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।  कर्यशाला में माॅडल इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल कलकलीबहरा प्रथम, दुद्धी की प्रधानाध्यापिका एवं नवाचारी शिक्षिका वर्षा रानी ने अपने ‘उत्कृष्ट अभिनव पहल‘, सकारात्मक शैक्षिक परिवेशीय संवर्धन‘ का प्रस्तुतिकरण कर सभागार में मौजूद हरेक के मन को मुग्ध कर दिया। गौरतलब है कि प्रदेश के 75 जनपदों में प्रथम स्थान प्राप्त कर शिक्षिका वर्षा रानी ने न सिर्फ आकांक्षित जनपद सोनभद्र के गौरव को संवर्धित किया है, बल्कि सभामध्य प्रेरणापुंज भी बनी। जिसके लिए उन्होंने अपने स्कूल के समस्त शिक्षकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में वर्षारानी को ससम्मान प्रमाण-पत्र देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गयी। 

बिहार विधानसभा उपचुनाव में भाजपा-जदयू की करारी हार स्वागतयोग्य: माले

$
0
0
दरौंदा सीट पर माले का प्रदर्शन सम्मानजनक.
cpi-ml-welcome-bjp-jdu-defeat
पटना (आर्यावर्त संवाददाता) 24 अक्टूबर 2019, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बिहार विधानसभा उपचुनाव में भाजपा-जदयू गठबंधन की करारी हार का स्वागत किया है. विधानसभा के लिए पांच सीटों पर हो रहे चुनाव में यह गठबंधन सभी सीटों पर चुनाव हार गई है जबकि चार सीटें उन्हीं के कब्जे में थी. उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम दिखलाता है कि भाजपा-जदयू के खिलाफ बिहार की जनता का मूड बनने लगा है और अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता निर्णायक सबक सिखाएगी. लोकसभा चुनाव में भारी जीत के बाद जनता के हित में काम करने की बजाए एनडीए गठबंधन लगातार उलटा काम करने में लगी है. संविधान व लोकतंत्र पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. देश आज भयानक आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. बेरोजगारों की फौज बढ़ रही है. धारा 370 की समाप्ति के बाद दसियों हजार बिहार के मजदूर बेकार हो गए हैं. आज पूरे बिहार में अपराध का ग्राफ चरम पर है. बाढ़ व जलजमाव से पूरा बिहार पिछले दिनों त्रस्त रहा. यहां तक कि राजधानी पटना में भी भारी जलजमाव रहा. जबकि विगत 15 वर्षों से बिहार में भाजपा-जदयू की ही सरकार कमोबेश रही है. विधानसभा उपचुनाव में इस गठबंधन के खिलाफ जनता के आक्रोश का प्रकटीकरण हुआ है. भाकपा-माले ने सिवान जिले के दरौंदा सीट पर अपना एक उम्मीदवार खड़ा किया था, जिन्हें सम्मानजनक वोट हासिल हुआ. इसके लिए भाकपा-माले दरौंदा के मतदाताओं का धन्यवाद ज्ञापन करती है.

विशेष : समाज महिलाओं की प्रतिभा को उचित सम्मान दे

$
0
0
nobel-award-and-women
समय निरंतर बदलता रहता है, उसके साथ समाज भी बदलता है और सभ्यता भी विकसित होती है।लेकिन समय की इस यात्रा में अगर उस समाज की सोच नहीं बदलती तो वक्त ठहर सा जाता है।  1901 में जब नोबल पुरस्कारों की शुरुआत होती है और 118 सालों बाद  2019 में जब  नोबल पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा होती है तो कहने को इस दौरान 118 सालों का लंबा समय बीत चुका होता है लेकिन महसूस कुछ ऐसा होता है कि जैसे वक्त थम सा गया हो। क्योंकि 2019 इक्कीसवीं सदी का वो दौर है जब विश्व भर की महिलाएं डॉक्टर इंजीनियर प्रोफेसर पायलट वैज्ञानिक से लेकर हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं।  यहाँ तक कि हाल ही के भारत के महत्वकांक्षी चंद्रयान 2 मिशन का नेतृत्व करने वाली टीम में दो महिला वैज्ञानिकों के अलावा पूरी टीम में लगभग 30% महिलाएं थीं। कमोबेश यही स्थिति विश्व के हर देश के उन विभिन्न चनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी महिलाओं के होने की है जो महिलाओं के लिए वर्जित से माने जाते थे जैसे खेल जगत,सेना, पुलिस, वकालत, रिसर्च आदि।

सालों के इस सफर में यद्यपि महिलाओं ने एक लंबा सफर तय कर लिया लेकिन 2019 में भी जब नोबल जैसे अन्य प्रतिष्ठित  पुरुस्कार पाने वालों के नाम सामने आते हैं  तो उस सूची को देखकर लगता है कि सालों का यह सफर केवल वक्त ने तय किया और महिला कहीं पीछे ही छूट गई। शायद इसलिए 2018 में पिछले 55 सालों में भौतिकी के लिए नोबल पाने वाली पहली महिला वैज्ञानिक डोना स्ट्रिकलैंड ने कहा था, "मुझे हैरानी नहीं है कि अपने विषय में नोबल पाने वाली 1901 से लेकर अब तक मैं तीसरी महिला हूँ, आखिर हम जिस दुनिया में रहते हैं वहाँ पुरूष ही पुरूष तो नज़र आते हैं।"  आश्चर्य नहीं कि  97% विज्ञान के नोबल पुरस्कार विजेता पुरूष वैज्ञानिक हैं। 1901 से 2018 के बीच भौतिक शास्त्र के लिए 112 बार नोबल पुरस्कार दिया गया जिसमें से सिर्फ तीन बार किसी महिला को नोबल मिला। इसी प्रकार रसायन शास्त्र, मेडिसीन, अर्थशास्त्र के क्षेत्र में भी लगभग यही असंतुलन दिखाई देता है। इनमें 688 बार नोबल दिया गया जिसमें से केवल 21 बार महिलाओं को मिला। अगर अबतक के कुल नोबल पुरस्कार विजेताओं की बात की जाए तो यह पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए 892 लोगों को  दिया गया है जिसमें से 844 पुरूष हैं और 48 महिलाएं। विभिन्न वैश्विक मंचों पर जब लैंगिक समानता की बड़ी बड़ी बातें की जाती हैं तो अंतरराष्ट्रीय स्तर के किसी पुरस्कार के ये आंकड़े निश्चित ही वर्तमान कथित आधुनिक समाज की कड़वी सच्चाई सामने ले आते हैं। इस विषय का विश्लेषण करते हुए ब्रिटिश साइंस जर्नलिस्ट एंजेला सैनी ने  "इन्फीरियर"अर्थात हीन नाम की एक पुस्तक लिखी। इस पुस्तक में विभिन्न  वैज्ञानिकों के इंटरवियू हैं और कहा गया है कि वैज्ञानिक शोध खुद औरतों को कमतर मानते हैं जिनकी एक वजह यह है कि उन शोधों को करने वाले पुरूष ही होते हैं। अमेरिका की साइंस हिस्टोरियन मार्गरेट डब्लू रोसिटर ने 1993 में ऐसी सोच को माटिल्डा इफ़ेक्ट नाम दिया था जब महिला वैज्ञानिकों के प्रति एक तरह का पूर्वाग्रह होता है जिसमें उनकी उपलब्धियों को मान्यता देने के बजाए उनके काम का श्रेय उनके पुरुष सहकर्मियों को दे दिया जाता है  और आपको जानकर हैरानी होगी कि इसकी संभावना 95% होती है। क्लोडिया रैनकिन्स जो सोसाइटी ऑफ स्टेम वीमेन की  सह संस्थापक हैं, इस विषय में  उनका कहना है कि इतिहास में नेटी स्टीवेंस, मारीयन डायमंड और लिसे मीटनर जैसी कई महिला वैज्ञानिक हुई हैं जिनके काम का श्रेय उनके बजाए उनके पुरुष सहकर्मियों को दिया गया। दरअसल लिसे मीटनर ऑस्ट्रेलियाई महिला वैज्ञानिक थीं जिन्होंने न्यूक्लियर फिशन की खोज की थी लेकिन उनकी बजाए उनके पुरूष सहकर्मी ओटो हान को 1944 का नोबल मिला। 

 अगर आप  इस कथन के विरोध में नोबल पुरस्कार के शुरुआत यानी 1903 में ही मैडम क्यूरी को नोबल दिए जाने का तर्क प्रस्तुत करना चाहते हैं तो आपके लिए इस घटना के पीछे का सच जानना रोचक होगा जो अब इतिहास में दफन हो चुका है। यह तो सभी जानते हैं कि रेडिएशन की खोज मैडम क्यूरी और उनके पति पियरे क्यूरी दोनों ने मिलकर की थी लेकिन यह एक तथ्य है कि 1902 में जब  इस कार्य के लिए नामांकन दाखिल किया गया था तो नोबल कमिटी द्वारा मैडम क्यूरी को नामित नहीं किया गया था, सूची में केवल पियरे क्यूरी का ही नाम था । पियरे क्यूरी के एतराज और विरोध के कारण मैडम क्यूरी को भी नोबल पुरस्कार दिया गया और इस प्रकार 1903 में वो इस पुरस्कार को पाने वाली पहली महिला वैज्ञानिक और फिर 1911 में रेडियम की खोज करके दूसरी बार नोबल पाने वाली पहली महिला बनीं।  स्पष्ट है कि प्रतिभा के बावजूद महिलाओं को  लगभग हर क्षेत्र में कमतर ही आंका जाता है और उन्हें काबलियत के बावजूद जल्दी आगे नहीं बढ़ने दिया जाता। 2018 की नोबल पुरस्कार विजेता डोना स्ट्रिकलैंड दुनिया के सामने इस बात का जीता जागता उदाहरण हैं जो अपनी काबलियत के बावजूद सालों से कनाडा की प्रतिष्ठित वाटरलू यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर ही कार्यरत रहीं थीं। इस पुरस्कार के बाद ही उन्हें प्रोफेसर पद की पदोन्नति दी गई। 

आप कह सकते हैं कि पुरूष प्रधान समाज में यह आम बात है। आप सही भी हो सकते हैं। किंतु मुद्दा कुछ और है। दरअसल यह आम बात तो हो सकती है लेकिन यह "साधारण"  बात नहीँ हो सकती। क्योंकि यहाँ हम किसी साधारण क्षेत्र के आम पुरुषों की बात नहीं कर रहे बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के असाधारण वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, गणितज्ञ, साहित्यकार पुरुषों की बात कर रहे हैं जिनकी असाधारण बौद्धिक क्षमता  और जिनका मानसिक स्तर उन्हें आम पुरुषों से अलग करता है। लेकिन खेद का विषय यह है कि महिलाओं के प्रति इनकी मानसिकता उस भेद को मिटाकर इन कथित इंटेलेकचुअल पुरुषों को आम पुरुष की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देती है । पुरूष वर्ग की मानसिकता का अंदाजा ई -लाइफ जैसे साइंटिफिक जर्नल की इस रिपोर्ट से लगाया जा सकता है कि केवल 20% महिलाएं ही वैज्ञानिक जर्नल की संपादक, सीनियर स्कॉलर और लीड ऑथर जैसे पदों पर पहुंच पाती हैं। आप कह सकते हैं कि इन क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या और उपस्थिति पुरुषों की अपेक्षा कम होती है। इस विषय पर भी कोपेनहेगेन यूनिवर्सिटी की लिसोलेट जौफ्रेड ने एक रिसर्च की थी जिसमें उन्होंने यू एस नेशनल साइंस फाउंडेशन से इस क्षेत्र के 1901 से 2010 तक के जेंडर आधारित आंकड़े लिए और इस अनुपात की तुलना नोबल पुरस्कार पाने वालों की लिंगानुपात से की। नतीजे बेहद असमानता प्रकट कर रहे थे। क्योंकि जिस अनुपात में महिला वैज्ञानिक हैं उस अनुपात में उन्हें जो नोबल मिलने चाहिए वो नहीं मिलते।

जाहिर है इस प्रकार का भेदभाव आज के आधुनिक और तथाकथित सभ्य समाज की पोल खोल देता है।लेकिन अब महिलाएँ जागरूक हो रही हैं। वो वैज्ञानिक बनकर केवल विज्ञान को ही नहीं समझ रहीं वो इस पुरूष प्रधान समाज के मनोविज्ञान को भी समझ रही हैं। वो पायलट बनकर केवल आसमान में नहीं उड़ रहीं बल्कि अपने हिस्से के आसमाँ को मुट्ठी में कैद भी कर रही हैं। यह सच है कि अब तक स्त्री पुरूष के साथ कदम से कदम मिलाकर सदियों का  सफर तय कर यहाँ तक पहुंची है, इस सच्चाई को वो स्वीकार करती है और इस साथ के लिए पुरूष की सराहना भी करती है।  लेकिन अब पुरूष की बारी है कि वो स्त्री की काबलियत को उसकी प्रतिभा को स्वीकार करे और उसको यथोत्तचित सम्मान दे जिसकी वो हक़दार है। 




डॉ नीलम महेंद्र
लेखिका वरिष्ठ स्तंभकार हैं

बिहार : एक दिवसीय स्मॉल क्रिश्चियन कम्युनिटी नेशनल कंवेंशन 26 अक्टूबर को कोलकाता में

$
0
0
तिनकोनवा पल्ली के पल्ली पुरोहित फादर सुभाष सिंह कोलकाता जाने वाले हैं.यहां पर एक दिवसीय स्मॉल क्रिश्चियन कम्युनिटी नेशनल कंवेंशन 26 अक्टूबर को है. यहां की होली फैमिली चर्च, क्रिस्टोपुर में कंवेंशन   चलेगा. 
christian-convention
सुपौल, 24 अक्टूबर। इस जिले में है रोमन कैथोलिक चर्च. चर्च की परिधि क्षेत्र में है लतौना पल्ली.यहीं पर फादर सुभाष माइकल उर्फ फादर सुभाष सिंह का जन्म हुआ है.फादर सिंह मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के पुरोहित हैं. मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के बिशप जे.बी.ठाकुर के आशीर्वाद व मिस्सा पूजा में माइकल सिंह का पुरोहिताभिषेक  22 April 2014 को हुआ . विधिवत पुरोहित बनने के बाद एमएसडब्लू मास्टर ऑफ सोशल वर्क की पढ़ाई करने मुम्बई चले गए. मुम्बई में उच्चतर पढ़ाई खत्म करने के बाद फादर सुभाष सिंह को जिले के तिनकोनवा पल्ली में प्रथम पोस्टिंग की गयी. आजकल यहां के पल्ली पुरोहित हैं फादर सिंह. बता दें कि  तिनकोनवा पल्ली के पल्ली पुरोहित फादर सुभाष सिंह कोलकाता जाने वाले हैं.यहां पर एक दिवसीय स्मॉल क्रिश्चियन कम्युनिटी नेशनल कंवेंशन 26 अक्टूबर को है. यहां की होली फैमिली चर्च, क्रिस्टोपुर में कंवेंशन   चलेगा. 

बिहार : फिल्‍म ‘भाग खेसारी भाग’ का मोशन पोस्टर वायरल

$
0
0
bhag-khesari-bhag-poster-viral
भोजपुरी सिनेप्रेमियों के स्वस्थ मनोरंजन के लिए बनाई गई सुपरस्टार खेसारीलाल यादव स्टारर भोजपुरी फिल्म ‘भाग खेसारी भाग’ का मोशन पोस्टर फिल्म निर्माता ’उमाशंकर प्रसाद’ के होम प्रोडक्शन ’जे पी स्टार पिक्चर्स’ बैनर के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल से जारी किया है, जो रिलीज होते ही वायरल हो गया है। यह मोशन पोस्टर काफी पसंद किया जा रहा है। साथ ही लोगों की बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। इस फिल्म का ऑडियो, वीडियो, सैटेलाइट्स राईट्स एंटर10 म्यूजिक कंपनी ने लिया है। भोजपुरी सिनेमा में यूनिक कथावस्तु पर बनी यह फिल्म प्रदर्शन के लिए तैयार है। भव्य पैमाने पर निर्मित की गई इस फिल्म का नया विषय दर्शकों का खूब मनोरंजन करने वाला है। फ़िल्म को लेकर निर्माता उमाशंकर प्रसाद कहते हैं कि बदलाव कोई नया आदमी ही करता है। जेपी स्टार पिक्चर्स बैनर के तले उन्होंने फ़िल्म ‘भाग खेसारी भाग’ का निर्माण कर एक कोशिश किया है। साफ तौर पर फिल्म के मोशन पोस्टर से पता चल रहा है। यह फ़िल्म कुछ न कुछ जरूर नया कॉन्सेप्ट और नया प्रयोग के साथ बनाई गई है। इस फिल्म में एक साथ खेसारी लाल यादव, स्मृति सिन्हा और निर्देशक प्रेमांशु सिंह की सुपरहिट रही तिकड़ी एक बार फिर इतिहास रचने वाली है। इस फिल्म से निर्मात उमाशंकर प्रसाद, निर्देशक, नायक, नायिका सहित पूरी टीम को नया इतिहास रचने की काफी उम्मीद है। खेसारी लाल और स्मृति की सुपर हिट जोड़ी फिर से बहुत दिनों बाद इस फिल्म से रिपीट हो रही है। उल्लेखनीय है कि फिल्म भाग खेसारी भाग के निर्माता उमाशंकर प्रसाद हैं, उनकी यह पहली भोजपुरी फिल्म है। वे अपने प्रोडक्शन हाउस जे पी स्टार पिक्चर्स बैनर से आगे भी कई बेहतरीन फिल्मों का निर्माण करते रहेंगे। फिल्म के निर्देशक प्रेमांशु सिंह हैं। एसोसिएट प्रोड्यूसर आयुष राज गुप्ता हैं। फिल्म के लेखक मनोज कुशवाहा हैं। संगीतकार ओम झा हैं। फिल्म का छायांकन सरफराज खान, नृत्य राम देवन, रिक्की गुप्ता, मारधाड़ हीरालाल यादव, कला शेरा का है। प्रोडक्शन कंट्रोलर मोतीराम व प्रोडक्शन मैनेजर राजन पांडेय हैं। फिल्म प्रचारक रंजन सिन्हा व रामचन्द्र यादव हैं। मुख्य भूमिका में खेसारीलाल यादव, स्मृति सिन्हा, अमित शुक्ला, अयाज खान, संजय वर्मा, अर्जुन यादव, राहुल शाहू, प्रीतम कुमार, अविनाश मधुकर, अमित चौधरी, सत्य प्रकाश सिंह आदि हैं।  

बिहार : सामाजिक कार्यकर्ताओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया

$
0
0
दी पटना पैरिश   थ्रिफ्ट सेविंग्स एण्ड क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लि.के वरिष्ठ बड़ा बाबू विजय बेनेडिक्ट ने कहा कि महामहिम के हाथों सम्मान ग्रहण करना गर्व की बात है.
social-worker-awarded
पटना, 24 अक्टूबर। पटना महाधर्मप्रांत शताब्दी समारोह में सामाजिक सरोकारों से जुड़े साठ से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा,डीडी के हाथों से सम्मान ग्रहण करने वालों में दी पटना पैरिश   थ्रिफ्ट सेविंग्स एण्ड क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लि.के वरिष्ठ बड़ा बाबू विजय बेनेडिक्ट ने कहा कि महामहिम के हाथों सम्मान ग्रहण करना गर्व की बात है. इसके पूर्व यूनिटी प्रेयर सिस्टर लीना और सिस्टर वीणा के द्वारा पेश की गयी.इसके बाद संयुक्त रूप से दीप जलाया.दीप प्रज्जवलित करने वालों में आर्च बिशप विलियम डिसूजा,आर्च बिशप के सहायक सेवास्टियन कल्लूपुरा, एंसलेम मेयर, सिस्टर दौरेथी, सिस्टर सुधा,सिस्टर एंसी और फादर अमल राज थे. आगत लोगों का स्वागत फादर अमल राज ने किया. फादर फ्रांसिस ने आर्च बिशप विलियम डिसूजा को, फादर पी.के.जोस ने आर्च बिशप के सहायक सेवास्टियन कल्लूपुरा को और फादर हेनरी फर्नाण्डो ने एंसलेम मेयर को सम्मानित किया.फादर जोस कलापुरा ने धर्मप्रांत के इतिहास का खुलासा किया.

दरभंगा : 75 परिवार के लोग वृक्षारोपण कर बच्चों की तरह देखरेख करेंगे

$
0
0
125 वीं जयंती को पल्लिवासी यादगार बनाने का पर्यावरणीय संकल्प लिया है.चर्च परिसर में वृक्षारोपण करेंगे. दरभंगा पल्ली के 75 परिवार  एक-एक वृक्ष लगाएंगे. मजे की बात है कि परिवार के लोग वृक्ष का नामकरण करेंगे ताकि पहचान हो कि अमुख परिवार का वृक्ष है. तीन कट्टे में 75 परिवार के लोग 1 -1 शीशम,    आम, अमरूद आदि का वृक्ष लगाएंगे. बच्चों की तरह देखरेख करें. यह अजूबा प्रयोग है.
church-will-suport-poor-family
दरभंगा, 24 अक्टूबर। उत्तर बिहार में है जिला दरभंगा.इस जिले में है 'होली रोजरी चर्च'.इस समय दरभंगा पल्ली के पल्ली पुरोहित हैं फादर सुशील गाब्रिएल.उनके कार्यकाल में पल्ली और पल्लिवासियों का कल्याण व विकास हुआ है. बता दें कि अभी -अभी 'होली रोजरी चर्च'की 125 वीं जयंती मनायी गयी है. मौके पर पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा, मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के पूर्व बिशप जे.बी.ठाकुर और वर्तमान बिशप काजीटेन ओस्ता आदि धर्मगुरू उपस्थित थे. 125 वीं जयंती को पल्लिवासी यादगार बनाने का पर्यावरणीय संकल्प लिया है.चर्च परिसर में वृक्षारोपण करेंगे. दरभंगा पल्ली के 75 परिवार  एक-एक वृक्ष लगाएंगे. मजे की बात है कि परिवार के लोग वृक्ष का नामकरण करेंगे ताकि पहचान हो कि अमुख परिवार का वृक्ष है. तीन कट्टे में 75 परिवार के लोग 1 -1 शीशम,    आम, अमरूद आदि का वृक्ष लगाएंगे. बच्चों की तरह देखरेख करें. यह अजूबा प्रयोग है. बताते चले कि कुर्जी पल्ली,पटना की कब्रिस्तान में वृक्षारोपन किया गया था.शव को दफन करने में दिक्कत व जगहाभाव के आलोक में वृक्षारोपण का सत्यनाश कर दिया गया.


विशेष : प्लास्टिक प्रदुषण रोकने के लिए हमें प्रकृति की ओर देखना होगा।

$
0
0
  • प्रकृति ही देगी प्लास्टिक का हल
plastic-and-nature
"आदमी भी क्या अनोखा जीव है, उलझनें अपनी बनाकर आप ही फंसता है, फिर बेचैन हो जगता है और ना ही सोता है।"  आज जब पूरे विश्व में प्लास्टिक के प्रबंधन को लेकर मंथन चरम पर है तो रामधारी सिंह दिनकर जी की ये पंक्तियाँ बरबस ही याद आ जाता है । वैसे तो कुछ समय पहले से विश्व के अनेक देश सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग बंद करने की दिशा में ठोस कदम उठा चुके हैं और आने वाले कुछ सालों के अंदर केवल बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का ही उपयोग करने का लक्ष्य बना चुके हैं। भारत इस लिस्ट में सबसे नया सदस्य है। जैसा कि लोगों को अंदेशा था, उसके विपरीत अभी भारत सरकार ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक को कानूनी रूप से बैन नहीं किया है केवल लोगों से स्वेच्छा से इसका उपयोग बन्द करने की अपील की है। अच्छी बात यह है कि लोग जागरूक हो भी रहे हैं और एक दूसरे को कर भी रहे हैं। अगर दुनिया भर के देशों द्वारा सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन के पैटर्न को देखें तो हमें यह पता चलता है कि हर देश ने विभिन्न चरणों में अपने इस लक्ष्य को हासिल किया है ना कि एक बार में पूरे देश में सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन लगाकर। दरअसल इस के अनेक पक्ष और पहलू हैं। जैसे आज प्लास्टिक एक ऐसी वस्तु बन चुकी है जो हमारी दिनचर्या का ही हिस्सा बन गई है, तो सबसे पहले तो सरकार को लोगों के सामने उसका ऐसा विकल्प प्रस्तुत करना होगा जो उससे बेहतर हो जिसमें थोड़ा वक्त लगेगा। इसके अलावा आज देश की अर्थव्यवस्था भी कुछ कुछ धीमी गति से चल रही है। ऐसे समय में जब सरकार देश की अर्थव्यवस्था को गति पहुँचाने के विभिन्न उपाय आजमा रही हो तो वह सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाकर एक नया आर्थिक संकट नहीं खड़ा करना चाहेगी। लेकिन उसे सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए कुछ ठोस औऱ बुनियादी कदम तो उठाने ही होंगे क्योंकि आज की स्थिति में भारत में हर साल 1.4 करोड़ टन प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। इतना बड़ा उद्योग होते हुए भी इस सेक्टर में प्लास्टिक से पैदा होने वाले कूड़े के प्रबंधन की कोई संगठित प्रणाली नहीं है। लेकिन भारत अकेला ऐसा देश नहीं है जो प्लास्टिक के अप्रबंधन के कारण पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा हो । विश्व का हर देश इस समस्या से ग्रस्त है। यही कारण है कि विभिन्न देशों की सरकारें इस चुनौती का सामना करने के लिए नए नए रचनात्मक तरीके खोजने में लगी हैं। जैसे इंडोनेशिया की सरकार ने एक पॉलिसी लागू की थी, कि उपयोग की गई प्लास्टिक की बोतलें जमा करने पर मुफ्त बस यात्रा की सुविधा दी जाएगी। जबकि यूनाइटेड किंगडम ने एक पॉलिसी तैयार की है जो 2022 से लागू होगी। इसके अंतर्गत प्लास्टिक का उत्पादन करने वाले उद्योगों में रीसायकल किए पैकेज मटेरियल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्लास्टिक के उत्पादन अथवा आयात पर प्लास्टिक पैकेज टैक्स लगाया जाएगा।

plastic-and-nature
भारत के लिए भी इस विषय पर दुनिया के सामने नए विचार नए इनोवेशन नए आईडिया रखने का यह एक बेहतरीन समय है। सम्पूर्ण विश्व जो आज प्लास्टिक प्रदूषण से जूझ रहा है उसके सामने नए प्राकृतिक विकल्पों से इस समस्या के समाधान का नेतृत्व करने का सुनहरा अवसर भी है और इतिहास भी। क्योंकि इंडिया बनने से पहले जब यह देश भारत था, तो पेड़ के पत्तों के दोने, पत्तल, मिट्टी के कुल्लड़, केले के पत्ते जैसी कटलरी, कागज़ के लिफाफे औऱ कपड़े के थैले, जैसी प्राकृतिक चीज़ों का इस्तेमाल करता था जो स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिहाज से सुरक्षित थीं। और आज के वैज्ञानिक युग में भी प्लास्टिक के सैकड़ों विकल्प हैं। यदि हम निष्पक्ष रूप से देखें तो भारत दूसरे देशों से कच्चे तेल को खरीद कर स्वयं अपने पर्यावरण को प्लास्टिक कचरे में तब्दील कर रहा है लेकिन अब समय आ गया है कि वो नए विकल्पों की खोज का नेतृत्व करके समूचे विश्व को दिशा दिखाए। और अच्छी खबर यह है कि आज अगर प्लास्टिक एक समस्या है तो इस समस्या का समाधान भी है। मशरुम जो खाने में प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत माने जाते हैं वो नवीन खोजों के अनुसार प्लास्टिक का एक बेहतर विकल्प बनने के लिए तैयार हैं। पेड़ों से निकल कर जो फफूंद उगती है वैज्ञानिक उसके रेशों से एक ऐसा मटेरियल बनाने में सफल हो गए हैं जो प्लास्टिक की जगह ले सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इन्हें किसी भी कृषि उत्पाद के कचरे पर उगाया जा सकता है, ये नेचुरल पॉलीमर होते हैं जो मजबूत से मजबूत गोंद से भी ज्यादा मजबूती से चिपकाने और जोड़ने के काम आते हैं। इसके अलावा जो चट्टानें प्रकृति में बड़ी मात्रा में पाई जाती हैं वैज्ञानिक अब उनसे ऊन बनाने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल ज्वालामुखी विस्फोट से लावा निकलकर जब ठंडा हुआ तो यह चट्टानें बनीं। अब इन चट्टानों को स्लैग से मिलाकर स्टोन वूल तैयार किया जा रहा है। इसकी खास बात यह होती है कि इसमें आग नहीं लगती और खराब मौसम में भी यह ऊन खराब नहीं होती। सम्भव है आने वाले समय में यह प्लास्टिक के विकल्प के रूप में उपयोग की जाने लगे।इसी प्रकार दूध की मदद से वैज्ञानिकों ने एक पतली परत वाली प्रोटीन फिल्म तैयार की है जो अधिक तापमान में भी इस्तेमाल की जा सकती है और इसे रीसायकल करना भी आसान है। इसी क्रम में भुट्टे के डंठल, घास,नारियल, सी वीडस आदि पर भी काम करके प्लास्टिक का प्राकृतिक विकल्प खोजने के प्रयास दुनिया भर में किए जा रहे हैं। लेकिन जब तक हमारे सामने प्लास्टिक का विकल्प नहीं आता, इस पृथ्वी के एक जिम्मेदार वासी के नाते, इस सृष्टि का अंश होने के नाते, सभी जीवों में श्रेष्ठ मनुष्य के रूप में जन्म लेने के कारण अन्य जीवों के प्रति अपने दायित्वों की खातिर कुछ छोटे छोटे कदम हम भी उठा सकते हैं। जब हम बाहर जाते समय अपना मोबाइल लेना नहीं भूलते तो एक कपड़े का थैला ले जाना भी याद रख सकते हैं।




 डॉ नीलम महेंद्र
लेखिका वरिष्ठ स्तम्भकार हैं

‘मैं कुछ भी कर सकती हूँ’ ने कानपुर की सुमन सिंह को अपनी बेटियों को शिक्षित बनाने के लिए किया प्रेरित

$
0
0
  • सुमन अब अपने आस पास के गाँवों में लोगों को दे रही हैं बेटियों को महत्व देने का संदेश
tv-show-inspired-women
कानपुर देहात की रहने वाली 35 वर्षीय सुमन सिंह दो बेटियों और एक बेटे की माँ हैं। टीवी शो मैं कुछ भी कर सकती हूँ की नायिका डॉ. स्नेहा से प्रेरित होकर उन्होंने पितृसत्तात्मक मानदंडों के खिलाफ लड़ाई लड़कर अपनी बेटियों को शिक्षित बनाया। उनकी बड़ी बेटी अब रेडियो जॉकी है जबकि छोटी पुलिस अधिकारी बनने के लिए तैयारी कर रही है। सुमन ने शो के तीनों सीजन को फॉलो किया है जो महिलाओं के अधिकारों,  स्वास्थ्य और परिवार नियोजन से संबंधित है। सुमन यह इस बात का एक उदाहरण हैं कि इस शो ने देश के दूर-दराज के इलाकों में लोगों को कैसे प्रेरित किया और उनकी मदद की है।

टीवी शो मैं कुछ भी कर सकती हूँ, भारत के राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया  (PFI) द्वारा निर्मित एक अनूठा कार्यक्रम है। शो को दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो, कम्यूनिटी रेडियो स्टेशनों,  इंटर एक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया के माध्यम से तीन सीजन में प्रसारित किया गया है। यह शो मनोरंजन पूर्ण तरीके से पिछड़े सामाजिक मानदंडों कोचुनौती देता है जो लड़कियों और महिलाओं के जीवन को प्रभावित करते हैं और उनकी शिक्षा, काम, विवाह, स्वास्थ्य की देखभाल और परिवार नियोजन पर असर डालते हैं। उत्तरप्रदेश के कानपुर देहात जिले के बैरीदरियाव गाँव की रहने वाली सुमन को अपनी बेटियों की शिक्षा जारी रखने की खातिर पैसों के लिए संघर्ष करना पड़ा। हालाँकि उनके पति शुरू में बेटियों की पढ़ाई – लिखाई के पक्ष में नहीं थे लेकिन अब उनकी सफलता को देख कर वे आश्वस्त हैं। सुमन सिंह कहती हैं, ''अगर मैं मैं कुछ भी कर सकती हूँ नहीं देखती तो मैं घर से बाहर नहीं निकल पाती या अपनी बेटियों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर पाती। हमने शायद अब तक उनकी शादी कर दी होती लेकिन आज हम उनकी शादी के लिए आने वाले प्रस्तावों को खारिज कर रहे हैं। ”इस गर्वित माँ ने कहा कि उनकी बेटियों को शादी के बारे में सोचने से पहले खुद को अपने करियर में स्थापित करना होगा। “मैं कुछ भी कर सकती हूँ ने मुझे एक पहचान दी है जिसको मैं जीवन भर संजोकर रखूँगी। डॉ.स्नेहा ने हमारे लिए जो किया है उसके लिए मैं उनसे मिलकर उनको धन्यवाद देना चाहती हूँ"  सुमन ने अपनी बहन को भी गर्भनिरोधक अपनाने के लिए  प्रेरित किया। साथ ही शो के संदेश को प्रचारित करने के लिए उन्होंने अपने पड़ोसी गाँवों का दौरा किया और माता – पिता को अपनी बेटियों को शिक्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

पीएफआई की कार्यकारी निदेशक, पूनम मुत्तरेजा कहती है, “मैं कुछ भी कर सकती हूँ के पीछे का उद्देश्य देशभर के लोगों तक पहुँच बनाकर बदलाव लाने में मदद करना था। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि हमारे शो ने सुमन को अपनी बेटियों के अधिकारों के लिए लड़ने के साथ ही शो का संदेश अपने समुदाय में फैलाने के लिए प्रेरित किया। वह और बुंदेलखंड की 23 वर्षीय लद्कुँवर कुशवाहा जैसे अन्य लोग हैं जो कॉलेज जाने वाली अपने गाँव की पहली लड़की बन गई हैं। शो को देखने के बाद मध्यप्रदेश के छतरपुर में पुरुषों का एक समूह अपनी पत्नियों को सपोर्ट और उनकी देखभाल करने वाले पतियों में तब्दील हो गया। वे इसके सबूत हैं मनोरंजन लोगों के जीवन को कैसे बदल सकता है। ” हाल ही में मैं कुछ भी कर सकती हूँ के कुल 183 एपिसोड का तीसरा सीज़न खत्म हुआ। इस शो की कहानी मुंबई में काम करने वाली एक सफल डॉ.स्नेहा माथुर के इर्द-गिर्द घूमती है जो सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के मकसद से अपनी नौकरी छोड़कर अपने गांव प्रतापुर वापस चली जाती हैं। कई रिपीट टेलीकास्ट के साथ यह शो दूरदर्शन के प्रमुख कार्यक्रमों में शामिल है जिसको 13 अलग-अलग भारतीय भाषाओं में डब और प्रसारित किया गया है। साथ ही इसको ऑल इंडिया रेडियो के देशभर के 216 स्टेशनों पर भी प्रसारित किया गया है। तीसरे सीजन के लिए पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PFI)  को आरईसी फाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से सहयोग मिला है।

भाजपा ने सपा को कुछ सीटें जितायीं : मायावती

$
0
0
bjp-support-sp-mayawati
नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती ने राज्य में विधान सभा की 11 सीटों पर हुये उपचुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुल पाने का दोष भाजपा पर मढ़ते हुये गुरुवार को कहा कि भाजपा ने बसपा को एक भी सीट नहीं जीतने देने के लिये सपा को कुछ सीटों पर जिता दिया।  चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद मायावती ने इसे भाजपा का षड्यंत्र क़रार देते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ने के लिये यह षड्यंत्र रचा गया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “विधानसभा आमचुनाव से पहले बसपा के लोगों का मनोबल गिराने के षडयंत्र के तहत भाजपा द्वारा इस उपचुनाव में सपा को कुछ सीटें जिताने और बसपा को एक भी सीट नहीं जीतने देने को पार्टी के लोग अच्छी तरह से समझ रहे हैं।”  मायावती ने बसपा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे इनके इस षडयंत्र को नाकाम करने के लिए पूरे जी-जान से जरूर जुटेंगे।  उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में 11 सीट पर हुये उपचुनाव में भाजपा को सात, सपा को तीन और अपना दल को एक सीट मिली है। बसपा के क़ब्ज़े वाली जलालपुर सीट भी उपचुनाव में सपा उम्मीदवार ने जीत ली।

भाजपा-शिवसेना सरकार बनाएगी : फड़णवीस

$
0
0
bjp-shiv-sena-form-government-fadnavis
मुंबई, 24 अक्टूबर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने बृहस्पतिवार को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने पर कहा कि भाजपा ने 2014 की तुलना में कम सीटें जीती हैं लेकिन इस बार उसका ‘‘स्ट्राइक रेट’’ बेहतर है। फड़णवीस ने भाजपा नीत राजग को स्पष्ट और निर्णायक जनादेश देने को लेकर महाराष्ट्र के लोगों का आभार व्यक्त किया।  उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा और शिवसेना सत्ता की साझेदारी के बारे में अपने बीच हुए पूर्व के निर्णय के अनुसार आगे बढ़ेगी।  उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि भाजपा के कुछ नेताओं की बगावत के चलते पार्टी को विधानसभा चुनाव में नुकसान का सामना करना पड़ा लेकिन इनमें से 15 उनके संपर्क में हैं।  हालांकि, उन्होंने सतारा लोकसभा सीट पर हुए उपुचनाव में पार्टी से उम्मीदवार उदयनराजे भोसले और परली विधानसभा सीट पर पंकजा मुंडे (राज्य सरकार में मंत्री) के हारने पर हैरानगी जताई।  उन्होंने कहा, ‘‘मैं महायुति(महागठबंधन) को स्पष्ट जनादेश देने के लिये महाराष्ट्र के लोगों का आभार व्यक्त करता हूं।’’  उन्होंने कहा, ‘‘यह समय खुशी मनाने का है ना कि विश्लेषण करने का। लेकिन जब हम नतीजों को देखते हैं तो भाजपा ने 2014 में 260 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 122 पर जीत दर्ज की थी। इस बार हम 164 सीटों पर चुनाव लड़े और 105 सीटों आने की संभावना है। हमारा ‘स्ट्राइक रेट’ बेहतर है, हमनें 70 प्रतिशत सीटें जीती हैं।’’  फड़णवीस ने 2014 में कुल वोटों में भाजपा को 28 प्रतिशत प्राप्त होने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ इस बार हमें 26.5 प्रतिशत वोट मिले जबकि हम 164 सीटों पर चुनाव लड़े थे।’’ उन्होंने राकांपा प्रमुख शरद पवार पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने (पवार ने) कहा था कि विपक्षी पार्टियां चुनाव में सूपड़ा साफ कर देंगी।  उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ हम सरकार बनाने जा रहे हैं, वे (विपक्ष) इससे कोसों दूर है।’’ 

भाजपा का मत प्रतिशत 22 प्रतिशत तक गिरा

$
0
0
bjp-percent-fall-haryana
नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर , हरियाणा विधानसभा चुनाव के गुरुवार को आए परिणाम में सत्ताधारी दल भाजपा का मत प्रतिशत 22 प्रतिशत गिर गया है। गौरतलब है कि अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी दस सीटों पर जीत हासिल की थी और उसे 58 प्रतिशत मत मिला था। मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार के कई मंत्री चुनाव हार गए हैं। ‘अबकी बार 75 पार’ का नारा देने वाली भाजपा 90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के 46 के आंकड़े से दूर है। निर्वाचन आयोग के ताजा रुझान के मुताबिक भगवा पार्टी 40 सीटों पर या तो जीत रही है या आगे है। भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 47 सीटें जीती थीं। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा सूचना के अनुसार भाजपा को 36.3 प्रतिशत मत मिले हैं। इस विधानसभा चुनाव में पिछले चुनाव से अच्छा प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के आसपास ही मत प्रतिशत मिला है। कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 28.42 प्रतिशत मत मिला था जबकि इस विधानसभा चुनाव में उसे कुल मतदान का 28.2 प्रतिशत मिला है। लोकसभा चुनाव के नतीजे के अनुसार भाजपा 79 विधानसभा क्षेत्रों में आगे चल रही थी वहीं अब 38 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव के परिणामों में कांग्रेस जहाँ केवल 10 सीटों पर आगे थी, आज वह 33 सीटों पर कब्जा जमाती दिख रही है। जननायक जनता पार्टी (जजपा) लोकसभा चुनाव के नतीजे के अनुसार केवल एक सीट पर आगे दिख रही थी लेकिन अब वह पांच सीटें जीत चुकी है और पांच पर आगे चल रही है।

बिहारी स्वाभिमान को बुंलद करने वाली है कीर्ति आजाद की फिल्‍म ‘किरकेट’

$
0
0
kirti-azad-kirket-bihar-proud
'किरकेट - बिहार के अपमान से सम्‍मान तक'बिहार के स्‍वाभिमान को बुलंद करने वाली फिल्‍म है।  फिल्‍म के जरिए खेलों के प्रति जागृति लाने की कोशिश की गई है जो सराहनीय है।  अन्‍य खेलों में भी जागृति के लिए ऐसी पहल होनी चाहिए।  बिहार में क्रिकेट की जैसी स्थिति है, शायद इस फिल्‍म को देखकर लोग प्रभावित होंगे।  फिल्‍म में बिहार का इमोशन जो कहीं न कहीं दब गया था, वो देखने को मिला है।  नेता होते हुए कीर्ति आजाद ने कमाल का अभिनय किया है।  उन्‍होंने फिल्‍म में जो सेंटीमेंट पैदा की है, वह अनायास ही हमें ताली बजाने को मजबूर कर देता है।  हर बिहारी को यह फिल्‍म देखनी चाहिए।  यह फिल्‍म कल यानि 18 अक्‍टूबर से सिनेमाघरों में होगी।  ये बातें आज 1983 वर्ल्‍ड कप की विजेता टीम के सदस्‍य रहे कीर्ति आजाद की फिल्‍म 'किरकेट- बिहार के अपमान से सम्‍मान तक'के प्रेस प्रीमियर शो के बाद पत्रकारों और शो में आए अतिथियों ने कही है।  इस फिल्‍म का प्रीमियर आज राजधानी पटना के सिनेपोलिस में किया गया, जहां खुद कीर्ति आजाद ने फिल्‍म की पूरी टीम और पत्रकारों से साथ बैठ कर फिल्‍म देखी।  फिल्‍म में कीर्ति आजाद के संघर्ष तो दिखते ही हैं, साथ में दिखता है पूरा बिहार।  इसके अलावा बिहार के लोगों को आपस में बांटने वाली राजनीति, जात-पात और भेदभाव पर भी चोट करती है फिल्‍म 'किरकेट- बिहार के अपमान से सम्‍मान तक'।  यह फिल्‍म भावनात्‍मक रूप से भी दर्शकों को अपने साथ जोड़ने में सफल रही है।  म्‍यूजिक कहानी के हिसाब से फिल्‍म में सुनने को मिले हैं।   सधी हुई शुरूआत के बाद फिल्‍म की कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे फिल्‍म का एंटरटेनमेंट लेवल बढ़ता है।  फिल्‍म के डायरेक्‍टर योंगेंद्र सिंह ने एक बेहद गंभीर फिल्‍म को पूरी सहजता के साथ पर्दे पर उतार दिया है।  फिल्‍म को ड्रामेटिक अंदाज में प्रेजेंट करते हुए उन्‍होंने बिहार को फिल्‍म से बाहर नहीं निकलने दिया है, जो अमूमन बॉलीवुड की दूसरी फिल्‍मों में देखने को मिलता है।  फिल्‍म के संवाद बेहद पावरफुल हैं।  कीर्ति आजाद के साथ फिल्‍म का हर एक किरदार अपने भूमिका के साथ न्‍याय करता नजर आता है। येन मूवीज द्वारा ए स्‍क्‍वायर प्रोडक्‍शंस, धर्मराज फिल्‍म्स और जे के एम फिल्‍म्स के सहयोग से बनाई गई इस फिल्‍म के निर्माता आर के जलान, सोनू झा और विशाल तिवारी हैं।  इस फिल्‍म में मूल रूप से बिहार क्रिकेट संघ के बंटवारे और बिहार रणजी टीम की मान्‍यता रद्द करने की कहानी को दिखाया गया है।  फिल्‍म की कहानी विशाल विजय कुमार ने लिखी है।  कीर्ति आजाद के अलावा फिल्‍म में विशाल तिवारी, सोनम छाबड़ा, सोनू झा, देव सिंह, सैफल्‍ला रहमानी, अजय उपाध्‍याय, रोहित सिंह मटरू, आलोक कुमार, धामा वर्मा जैसे कलाकार मुख्‍य भूमिका में नजर आएंगे। 

मधुबनी : उच्चैठ महोत्सव का दीप प्रज्वलित कर किया गया शुभारंभ

$
0
0
Uchchaith-mahotsav-inaugrated
मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) :उच्चैठ कालिदास महोत्सव-2019 के अवसर पर दिनांक-24.10.2019  को डॉ प्रेम कुमार,माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार, श्री विनोद नारायण झा, माननीय मंत्री, पी.एच.ई.डी., बिहार, श्री श्री शीर्षत कपिल अशोक, जिला पदाधिकारी, मधुबनी, डॉ. सत्यप्रकाश, पुलिस अधीक्षक, मधुबनी एवं अन्य माननीय विधायक तथा अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया।

मधुबनी : जमीन विवाद में महिला की पेड़ से बांध कर पिटाई

$
0
0
women-thretain-madhubani
मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) बिहार,मधुबनी जमीन विवाद में रिश्तेदारों ने एक महिला की पेड़ से बांध कर बुरी तरह पिटाई कर दी. महिला के साथ गाली-गलौज भी हुआ और उसके सारे गहने भी लुट लिए गए. रिश्ते में चचेरे ससुर ने जमीन की रसीद मांगने पर महिला को अमरूद के पेड़ से बांध कर पीटा. महिला को पेड़ से करीब 3 घंटों तक बांध कर रखा गया. इतना ही नहीं, महिला के ऊपर मिट्टी का तेल डाल कर जलाने का प्रयास भी किया गया. महिला के चिल्लाने पर ग्रामीणों ने उसकी जान बचाई. सभी लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. पीड़ित महिला ने बताया कि 18 अक्टूबर को चचेरे ससुर के घर जमीन की रसीद मांगने गई थी. उसके बाद आरोपियों ने महिला के साथ मारपीट शुरू कर दी. आरोपियों ने धमकी देते हुए उससे सोने की चेन, एक मोबाइल और 2500 रुपए नकद भी छीन लिए. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है

झारखंड : विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया तेज, 5 नवबंर तक हथियार जमा करने का निर्देश

$
0
0
लाइसेंसी हथियार धारकों को 25 अक्टूबर से 5 नवंबर तक अपने हथियार जमा करने का आदेश
jharkhand-election-arms-seized
रांची (आर्यावर्त संवाददाता) .आगामी विधानसभा चुनाव की घोषणा होने से पूर्व ही रांची जिला प्रशासन पूरी तैयारी में जुट गई है। स्वच्छ, शांतिपूर्ण और भयमुक्त तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए लाइसेंसी हथियार को जमा करने को लेकर जिला दंडाधिकारी सह डीसी राय महिमापत रे ने आदेश जारी कर दिया है। सभी लाइसेंसी हथियार धारकों को 25 अक्टूबर से 5 नवंबर तक अपने हथियार जमा करने का आदेश दिया है। लाइसेंसी हथियार संबंधित थाना, ओपी या अधिकृत शस्त्र विक्रेता के दुकान में जमा करेंगे। डीसी ने सभी थाना प्रभारियों और ओपी प्रभारी को निर्देश दिया है कि अपने स्तर से लाइसेंसी हथियार धारक को सूचित कर हथियार जमा कराएं। थाना प्रभारी, ओपी प्रभारी और शस्त्र विक्रेताओं से कहा गया है कि हथियार के जमा से संबंधित प्रतिवेदन डीसी, एसएसपी और एडीएम लॉ एंड ऑर्डर को निश्चित रूप से उपलब्ध कराएं।

इस वर्ष 52 हथियारों के लाइसेंस कैंसिल
लोकसभा चुनाव के दौरान रांची में 3312 लाइसेंसधारी थे। अभी इनकी संख्या 3260 है। 52 हथियारों का लाइसेंस रद्द हो गया है। इनमें से कई हथियारों का लाइसेंस विभिन्न कारणों से रद्द किया गया है। कुछ और हथियार के लाइसेंस भी जल्द रद्द करने की तैयारी चल रही है। लोस चुनाव में 400 से अधिक लोगों ने अपने हथियार जमा नहीं किए थे। जिन्हें नोटिस भेजकर कार्रवाई की जा रही है। वहीं, इस बार डीसी ने स्पष्ट कर दिया है कि लाइसेंस जमा नहीं करने वालों के विरूद्ध शस्त्र अधिनियम-नियमावली के तहत लाइसेंस निलंबित या रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।

सुरक्षा कारणों से हथियार जमा करने में मिलेगी छूट
सुरक्षा कारणों से अगर किसी को हथियार रखने की जरूरत होगी तो उन्हें उचित कारण बताते हुए आवेदन करना होगा। इस संबंध में डीसी ने संस्था या लाइसेंसधारी से कहा कि हथियार रखने की जरूरत हों तो आवेदन कर सकते हैं। हथियार रखने की छूट डीसी की अध्यक्षता वाली कमेटी इस पर निर्णय लेगी। बताते चलें कि लोकसभा चुनाव के दौरान 320 संस्था व लाइसेंसधारी को हथियार रखने की छूट दी गई थी

मधुबनी : राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत एक दिवसीय उन्मुखीकरण-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

$
0
0
dm-madhubani-meeting
मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) जिला पदाधिकारी, मधुबनी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय पोषण मिशन के अंतर्गत प्रखंड समन्वयक एवं प्रखंड परियोजना सहायक का नियोजन पत्र एवं एक दिवसीय उन्मुखीकरण-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय डी.आर.डी.ए. सभागार, मधुबनी में किया गया।  इस अवसर पर उप-विकास आयुक्त, मधुबनी, श्री अजय कुमार सिंह, श्रीमती रेणु कुमारी, प्रभारी, जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी, मधुबनी, डाॅ0 रश्मि वर्मा, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी(आई0सी0डी0एस0), मधुबनी, श्री प्रमोद कुमार(यूनिसेफ), श्री महेन्द्र सिंह सोलंकी(केयर इंडिया) समेत सभी चयनित अभ्यर्थीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी, मधुबनी ने सभी अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सबों को राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाएं, धात्री महिलाएं तथा किशोरी बच्चियों में खान-पान, स्वास्थ्य, कुपोषण को दूर भगाने इत्यादि के बारे में अधिक-से-जागरूकता लाने आदि का कार्य किया जायेगा। जिसके लिए जिले के सभी प्रखंडों में एक प्रखंड समन्वयक एवं प्रखंड परियोजना सहायक का नियोजन किया गया है।  जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा सभी चयनित अभ्यर्थियेां को अपने कत्र्तव्यों का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी एवं जवावदेही तथा तत्परता के साथ करने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि सभी अभ्यर्थियों का चयन पूरी पारदर्शिता के साथ एवं सभी अभ्यर्थियों ने अपनी योग्यता के आधार पर चयनित हुए है। प्रखंड परियोजना सहायक के पद पर चयनित तनवीर आलम, प्रभाकर आजाद, संतोष कुमार ठाकुर, मुकेश कुमार झा, मो0 मैमून रासिद, शिशु सिन्हा, राम नंदन राय, स्वेता रंजना, आलोक कुमार चैधरी, प्रशांत गौरव, पूनम कुमारी, अभिषेक कुमार, पंकज कुमार, मास्टर प्रिंस, अराधना कुमारी, पूनम कुमारी, अश्विनी कुमार, तनु प्रिया, शिव शंकर, अर्चना कुमारी, अर्पना कुमारी को जिला पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों के द्वारा चयन पत्र दिया गया। वहीं प्रखंड परियोजना सहायक के पद पर चयनित चंदन कुमार साह, मो0 मैमुन राशिद, अजय शंकर, श्यामानंद तिवारी, ललन कुमार, नसीम अहमद, मधुलिका कुमारी, भारती कुमारी, मनु कुमार पंडित, मास्टर शरीफ, भारती कुमारी, शिव शंकर, नेहा कुमारी झा, मोनिका कुमारी, अर्चना कुमारी, रेखा यादव, ज्योति कुमारी, गुंजा कुमारी, सत्यम कुमार ठाकुर, सतीश शर्मा आदि को भी जिला पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों के द्वारा चयन पत्र दिया गया।  सभी अभ्यर्थी दीपावली के अवसर पर चयन पत्र मिलने से काफी खुश थे। कुछ अभ्यर्थी दोनों पदों पर चयनित हुए है, उनके द्वारा एक पद पर रहने से सम्बंधित आवेदन दिया जा रहा है।

मधुबनी : जयनगर में इंटरलॉकिंग कार्य हुआ समपन्न, ट्रेनों परिचालन शुरू

$
0
0
jaynagar-inter-loking-finish
मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता)  : जयनगर स्टेशन पर पैनल इंटरलॉकिंग से डिजिटल इंटरलॉकिंग का कार्य संपन्न होते ही सभी ट्रेनों का आवागमन शुरू हो गया है। जिससे स्टेशन पर रेलयात्रियों की चहलकदमी बढ़ गयी। बता दें कि रेलवे द्वारा पिछले 18 अक्टूबर से 22 तक पैनल इंटरलॉकिंग को डिजिटल इंटरलॉकिंग में तब्दील करने को लेकर जयनगर तक रेल परिचालन स्थगित किया गया था। रेलवे के इंलेक्ट्रिकल विभाग के इंजीनियरों द्वारा ससमय पैनल इंटरलॉकिंग को डिजिटल इंटरलॉकिंग के बुधवार को संपन्न  हो गया। एसएम प्रवीण कुमार ने 10 बजे बताया कि गंगासागर, इंटरसिटी ट्रेन आ चुकी है। तीर्थयात्रियों के लिए स्पेशल हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन नयी दिल्ली तक के लिए 10:45 में रवाना होगी। इंटरसिटी ट्रेन 11:15 बजे रवाना होगी। इधर ट्रेनों के परिचालन शुरू होने से रेलयात्रियों में खुशी है। वे लोग को पिछले पांच दिनों से खजौली, मधुबनी से ट्रेन पकड़ने तथा खजौली व मधुबनी स्टेशनों से टेम्पो, बस से आना व जाना पड़ रहा था।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 25 अक्टूबर

$
0
0
विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उप निर्वाचन 2019 के परिणाम घोषित
विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ से काग्रेस प्रत्याषी श्री कांतिलाल भूरिया निर्वाचित घोषित
jhabua news
झाबुआ 24 अक्टूबर 2019/विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उप निर्वाचन 2019 के लिये मतो की गणना का कार्य आज षासकीय पोलेटेक्निक काॅलेज झाबुआ मे किया गया। रिटर्निग अधिकारी विधानसभा क्षेत्र झाबुआ से प्राप्त जानकारी के अनुसार निर्वाचित घोषित उम्मीदवार श्री कांतिलाल भूरिया को 96155 मत प्राप्त हुए। उनके नजदीकी प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याषी श्री भानू भूरिया को 68351 मत प्राप्त हुए। इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याषियो मे कल्याणसिंह डामोर को 2488,मत, 108 वाला निलेष डामोर इमरजेन्सी सेवा को 1147, रामेष्वर सिंगार को 1125 एवं नोटा को 3088 मत प्राप्त हुए। विधानसभा क्षेत्र-193 झाबुआ के उप निर्वाचन के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी श्री प्रबल सिपाहा द्वारा काग्रेस प्रत्याषी श्री कांतिलाल भूरिया को 96155 मतो से निर्वाचित घोषित किया गया। निर्वाचित अभ्यर्थी को रिटर्निंग अधिकारी झाबुआ श्री अभयसिंह खराडी द्वारा प्रमाण पत्र प्रदाय किया गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री विनीत जैन,उपजिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनिल भाना,, सहित षासकीय सेवक उपस्थित थे।

कांग्रेस ने ड हा या भाजपा का तिलस्म

jhabua news
झाबुआ । उपचुनाव झाबुआ विधानसभा में कांग्रेस ने क्षेत्रीय कांग्रेस संयोजक ओ की भूमिका को सराहा जा रहा है छिंदवाड़ा की तर्ज पर बुथ मैनेजमेंट,, व यशस्वी  मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के उपचुनाव में हुए तीन दो रे उपरांत क्षेत्रीय कांग्रेस संयोजक ओ को दिए गए टिप्स से भी कार्यकर्ताओं ने जी जान से मेहनत की। वही मंत्री गणों विधायक गणों ने भी समर्थकों के साथ अपने अनुभवो को साझा किया,, वही मुख्यमंत्री महोदय द्वारा क्षेत्रीय कांग्रे संयोजक ओ से फीडबैक लेने का अंदाज भी कार्यकर्ताओं में जोश भरता गया,,,भाजपा के गढ़ जिले की अयोध्या कहे जाने वाले नगर कल्याणपुरा के मतदाताओं  ने भी कांग्रेस का भरपूर साथ देकर भाजपा के गढ़ में कील ठोकी जिला कांग्रेस कमेटी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी शहर कांग्रेस कमेटी युवा कांग्रेस भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन नगर पालिका अध्यक्ष उपाध्यक्ष पार्षद गण ने भी जिला जनपद, जनपद पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों सरपंच, पंच, तड़वियो की भी रणनीति कारगर साबित हुई ऐतिहासिक विजय पर कांग्रेस जिला कांगे्रस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने कहा कि यह जीत कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के विश्वास की जीत है समस्त कांग्रेसजनों ने एकजुटता का परिचय देते हुए भाजपा से दो-दो हाथ कर चुनावी रण में जो भूमिका का निर्वाह कर कामयाबी हासिल की वह धन्यवाद के पात्र हैं शीघ्र ही चयनित बूथ प्रभारियों को जिनके बूथ पर भाजपा को वोट सबसे कम मिले उस बुथ के प्रभारियों के सम्मान से निश्चित ही कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह की लहर संचालित होगी।  उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सरकार के ऐतिहासिक जनकल्याणकारी योजनाओं नीतियों कांग्रेस जनों की सक्रियता को देखते हुए यही समझा जाए कि अब भाजपाई तिलस्म डहता जा रहा है कांग्रेस पार्टी को संपूर्ण लोकसभा क्षेत्र में सदस्यता अभियान के माध्यम से युवाओं को जोड़कर उन्हें कांग्रेस पार्टी की रीती नीतियों से अवगत करा करभाजपा की जहरीली विचारधारा के खिलाफ अपने सतही संघर्ष की धार को और अधिक तेज कर अपना जनाधार बढ़ाने की अत्यंत आवश्यकता है इसके फलस्वरूप हम अपना मुकाम हासिल कर सकते हैं झाबुआ शहर में नगर पालिका चुनाव के पश्चात इस उपचुनाव में भी नगर की जनता ने कांग्रेस पर भरोसा जताया है।  प्रदेश के एकमात्र विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी श्री कांतिलाल भूरिया की ऐतिहासिक जीत एवं मुख्यमंत्री श्री कमलनाथजी  का राजनैतिक कौशल, प्रबंधन, कांग्रेसजनों पर पैनी नजर उनकी कार्यशैली काबिल-ए-तारीफ़, ही कही जाएगीजिले के प्रभारी मंत्री सुरेंद्र  सिंह  हनी बघेल,  मंत्री गण जयवर्धन सिंह जीतू पटवारी  बाला बच्चन पीसी शर्मा डॉक्टर विजय लक्ष्मी साधो प्रियव्रत सिंह तुलसी सिलावट कमलेश्वर पटेल हर्ष यादव ओमकार सिंह मरकाम सचिन यादव सज्जन सिंह वर्मा एवं पूर्व विधायक जेवियर मेडा विधायक सुश्री कलावती भूरिया सचिन बिरला ग्यारसी लाल रावत प्रताप ग्रेवाल मनोज चावला पाची लाल मेडा गोरधन सिंह दांगी बापू सिंह तंवर वीर सिंह भूरिया बाल सिंह मेड़ा मध्य प्रदेश मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा सांसद विवेक तं नखा मध्य प्रदेश के कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग अध्यक्ष मुजीब कुरैशी प्रदीप सादानी प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष मांडवी चैहान अन्य नेताओं द्वारा विधानसभा उपचुनाव उपरांत क्षेत्र में सघन जनसंपर्क कर पार्टी के प्रति अपनी भूमिका का निर्माण करने पर जिला कांग्रेस कमेटी ने आभार प्रकट कर धन्यवाद ज्ञापित किया।
    
जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता चुनाव संचालक रमेश डोसी शांतिलाल पडियार 
सुरेश चंद जैन पप्पू डॉ विक्रांत भूरिया हैं प्रकाश राका हेमचंद डामोर रूप सिंह डामोर नगर पालिका अध्यक्ष मनु डोडिया र आशीष भूरिया वीरेंद्र मोदी गौरव सक्सेना मनीष व्यास विजय भाबर मुकेश बैरागी शंकर सिंह भूरिया विनाई भाबर पार्षद साबिर फिटवेल रशीद कुरेशी बबलू कटारा ठाकुर आदित्य सिंह ठाकुर रविंद्र सिंह काना गुडिया  ठाकुर निर्भय सिंह कैलाश डामोर बंशी बारिया चंदू पडियार अविनाश डोडिया र राजेश भट्ट बंटू अग्निहोत्री आचार्य नामदेव जितेंद्र अग्निहोत्री हर्ष भट्ट अब्दुल शेख वसीम सैयद नीरज मकवाना वरुण मकवाना श्रीमती कल्पना भूरिया गंगा मोहनिया शीला भूरिया बसंती बारिया सायरा बानो मालू डोडियार शीला मकवाना भारु मावी विजय पांडे गोपाल शर्मा अलीमुद्दीन सैय द ऋषि डोडियार बंटी डामोर जय मुनिया मथियास  भूरिया धूमा डामोर जितेंद्र बापू सिंह विशाल राठौड़ दीपू डोडिया ने समस्त विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के प्रति भी आभार प्रकट किया है ।
Viewing all 81465 articles
Browse latest View live


<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>