एलबीएस प्रकरण में एसआईटी की जांच प्रक्रिया पर उठे सवाल, क्यों नहीं दर्ज हो रहे रूबी के बयान
- अब तक सौरभ जैन से भी नहीं हुई पूछताछ की कोशिश, रूबी के परिजनों को नहीं रहा पुलिस की जांच पर भरोसा
- कई स्वमंसेवी संगठन अब उठा रहे सीबीआई जांच की मांग
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देहरादून, 11 अप्रैल। देश की प्रतिष्ठा से जुड़े लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में घुसपैठ मामले की चल रही जांच की प्रक्रिया पर तमाम सवालात खड़े हो रहे हैं। इस मामले में सबसे संदिग्ध नजर आ रहे अकादमी के उप निदेशक सौरभ जैन से अब तक पूछताछ न होने के साथ ही मजिस्ट्रेट के सामने रूबी के बयान तक दर्ज नहीं कराए गए हैं। अब रूबी के परिजनों के साथ ही कई स्वमंसेवी संगठन भी मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं। एसआईटी की अब तक की पूरी जांच रूबी के इर्द-गिर्द ही घूम रही है। रूबी के सीधे आरोप के बाद भी इस मामले में अकादमी के उप निदेशक सौरभ जैन से एसआईटी ने कोई पूछताछ नहीं की है। इतना ही नहीं रूबी की ओर से सौरभ जैन के खिलाफ दी गई तहरीर के आधार पर कोई मुकदमा भी कायम नहीं किया गया है। एसआईटी का जांच का आलम यह है कि गिरफ्तारी के बाद रूबी को चार दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई और कुछ सामान भी बरामद किया। एसआईटी के इस रुख से परेशान रूबी ने अब अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत के सामने खुद ही अपने बयान दर्ज करने की गुहार लगाई है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि रूबी के बयान दर्ज करवाने में आखिर एसआईटी इतनी देरी कैसे कर रही है। बताया जा रहा है कि डर इस बात का है कि अगर रूबी ने मजिस्ट्रेट के सामने भी सौरभ जैन पर आरोप लगाए तो उन्हें भी जांच के दायरे में लेना एसआईटी की मजबूरी बन जाएगा। शायद इसी वजह से एसआईटी अब तक महज रूबी की ही घेराबंदी में लगी है। एसआईटी इस जांच प्रक्रिया से रूबी के परिजनों में भी असंतोष फैल रहा है। रूबी के परिजन अब खुले तौर पर एसआईटी पर आरोप लगा रहे हैं कि सौरभ जैन को बचाने के लिए रूबी को अकेले ही बलि का बकरा बनाया जा रहा है। परिजनों के साथ ही कई स्वमंसेवी संगठन भी अब इस मामले को सीबीआई के हवाले करने की मांग कर रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि राज्य सरकार का इस मामले में क्या रुख रहता है।
आज ईवीएम में बंद हो जाएगा भगवानपुर विधानसभा सीट के उप चुनाव का नतीजा, न पार्टी, न प्रत्याशी, प्रतिष्ठा तो नेताओं की दांव पर
- कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री हरीश रावत का साख का सवाल, भाजपा प्रत्याशी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री निशंक ने झोंकी ताकत
देहरादून, 11 अप्रैल। भगवानपुर विधानसभा सीट के लिए हो रहे उप चुनाव में मतदान की प्रक्रिया आज पूरी हो जाएगी। अहम बात यह है कि यह उप चुनाव बेहद दिलचस्प अंदाज में हुआ है। इस चुनाव में यूं तो भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना है। लेकिन अहम बात यह है कि चुनाव के नतीजे से सीएम हरीश रावत और पूर्व सीएम डा. रमेश पोखरियाल निशंक का सियासी कद होगा, न कि पार्टी या फिर प्रत्याशी का। काबीना मंत्री सुरेंद्र राकेश की मृत्यु से खाली हुई भगवानपुर विधानसभा सीट के लिए आज मतदान चल रहा है। इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में स्व. सुरेंद्र की पत्नी ममता राकेश और भाजपा की ओर से राजपाल सिंह प्रत्याशी हैं। 2012 के बाद से कोई भी उप चुनाव न हारने वाली कांग्रेस जीत के अपने सिलसिले को बरकरार रखना चाहती है तो भाजपा पर हार का मिथक तोड़ने का दबाव है। अहम बात यह है कि दोनों ही दलों के प्रत्याशी चुनावी दांव-पेचों से पूरी तरह से अंजान है। यह वजह है कि दोनों दलों के आला नेताओं ने ही चुनावी कमान संभाल रखी है। पिछले कुछ रोज गतिविधियों पर नजर डालें तो पूरा उप चुनाव मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक के बीच ही सिमटा दिख रहा है। निशंक की ओर से प्रचार के दौरान हरीश सरकार की घेराबंदी की जा रही है तो हरीश की ओर से निशंक कार्यकाल के कारनामों को उजागर किया जा रहा है। हालात ये हैं कि डा. निशंक ने अपने समर्थकों के साथ भगवानपुर क्षेत्र में ही पिछले एक पखवाड़े से डेरा जमा लिया था तो सीएम हरीश के कई दौरे किए और प्रचार के अंतिम दो दिन भगवानपुर क्षेत्र में ताबड़तोड़ सभाएं और प्रचार किया। जाहिर है कि हरीश के ऊपर जीत का सिलसिला बरकरार रखने का जिम्मा है तो निशंक को डोईवाला उपचुनाव में हुई हार का दाग धोना है। अब देखने वाली बात यह होगी कि जीत हरीश की होती या फिर निशंक की। क्योंकि इस उप चुनाव में न तो पार्टी फोकस में रही और न ही प्रत्याशी। ऐसे में उप चुनाव का नतीजा ही दोनों दिग्गजों का सियासी कद तय करेगा।
डाक्टर जोशी की गिरफ्तारी से स्वास्थ्य विभाग में आक्रोश, कुमाऊं में ओपीडी का बहिष्कार
- डाक्टर को विजिलेंस ने भेज दिया जेल, बरामद पैसे के बारे में होगी पूछताछ
देहरादून, 11 अप्रैल। काशीपुर सरकारी अस्पताल के सीएमएस डाक्टर बीसी जोशी की गिरफ्तारी से कुमाऊं के स्वास्थ्य विभाग में भारी आक्रोश है। पीएमएस संघ के आह्वान पर पूरे कुमाऊं में आज इस घटना के विरोध में ओपीडी का बहिष्कार किया गया। फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने भी इस घटना पर आक्रोश जताया है। इधर विजिलेंस ने डाक्टर को अदालत में पेश करके रिमांड पर लेने की कोशिश की। विगत दिवस निजी प्रेक्टिस के आरोप में गिरफ्तार किए गए डा. जोशी को लेकर कुमाऊं के स्वास्थ्य विभाग में भारी आक्रोश है। पीएमएस संघ के आह्वान पर आज कुमाऊंभर के डाक्टरों ने ओपीडी का बहिष्कार किया। संघ का कहना है कि अगर डाक्टर के खिलाफ लगाए गए झूठे आरोप वापस नहीं लिए गए तो आंदोलन और तेज कर दिया जाएगा। ओपीडी के बहिष्कार से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इधर फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने भी इस घटना पर भारी आक्रोश व्यक्त किया है। इधर, विजिलेंस ने डाक्टर जोशी को अदालत में पेश किया। विजिलेंस के इंस्पेक्टर उत्तम सिंह जिमिवाल ने बताया कि डाक्टर को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7/13 (ए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। डाक्टर के आवास से मिली नगदी और अन्य कीमती सामान के बारे में डाक्टर से पूछताछ की जाएगी। अभी तक उनके ऊपर सरकारी सेवा में रहते हुए भी निजी प्रेक्टिस करने का आरोप है।
कहीं आपसी विवाद तो जड़ में नहीं
काशीपुर से मिली जानकारी के अनुसार सीएमएस डा. बीसी जोशी और एक आर्थोपैडिक सर्जन के बीच तैनाती के लेकर विवाद चल रहा था। इस सर्जन का पहले तबादला कर दिया गया था। कोई डाक्टर न होने की वजह से ट्रामा सेंटर में एक संविदा डाक्टर की तैनाती कर दी गई थी। इस बीच सर्जन फिर से काशीपुर आ गए और ट्रामा सेंटर में तैनाती की मांग की। सीएमएस ने कहा कि वहां पहले से डाक्टर काम कर रहा है। इसके बाद सर्जन ने अस्पताल परिसर में ही धरना भी दिया था। इस बारे में सर्जन के खिलाफ एक्शन भी हुआ था। बताया जा रहा है कि डा. जोशी के खिलाफ शिकायत करने वाला व्यक्ति उस सर्जन का नजदीकी रिश्तेदार है।
दैनिक कर्मियों का समायोजन शीघ्रःअशोक, आयकर कर्मचारी महासंघ का सम्मेलन संपन्न
- 36 जिलों के प्रतिनिधियों ने की शिरकत
देहरादून, 11 अप्रैल(निस)। आयकर कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कनौजिया ने कहा कि दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के समायोजन समेत उनकी अन्य मांगों का शीघ्र ही समाधान कराया जाएगा। यहां आयकर भवन में आयोजित रीजनल सम्मेलन में कनौजिया ने कहा कि कर्मियों की समस्याओं के समाधान के लेकर उनके संघ की केंद्र सरकार से वार्ता चल रही है। जल्द ही सभी समस्याओं का समाधान करा लिया जाएगा। इस सम्मेलन में सीएम बड़ोल, अजय तिवारी, जसवंत सिंह नेगी, नरेंद्र शेखर, प्रीतम सिंह, दलवीर सिंह, राजेश कुमार समेत तमाम कर्मियों ने शिरकत की। इसके अलावा आगरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, कानपुर और देहरादून समेत 36 जिलों से आए आमंत्रित प्रतिनिधियों में सम्मेलन में हिस्सा लिया।
पनाश वैलीः अब बैंक के डायरेक्टर आए मैदान में राजस्व विभाग के अफसरों से मिलने की कवायद तेज
- एक अफसर ने मिलने से कर दिया इंकार, राजस्थान की एक बैंक ने किया है फाइनेंस
- बैंक निदेशकों के भी हिस्सेदार होने की चर्चा
देहरादून, 11 अप्रैल। पनाश वैली हाउसिंग प्रोजेक्ट पर छाए संकट के बादलों से निजात पाने के लिए अब इस प्रोजेक्ट को फाइनेंस करने वाली बैंक के निदेशक मैदान में आ गए हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग सूबे के राजस्व अफसरों से मिलने की कोशिश में हैं। एक चर्चा यह भी तेज हो रही है कि बैंक के निदेशक इस पनाष वैली प्रोजेक्ट में खुद भी हिस्सेदार हैं। पिछले काफी समय से पनाश वैली हाउसिंग प्रोजेक्ट खासी चर्चा में हैं। इसकी जमीन को राजस्व विभाग की ओर से दी गई एनओसी को जिलाधिकारी निरस्त कर चुके हैं। इसके बाद एमडीडीए ने भी इस प्रोजेक्ट का मानचित्र निलंबित कर दिया है। इससे इस प्रोजेक्ट के बंद होने के आसार है। तमाम लोग इस प्रोजेक्ट में लगाए गए पैसे के डूबने की आशंका से हलकान हैं। बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट को राजस्थान के जयपुर स्थित आदर्श सहकारी क्रेडिट बैंक लिमिडेट ने फाइनेंस किया है। चर्चा है कि इस प्रोजेक्ट के लिए लागत से तीन गुना लोन लिया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि इस पनाश वैली प्रोजेक्ट में सहकारी बैंक के निदेशक और उनकी नजदीकी रिश्तेदार भी हिस्सेदार है। अगर यह प्रोजेक्ट बंद होता है तो सहकारी बैंक का वित्तीय स्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही अगर मामले की जानकारी सेबी या रिजर्व बैंक तक पहुंची तो जांच के दायरे में बैंक के निदेशक भी आ सकते हैं। शायद यही वजह है कि बैंक के दो निदेशक अब देहरादून में डेरा जमा चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि जयपुर से आए लोगों ने सूबे के राजस्व अफसरों से मिलकर कोई रास्ता तलाशने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। यह वजह है कि ये लोग राजस्व अफसरों से मिलने की कवायद में हैं। बताया जा रहा है कि राजस्व विभाग के एक बड़े अफसर तक पहुंचने में इन लोगों को सफलता भी मिल गई। लेकिन उस अफसर ने इन लोगों से किसी भी तरह की बातचीत करने या फिर मिलने से साफ इंकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि ये लोग अब और बड़े अफसर से मिलने का माध्यम तलाश रहे हैं। यहां बता दें कि इससे पहले पनाश वैली के स्थानीय कर्ताधर्ता एक दरबारी के माध्यम से मुख्यमंत्री हरीश रावत तक पहुंच चुके थे। सीएम ने कोई मदद करने से इंकार कर दिया और एक बड़े अफसर के पास जाने की नसीहत दी थी। सूत्रों ने बताया कि उस बड़े अफसर ने पनाश वैली के कारिंदे अपने अंदाज में समझा दिया कि कुछ होने वाला नहीं है। शायद यही वजह है कि अब जयपुर के लोगों ने मामले को निपटाने की पहल की है। देखने वाली बात यह होगी कि पनाश वैली का यह मामला क्या रुख लेता है।
दिल्ली में कांग्रेस की भू- अध्यादेष के खिलाफ रैली को लेकर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी
देहरादून,11 अपै्रल,(निस)। केन्द्र सरकार के भू- अध्यादेष के खिलाफ 19 अपै्रल, 2015 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित किसान खेत मजदूर रैली को सफल बनाने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा विभिन्न जनपदों के लिए पार्टी पदाधिकारियों को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी ने विज्ञप्ति के माध्यम से उक्त जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री किशोर उपाध्याय ने रैली की सफलता के लिए उत्तराखण्ड प्रदेश की भागीदारी सुनिश्चित करने की दृष्टि से जिलेवार पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। जिसके अन्तर्गत जनपद हरिद्वार में प्रदेश उपाध्यक्ष जोत ंिसह बिष्ट, प्रदेश महामंत्री यामीन अंसारी एवं प्रदेश सचिव संजय किशोर, जनपद देहरादून में प्रदेश उपाध्यक्ष एस.पी. सिंह इन्जीनियर, प्रदेश महामंत्री जोत सिंह नेगी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आनन्द उपाध्याय एवं श्री महेश राणा, जनपद पौड़ी में प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश बाल्मीकि प्रदेश महामंत्री श्री प्रदीप बगवाडी एवं प्रदेश सचिव श्री दीप बोहरा, रूद्रप्रयाग में प्रदेश उपाध्यक्ष भुवन नौटियाल, प्रदेश महामंत्री श्री दिनेश व्यास एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कुंवर ंिसह राणा जिला टिहरी में प्रदेश उपाध्यक्ष काजी निजामुद्दीन, प्रदेश महामंत्री राजपाल बिष्ट एवं प्रदेश सचिव जयप्रकाश नौटियाल, उत्तरकाशी में प्रदेश उपाध्यक्ष शंकर चन्द रमोला, प्रदेश महामंत्री जयपाल जाटव एवं प्रदेश सचिव गोपाल चमोली, जिला चमोली में प्रदेश महामंत्री राजेश जुवांठा, प्रदेश सचिव मूर्ति सिंह नेगी एवं प्रदेश सचिव सूरज राणा, जिला अल्मोड़ा में प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती जया बिष्ट, प्रदेश महामंत्री अनुपम शर्मा, प्रदेश सचिव अरूण चैहान, जिला पिथौरागढ़ में प्रदेश उपाध्यक्ष भगीरथ भट्ट, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हरीश आर्य एवं प्रदेश महामंत्री हरीश पनेरू, जिला चम्पावत में प्रदेश उपाध्यक्ष ममता हलदर, प्रदेश महामंत्री रामसिंह कैडा एवं प्रदेश सचिव राम पाण्डे, जिला बागेश्वर में प्रदेश उपाध्यक्ष शिव कुमार मित्तल, प्रदेश महामंत्री जगत ंिसह खाती एवं प्रदेश सचिव गणेश उपाध्याय, जनपद उधमसिहनगर में प्रदेश उपाध्यक्ष महेन्द्र सिंह पाल, प्रदेश महामंत्री खजान पाण्डे, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य इकबाल भारती एवं प्रदेश सचिव राजेन्द्र खववाल तथा नैनीताल जनपद में प्रदेश उपाध्यक्ष स0 साहब ंिसह, प्रदेश महामंत्री करण महरा एवं प्रदेश सचिव महेश जोशी को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी बताया कि पूर्व विधायक एवं सलाहकार मुख्यमंत्री श्री रणजीत सिंह रावत को रैली के समन्वयक की जिम्मेदारी सौंपी गई है तथा सभी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षगण अपने-अपने जनपदों में संयोजक होंगे तथा सभी आनुषांगिक संगठनों के अध्यक्षगण तथा किसान कांग्रेस तथा श्रम प्रकोष्ठ के अध्यक्षगण अपने-अपने जनपदों में संयोजक सदस्य होंगे। श्री जोशी ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी द्वारा सभी पदाधिकारीगणों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने प्रभार वाले जनपद के वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं व जनता से समन्वय स्थापित करते हुए कार्यक्रम की सफलता को सुनिश्चित करेंगे।
आइएसबीटी में फैली अव्यवस्थाओं को देख मुख्यमंत्री हुए नाराज
- हरीष रावत ने अधिकारियों को लगायी फटकार
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देहरादूनः 11 अपै्रल,(निस)। मुख्यमंत्री ने शनिवार को आइएसबीटी में फैली अव्यवस्थाओं पर सख्त नाराजगी व्यक्त की कि पूर्व में उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का रैम्की संस्था तथा एम.डी.डी.ए. द्वारा ठीक से कार्यवाही नहीं की गई है। मुख्यमंत्री ने मौके पर उपस्थिति अधिकारियों को निर्देश दिये कि आई.एस.बी.टी. के प्रवेश द्वार व सड़क पर अनाधिकृत बसों को हटाया जाय। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाय कि मुख्य सड़क मार्ग पर किसी भी प्रकार से यातायात प्रभावित न हो। इसके बाद मुख्यमंत्री ने आई.एस.बी.टी. के पास बन रहे फ्लाई ओवर कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने सचिव लोनिवि को निर्देश दिये कि फ्लाई ओवर कार्य को तेजी से पूरा किया जाय। इसके दोनो साइड सर्विस लेन बनायी जाय, जो डामरीकृत हो। इससे धूल आदि नहीं उडे़गी और यातायात भी सुगम होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल यहां खुदी सड़क के गड्ढ़े भरकर तारकोल की एक परत तत्काल बिछा दी जाए ताकि स्थाई व्यवस्था होने तक आने जाने वालों को असुविधा ना हो। मुख्यमंत्री ने लोनिवि अधिकारियों को निर्देश दिये कि फ्लाई ओवर निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाय। यह भी ध्यान रखा जाय कि निर्माण कार्य से किसी भी व्यक्ति को कोई असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सड़क के किनारे बह रहे नाले की भी साफ-सफाई की जाय। साथ नाले को ऊपर से ढक दिया जाय। मुख्यमंत्री ने सचिव एम.डी.डी.ए. को निर्देश दिये कि टर्नर रोड़ की सड़क को 30 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाय। जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये गये कि आई.एस.बी.टी. और टर्नर रोड़ पर कुछ बिजली के खम्भे अव्यस्थित है, उन्हें ठीक किया जाय। साथ ही जल निगम, जल संस्थान, दूरसंचार, बिजली आदि विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर यह तय किया जाय कि फ्लाई ओवर और सड़क निर्माण कार्य के दौरान सभी लोग एक साथ कार्य करे, ताकि बार-बार सड़क को खोदना न पड़े। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, मुख्य सचिव एन.रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ओम प्रकाश, सचिव लोनिवि अमित नेगी, जिलाधिकारी देहरादून रविनाथ रमन सहित लोनिवि, एमडीडी.ए. आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को मिलेगा 50 हजार रूपये साल अनुदान
देहरादूनः 11 अपै्रल,(निस)। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों (पति व पत्नी) को 50 हजार रूपए की वार्षिक अुनदान राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। बीजापुर में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बताया कि बुजुर्ग स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को व्यर्थ में परेशानी ना हो इसके लिए निर्णय लिया गया है कि उन्हें प्रति वर्ष 50 हजार रूपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी ताकि उनके स्वास्थ्य की देखरेख में कोई कमी ना रहे। मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में लाभार्थियों के पंजीकरण में आशा कार्यकत्रियों द्वारा बेहतरीन काम किया गया है। इसके लिए सरकार द्वारा आशाओं को 1 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि वन टाईम दी जाएगी। सीएम ने कहा कि देहरादून में इस योजना के तहत लाभार्थियों के पंजीकरण के काम में तेजी लाए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में बेमौसम की बारिश व बर्फबारी से किसानों व बागवानों को हुए नुकसान को देखते हुए काश्तकारों की सहायता के लिए राज्य स्तर पर अनेक निर्णय लिए गए हैं। नुकसान का मुआवजे जल्द से जल्द काश्तकारों को मिल जाए, इसके लिए 25 करोड़ रूपए का कोष स्वीकृत किया गया है। इसमें से कृषि व हाॅर्टीकल्चर को एक-दो दिन में 5-5 करोड़ दे दिए जाएंगे। यदि आवश्कता हुई तो राज्य सरकार द्वारा और भी धनराशि की व्यवस्था कर दी जाएगी। मुआवजा वितरण में शिथिलता ना आए इसके लिए अपर सचिव कृषि व हाॅर्टीकल्चर को जिम्मेवारी दी गई है। काश्तकारों को हल्दी व अदरक का बीज 75 प्रतिशत केवल इस वर्ष के लिए अनुदान पर उपलब्ध करवाया जाएगा। सामान्य स्थितियों में इस पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। काश्तकारों को मिनी किट भी निशुल्क वितरित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्व में निर्णय लिया जा चुका है कि किसानों को दिए गए सहकारी ऋणों की 6 माह तक वसूली नहीं होगी और इस अवधि के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। इसी प्रकार 1 अपेै्रल से 30 सितम्बर तक 6 माह के लिए किसानों पर राजस्व बकाया, सिंचाई बकाया को भी माफ किया गया है। इस अवधि का बिजली सरचार्ज भी राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावित किसानों व फसलों का आंकलन अभी मौटे तौर पर किया गया है। सरकार की प्राथमिकता प्रभावित काश्तकारों को तुरंत राहत देना है। मुख्यमंत्री ने कहा विŸाीय वर्ष 2014-‘15 में योजनागत व्यय विगत वर्षों की तुलना में कहीं अधिक रहा है। प्लान के तहत कुल 13634 करोड़ के परिव्यय में से 10157 करोड़ रूपए का व्यय किया गया जो कि पिछले वर्षों की तुलना में उत्साहवर्धक है। आपदा के पुननिर्माण के लिए तीन वर्षीय योजना तैयार की गई थी जिस पर विपरीत परिस्थितियों में भी तेज गति से काम हो रहा है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कृषि व हाॅर्टीकल्चर विभागों के अधिकारियों के साथ प्रभावित काश्तकारों को राहत पहंुचाने के कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में कृषि मंत्री डा.हरक सिंह रावत, विधायक मदन सिंह बिष्ट, मुख्य सचिव एन रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव ओमप्रकाश, सचिव निधि पाण्डे सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।