भगवानपुर उप चुनाव: रिकॉर्ड मतदान के बाद विजय भी रिकॉर्ड मतों से, जीता कांग्रेस ने उप-चुनाव
- भाजपाई नहीं रोक सके मुख्यमंत्री हरीश का विजय रथ, रिकॉर्ड 36 हजार 909 वोटों से की कांग्रेस ने विजय हासिल, हरदा की रणनीति के आगे भाजपाई पस्त
- नतीजे ने तमाम कयासों को बता दी धता, हवा में ही उड़ गए भाजपा के तमाम दावे
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देहरादून,15 अप्रैल। डोईवाला उप चुनाव के बाद स्वयं की धारचूला सेट पर उप चुनाव और अब भगवानपुर उप चुनाव के नतीजे से साफ कर दिया है कि सूबे में हरीश रावत के विजय रथ को रोकना संभव नहीं है। मतदान के बाद भाजपा नेताओं के बड़े-बड़े दावे पूरी तरह से हवाई साबित हुए हैं। हरीश ने विरोधियों को यह जता दिया है कि उत्तराखंड की सियासत में विपक्षी हो या फिर अपने किसी की दाल गलने वाली नहीं है। होगा वही जो हरीश की मर्जी होगी। इस उप चुनाव को लेकर शुरू से माहौल बेहद गर्म रहा। पहले तो कांग्रेस में टिकट को लेकर घमासान मचा। लेकिन सियासत के मंझे खिलाड़ी हरीश रावत ने ऐसा तान-बाना बुना कि टिकट आखिरकार ममता राकेश की झोली में ही गया। बताया जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने हरीश को फ्री हैंड छोड़ दिया था। हां, यह शर्त जरूर जोड़ दी थी कि भगवानपुर सीट कांग्रेस के खाते में ही जानी चाहिए। बताया जा रहा है कि हरीश ने हाईकमान की इस शर्त को तत्काल स्वीकार कर लिया। इसके बाद हरीश ने सियासत की बिसात पर अपने मोहरे बिछाने शुरू कर दिए। कांग्रेस के बगावत करके चुनाव लड़ने पर आमादा पुराने कांग्रेसी सत्यपाल सिंह को पहले लालबत्ती का तोहफा दिया और फिर उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासचिव का ओहदा भी थमा दिया। पहले तो सत्यपाल सिंह ने ना-नुकुर की। लेकिन अंत में हुआ वही जो हरीश चाहते थे। नतीजा यह रहा कि सत्यपाल सिंह ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया। इसके बाद हरीश ने अपने काबीना मंत्रियों और खास सिपहसालारों को मैदान में उतार दिया। कांग्रेसियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अपने परिजनों का डेरा भी भगवानपुर में ही जमा दिया। इससे कांग्रेस को खासी बढ़त मिली दिखी। अचानक भाजपा भी खासी सक्रिय हो गई। भाजपाई दिग्गज हरिद्वार के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने भगवानपुर का मोर्चा संभाल लिया। निशंक की इस मुहिम से कांग्रेस को झटका सा लगता दिखा तो हरीश खुद ही मैदान में उतर गए। चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में हरीश ने भगवानपुर में ही डेरा जमा लिया और निशंक को सियासी चालों का जमकर काट किया। इसके बाद भी लग यही रहा था कि कांग्रेस को भाजपा को कड़ी टक्कर मिल रही है। आज नतीजा आया तो साफ दिखा कि भाजपा उत्तराखंड में हरीश रावत के विजय रथ को नहीं रोक पा रही है। भाजपा नेताओं के जीत के तमाम दावे महज हवाई ही साबित हुए। हरीश ने फिर से साबित कर दिया है कि उत्तराखंड में उनसे मुकाबला करना किसी के बस की बात नहीं है।
भारी मार्जिन से जीतीं ममता राकेष
भगवानपुर सीट के उप चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी ममता राकेश ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के राजपाल सिंह को 36,909 मतों के भारी अंतर सं पराजित किया। ममता को इस उप चुनाव में 59,205 वोट मिले और भाजपा के सत्यपाल को महज 22,296 मतों से ही संतोष करना पड़ा। 501 वोटरों ने किसी को भी वोट के लायक नहीं समझा और नोटा का बटन दबाया। इस जीत के बाद ममता ने कहा कि पार्टी और सरकार के सहयोग से स्व. पति सुरेंद्र राकेश के अधूरे कामों को आगे बढ़ाया जाएगा।
दिल्ली से आए नेता भी नहीं बचा सके भाजपा की लाज
लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीतने के दो माह बाद ही उत्तराखंड में तीन विस सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इस जीत के बाद कांग्रेस ने प्रचार किया कि मोदी लहर की हवा निकल गई है। इस हार को भाजपा हाईकमान ने बेहद गंभीरता से लिया। पहले तो यहां के दिग्गजों की क्लास ली गई। फिर मोदी कैबिनेट में भी किसी को नहीं लिया गया। भाजपा ने इस उप चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया था। बताया जा रहा है कि मोदी के एक नजदीकी नेता ने यहां डेरा जमा लिया था। हरिद्वार के नेताओं को समझा दिया गया था कि अगर किसी तरह की गुटबाजी नजर आई तो खैर नहीं। इसके बाद हरिद्वार जिले के सभी नेता इस उप चुनाव में जुट गए। लेकिन हरीश की रणनीति के आगे उनकी एक न चल सकी।
इस जीत से और बढ़ेगा हरीश का कद
इस उप चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सीएम हरीश का सियासी कद हाईकमान की नजरों में तो और बढ़ेगा ही, उत्तराखंड में भी उनका विरोध करने वालों के स्वर धीमे होने के आसार है। पिछले कुछ माह की कार्यकलापों पर नजर डालें तो साफ होगा कि हरीश अपने अंदाज में ही काम कर रहे है। सत्ता को अपने हिसाब से चला रहे हैं तो संगठन में भी उनकी मर्जी के बगैर कोई काम नहीं हो रहा। इसका ताजा उदाहरण कांग्रेसी नेताओं और विधायकों की चारधाम यात्रा के मामले में प्रदेश अध्यक्ष को अपने कदम वापस खींचने पड़े। अब इस जीत के बाद हरीश का कद और भी बढ़ने की बता सियासी गलियारों में की जा रही है।
चुनाव परिणाम पर निशंक बोले
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद डाॅ0 रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि भगवानपुर विधानसभा उपचुनाव में भले ही कांग्रेस पार्टी 36 हजार 909 वोटों से भाजपा से जीती हो परंतु हारने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी का सन् 2012 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले वोट बैंक दोगुने से ज्यादा बढा है। इसकी वजह यह रही कि हरिद्वार के सांसद और पूर्व रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने को इस चुनाव में पूरी तरह से झोंक दिया। और जिससे भाजपा के कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा गया। जिस कारण मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत पूरी सरकार और प्रदेश कांग्रेस को इस चुनाव में एक साथ उतरना पडा और मुख्यमंत्री को भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र के गलीकूंचों तक की खाक छाननी पडी।
सूबे मंे बड़ा कौन? मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव या पुलिस अधिकारी
- सीएम और प्रमुख सचिव के आदेश भी फेंके रद्दी मंे, पांच साल से एक पिता मांग रहा पुत्र की हत्या में न्याय
देहरादून,15 अप्रैल। एक बड़ा सवाल राजधानी देहरादून में कानून व्यवस्था को लेकर है। सवाल यह है कि आखिर प्रदेश में बड़ा कौन है। मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव या पिफर मलाइ्रदार कुर्सियांे पर बैठे पुलिस अधिकारी। कानून व्यवस्थाओं से लिहाज से देखा जाए तो पुलिस अधिकारियों से बड़ा पद कोई नहीं है क्योंकि जनपद का पुलिस महमका प्रमुख सचिव तो क्या मुख्यमंत्री के आदेशों को रद्दी की टोकरी के हवाले कर देने में भी पीछे नहीं है। ऐसा वाकई मंे दून पुलिस ने कर दिखाया है। एक दुखियारे पिता ने अपने पुत्र की हत्या के मामले में सीएम से लेकर प्रमुख सचिव तक गुहार लगाई। दोनों की तरफ से दून पुलिस के लिए लिखित तौर पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी पारित किए गए,लेकिन क्या मजाल की दून पुलिस ने सीएम और प्रमुख सचिव गृह के आदेशों की तामील की हो। तय है कम से कम देहरादून के लिहाज से तो जनपद के पुलिस अधिकारी ही प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रमुख सचिव गृह पर भारी हैं, जो इनके किसी आदेश को तवज्जो नहीं देते। मामला एक स्कूली छात्र की संदिग्ध मौत से जुड़ा हुआ है। बद्रीश काॅलोनी निवासी चंद्रमनी उनियाल का पुत्र 21 फरवरी 2011 को रोज की ही तरह एसजीआरआर रेसकोर्स अपने स्कूल के लिए निकला था। कक्षा सातवीं का 11 वर्षीय छात्र प्रवीण उनियाल स्कूल पहुंचा लेकिन स्कूल से उसे कुछ लोगों ने बाहर बुलाया और बुरी तरह से उसकी पिटाई करनी शुरू कर दी। इस दौरान प्रवीण उनियाल को गंभीर चोटें आई। हमला करने के बाद हमलावर वहां से भाग निकले। कुछ लोगों ने प्रवीण को वाहन में डाल कर उसे सीएमआई पहुंचाया। रास्ते मंे ही प्रवीन ने अपने पिता को अपने उपर हुए हमले के बारे में बताया। इधर सीएमआई पहुंचने पर चिकित्सकों ने प्रवीण को मृत घोषित कर दिया। पूरे परिवार पर प्रवीण की अकस्मात मौत वज्रपात की तरह गिर पड़ी। चिकित्सकों के अनुसार प्रवीण के पेट पर गंभीर चोटें आई थीं जिससे उसके लीवर पर प्रभाव पड़ा था और रक्तस्राव के कारण उसने दम तोड़ दिया। अब सवाल यह उठा कि प्रवीण पर हमला करने वाले लोग कौन थे और उस पर हमला क्यों किया गया। यह सवाल आज तक प्रवीण के पिता चंद्रमणी उनियाल तलाश रहे हैं और इसी सवाल का जवाब ढूंढने के लिए दून पुलिस के चक्कर काट रहे हैं। किंतु व्यवस्थाएं ही ऐसी हैं कि उन्हंे एक थाने से दूसरे थाने भगाया जा रहा है। पांच साल बाद भी एक पिता को उसके पुत्र की हत्या का कारण एवं न्याय नहीं मिल पाया है, जिसके पीछे सीध्ेा तौर पर स्थानीय पुलिस की लापरवाही ही है। ऐसा नहीं है कि चंदमणी उनियाल ने पुलिस की किसी चैखट पर दस्तक न दी हो, हर दरवाजे से वह निराश लौट कर प्रमुख सचिव गृह के पास पहुंचे। प्रमुख सचिव गृह ने उनकी व्यथा पर इंसानियत का परिचय दिया और 27 अक्टूबर 2014 को दून के एसएसपी को तत्काल इस संबंध मंें मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए, किंतु एसएसपी स्तर पर इन आदेशों को नकार दिया गया। आदेशेंा के संबंध में चंद्रमणी उनियाल 10 नवंबर 2014 को एसएसपी से मिले लेकिन कोइ्र परिणाम नहीं निकला। यहां न्याय नहीं मिला तो श्री उनियाल ने सीएम दरबार में गुहार लगाई, यहां से भी एसएसपी को 24 मार्च 2015 को एफआईआर दर्ज करने के आदेश पारित हुए लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात। यानी की यह साबित हो गया कि कम से कम जनपद देहरादून में एसएसपी प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रमुख सचिव गृह से भी कहीं बड़े हैं। प्रवीण उनियाल की हत्या के मामले में लीपापोती का प्रयास तो पहले दिन से ही शुरू हो गया था। पीडि़त परिवार को कोतवाली पुलिस एवं नेहरू काॅलोनी चक्कर कटवाती रही आज तक यह तय नहीं हो पाया है कि आखिर घटना स्थल किसके क्षेत्र का है। तकनीकी तौर पर मामला कोतवाली पुलिस को दर्ज करना चाहिए, लेकिन यहां भी पुलिस कई तकनीकी कमियां बता रही है। पुलिस का कहना है कि मृतक का पोस्टमार्टम ही नहीं कराया गया। हालांकि यह तर्क गले नहीं उतरता, एक तो एफआईआर ही दर्ज नहीं की जा रही है उस पर परिजनों के शक के आधर पर पांच साल तक पुलिस ने एक भी संदिग्ध से पूछताछ तक नहीं की है। परिस्थितियां साफ दर्शाती हैं कि पुलिस कहीं न कहीं किसी को तो बचाने का प्रयास कर रही ही रही है। सवाल फिर भी यह खड़ा होता है कि आखिर सूबे के अंदर सीएम और प्रमुख सचिव के आदेशेंा की कोई अहमियत है या नहीं।
अफसरों की कमी से जूझ रहे राज्य को केन्द्र गये अधिकारियों के वापस आने से बंधी उम्मीद
देहरादून,15 अप्रैल (निस)। राज्य में अफसरों की बेहद कमी से जूझ रही सरकार को अब कुछ राहत मिलने की उम्मीद जागी है। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद अब कुछ अफसर अपने मूल कैडर में उत्तराखंड आने को तैयार हो गए हैं। एक आईएएस अफसर ने राज्य में अपनी ज्वाइनिंग दे दी है। जल्द ही तीन और वरिष्ठ आईएएस अफसरों के उत्तराखंड आने की संभावना है। यूं तो उत्तराखंड में आईएएस अफसरों का कैडर 108 का है। लेकिन इस समय महज 76 अफसर ही राज्य के पास हैं। इनमें से ही तमाम अफसर राज्य में आने की बजाय केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। इन अफसरों का मानना है कि उत्तराखंड में काम करने का माहौल ठीक नहीं है। शायद यही वजह है कि अधिकांश अफसर प्रतिनियुक्ति का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी यहां आने को तैयर नहीं है। सरकार इस दिशा में लंबे समय से काम कर रही है। सरकार की कोशिशें अब कुछ रंग लाती दिख रही है। कुछ अफसर अपने मूल कैडर उत्तराखंड में आने को तैयार हो गए हैं। एक वरिष्ठ आईएएस अफसर आनंद बर्धन ने विगत दिवस उत्तराखंड में ज्वाइनिंग दे दी है। इन्हें जल्द ही विभाग आवंटित कर दिया जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि आईएएस अफसर शत्रुघन सिंह, मनीषा पंवार और भूपेंद्र कौर औलख भी यहां आने की तैयारी में है। हालांकि शत्रुघन सिंह के बारे में सूचना है कि वो उत्तराखंड आने के लिए अभी पूरी तरह से मन नहीं बना सके हैं। माना जा रहा है कि अगर शत्रुघन सिंह यहां आते हैं तो मौजूदा मुख्य सचिव एन रविशंकर के रिटायर होते ही उन्हें मुख्य सचिव ग्रेड में पदोन्नित मिल सकती है।
सीएस ने मोबाइल कंपनियों के अधिकारियों से बैठक की
देहरादून, आजखबर। मुख्य सचिव एन.रवि शंकर ने बुधवार को सचिवालय में मोबाइल संचार टावर के बारे में सेवा प्रदाता कम्पनियों के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होेने कहा कि टावर लगाने के लिए निर्धारित मानकों का पालन सभी मोबाइल कम्पनियां करें। यदि कहीं कोई व्यवहारिक कठिनाई है तो जिला प्रशासन के समन्वय से हल करें। मुख्य सचिव ने सचिव शहरी विकास को निर्देश दिये कि टास्क फोर्स बनाकर दो हफ्ते में समस्या का समाधान करें। यह भी देखना होगा कि संचार टावर लगाने के लिए निर्धारित मानकों का पालन हों। बैठक में प्रमुख सचिव कृषि एम.रामास्वामी, सचिव शहरी विकास डीएस गब्र्याल, कमिश्नर कुमांऊ अवनीन्द्र नयाल, सचिव आईटी दीपक कुमार, वीसी एमडीडीए आर मीनाक्षी सुन्दरम, सीजीएम बीएसएनएल एस पी शुक्ल, जीएम सूर्यकांत सहित निजी दूर संचार कम्पनियों के अधिकारी उपस्थित थे।
वन व वन्यजीवों के संरक्षण में स्थानीय लोगों की भागीदारी जरूरीः सीएम
देहरादून,15 अप्रैल (निस)। वन व वन्यजीवों के संरक्षण में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। लोगों तक यह संदेश जाना चाहिए कि वन संरक्षण की गतिविधियां स्थानीय निवासियों के हित में ही है। सचिवालय में उŸाराखण्ड राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वन सरंक्षण से जुड़े हमारे तंत्र को वनों के आसपास रह रही आबादी के प्रति भी संवेदनशील रूख अपनाना होगा। स्थानीय लोगों को साथ लेकर ही मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम किया जा सकता है। हिंसक वन्यजीवों के हमले से मृत्यु पर मुआवजे को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रूपए करने के साथ ही घायल का मुआवजा भी दोगुना कर दिया जाए। संरक्षित वन क्षेत्रों के चारों ओर इको सेंसीटीव जोन को राज्य की केबिनेट की मंजूरी के बाद ही अंतिम रूप दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगलों व जंगलों के आसपास रह रहे लोगों तक जनसुविधाएं कैसे उपलब्ध करवाई जा सकती है, इसकी कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए। वनों को प्रदेश की आर्थिकी व लोगों के जीविकोपार्जन का साधन बनाना होगा। स्थानीय युवाओं को नेचर गाईड के तौर पर प्रशिक्षित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों में बाढ़ से आए पानी से जंगलों को भी नुकसान होता है। इसलिए हिमाचल व छŸाीसगढ़ की भांति ही यहां भी नदियों को वन क्षेत्र से बाहर रखा जाना चाहिए। ताकि यहां नदियों को अपने प्राकृतिक प्रवाह में रखते हुए नदियों के किनारों की सुरक्षा व प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जा सके। स्नो लैपर्ड के साथ ही कस्तूरी मृग व मोनाल के संरक्षण के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों से बाहर अनेक गांवों का पुनर्वास किया जाना है। इसके लिए एक माह में अध्ययन कर लिया जाए कि पुनर्वास के लिए हमारे पास कितनी भूमि उपलब्ध है और इसके लिए लैंड बैंक भी बनाया जाए। जो गांव पुनर्वास के लिए तैयार हैं उनका पुनर्वास का काम प्राथमिकता से किया जाए। इनमें तैडि़या, चुकम, सुंदरखाल शामिल हैं। कीडा़ जड़ी के संबंध में कुछ विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि कीड़ाजड़ी की निकासी से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है, परंतु इसमें बाहरी तत्वों के हस्तक्षेप को प्रभावी तरीके से रोका जाए। टाईगर रिजर्व में एसटीएफ का गठन शीघ्र करने, कार्बेट टाईगर रिजर्व में कोटद्वार की ओर से प्रारम्भ किए जा रहे मार्ग पर स्थानीय सहभागिता से पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने, चीला-मोतीचूर कोरीडोर में आने वाले खाण्ड गांव का पुनर्वास जल्द करने, लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग को वन विभाग के माध्यम से बनवाने का भी निर्णय किया गया। कालागढ़ टाईगर रिजर्व के अंतर्गत वन भूमि पर स्थित सिंचाई विभाग कालोनी कालागढ़ के विस्थापन के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश की अनुपालना के संबंध में तय किया गया कि मा0सर्वोच्च न्यायालय को राज्य के सीमित विŸाीय संसाधनों की स्थिति से अवगत कराते हुए आवश्यक धनराशि केंद्र सरकार से उपलब्ध करवाने के लिए अनुरोध किया जाए। कार्बेट रिजर्व पार्क के लिए श्री बृजेंद्र सिंह को 3 वर्षों के लिए व श्री राजीव मेहता को राजाजी पार्क के लिए 1 वर्ष के लिए अवैतनिक वन्यजीव प्रतिपालक बनाए जाने का भी निर्णय लिया गया। राजाजी नेशनल पार्क में गौहरी रैंज के अंतर्गत चैरासी कुटिया क्षेत्र को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित किए जाने, कार्बेट टाईगर रिजर्व की दक्षिणी सीमा में टाईगर सफारी की स्थापना किए जाने, राजाजी पार्क के तहत 132 केवी डबल सर्किट विद्युत लाईन के टावर की ऊंचाई बढ़ाए जाने, राजाजी नेशनल पार्क की चीला रेंज में हाथी सफारी पार्क आरम्भ किए जाने की सहमति भी बोर्ड द्वारा दी गई।
बोर्ड की बैठक में श्री बृजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में मानव वन्य जीव संघर्ष रोकने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन व सातताल, नैनीताल में बटर फ्लाई गार्डन को भी मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत व संरक्षित क्षेत्रों के 10 किमी परिधि में आने वाले वन भूमि हस्तांतरण के अनेक प्रकरणों को भी मंजूरी दी गई। इनमें राजाजी नेशनल पार्क से होकर हरिद्वार-देहरादून रेलवे लाईन का विद्युतीकरण, रोशनाबाद मे हरिद्वार विकास प्राधिकरण की इन्द्रलोक आवासीय योजना भाग-2 को अनापत्ती, मंसूरी वन्य जीव विहार के अन्तगर्त नया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्वीकृति, विनोग वन्यजीव विहार के अन्र्तगत केमल बैक जोन व कम्पनी गार्डन जोन मे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लंाट, जनपद चमोली के अन्तर्गत हापला-गुडम-नौली मोटर मार्ग का विस्तार, फांटा ब्यूंग 76 मेगावाट जलविद्युत परियोजना, लातातपोवन जल विद्युत परियोजना, तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना, भ्यूंडार जल विद्युत परियोजना, खीरो गंगा लघु जल विद्युत परियोजना, सिंगोली-भटवाडी जल विद्युत परियोजना के लिए वन भूमि हंस्तांतरण को स्वीकृति दी गई। इसके अतिरिक्त गंगोत्री मे हेलीपेड स्थापना सहित अनेक सामरिक महत्व के कार्याे के लिए भी वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति दी गई। कुछ स्थनों पर उप खनिज चुगान की अनुमति राज्य वन्य जीव बोर्ड द्वारा दी गई। बैठक में वन मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधायक ललित फर्सवाण, मालचन्द, मुख्य सचिव एन.रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, एस राजू, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक डीवीएस खाती, प्रमुख सचिव वन डा. रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव ओमप्रकाश, बोर्ड के सदस्य बृजेन्द्र सिंह, पीटर स्मेटाचेक, अनूप शाह, राजीव मेहता सहित अन्य सरकारी व गैर सरकारी सदस्य उपस्थित थे।
भगवानपुर की जीत कांग्रेस सरकार के विकास कार्यों पर जनता की मुहरः किशोर
देहरादून,15 अप्रैल (निस)। भगवानपुर विधानसभा उपचुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि यह जीत भगवानपुर की जनता के फैसले की जीत है। कांग्रेस पार्टी इस विजय को बहुत ही विनम्रता पूर्वक स्वीकार करती है तथा इस जीत के लिए भगवानपुर की जनता को धन्यवाद देती है। उन्होंने कहा कि भगवानपुर की जीत उत्तराखण्ड की कांग्रेस नीत सरकार द्वारा भगवानपुर और अन्य क्षेत्रों में कराये जा रहे विकास कार्यों पर जनता की मुहर है। श्री उपाध्याय ने कहा कि इस सीट पर कांग्रेस की जीत से कांग्रेस पार्टी अपने बूते पर पूर्ण बहुमत की संख्या पर पहुंची है, इसलिए अब कांग्रेस पार्टी तथा सरकार की जिम्मेदारियां और भी बढ़ गई हैं। कांग्रेस पार्टी तथा हमारी सरकार जनता द्वारा अर्जित इस विश्वास को अपनी नीतियों तथा विकास कार्यों के माध्यम से और मजबूती प्रदान करेगी तथा भगवानपुर के साथ-साथ राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए पूर्ण जिम्मेदारी एवं समर्पित भाव से कार्य करेगी। भगवानपुर विधानसभा उपचुनाव का परिणाम घोषित होने पर कांग्रेसजनों द्वारा प्रदेश कार्यालय में मिष्ठान वितरण किया तथा आतिशाबाजी की गई। इस अवसर पर प्रदेश कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, प्रदेश सचिव विनोद चैहान, सुनीता प्रकाश, ममता गुरूंग, मेहर लता जज, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, डाॅ0 आनन्द सुमन ंिसह, महिला महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन, सदस्यता सह प्रभारी सुरेन्द्र रांगड़, टीका राम पाण्डे, धर्मसिह पंवार, सेवादल के कुंवर सिंह यादव, ललित जोशी, अमरजीत सिंह, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मंजूर अहमद बेग, अनु.जाति अध्यक्ष श्रवण राजौरिया, डोईवाला नगर अध्यक्ष राजवीर ंिसह, सुलेमान अली, नासिर, अधीर चमोली, टी.सी. भारती, विशाल मौर्य, मुन्शी राम, सोमवती, शरीफ अहमद बेग, अनुराधा तिवारी, लाखीराम बिजलवाण, आदि अनेक कांग्रेसजन उपस्थित रहे।
रूबी को किया सीजीएम अदालत में पेश
देहरादून,15 अप्रैल (निस)। प्रदेश भर में सनसनी फैलाने वाले बहुचर्चित फर्जी आई एस प्रकरण की आरोपी रूबी चैधरी को पुलिस ने बुधवार को सीजीएम अदालत में पेश किया। अदालत में 164 के तहत रूबी चैधरी के बयान दर्ज किए गए। देश के सर्वोच्च प्रशासनिक मशीनरी तैयार करने वाली एल बी एस अकादमी में फर्जी तरीके से प्रवेश व 6 माह तक रहने के मामले में गिरफ्तार रूबी चैधरी को बुधवार को पुलिस द्वारा अदालत में पेश किया गया। जहंा धारा 164 के तहत मजिस्टेªट के सामने उसके बयान कलमबद्ध किये गये। इस मौके पर रूबी को रिमान्ड पर लेकर जांच करने वाली एस आई टी टीम भी मौजूद रही। रूबी से एक पत्र भी लिखवा कर उनके राईटिंग का नमूना लिया गया। जिससे उसकी हस्तलिपि की जांच की जा सके। उल्लेखनीय है कि इस हाई प्रोफाइल मामले में रूबी चैधरी द्वारा मीडिया के सामने अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन पर नौकरी लगवाने के लिए 5 लाख की रिश्वत लेने और इस मामले में मुंह न खोलने के लिए 5 करोड़ रूपये देने की पेशकश के आरोप लगाये गये थे। रूबी चैधरी व उसके परिजन पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए अकादमी के अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही न करने के आरोप लगाते रहे है। रूबी अपने बयानों से न पलटे तथा एस आई टी द्वारा जमा किये गये सबूतों की पुष्टि के मद्दे नजर रूबी चैधरी ने यह164 के बयान अत्यन्त महत्व रखते हैंे। जिसके आधार पर ही अब अकादमी के अधिकारियों से पूछताछ की जायेगी।
सड़क दुर्घटना में घायल छात्रा की मौत
देहरादून,15 अप्रैल (निस)। बाईक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल दून में शिक्षा ग्रहण कर रही एक छात्रा की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गयी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। छात्रा के परिजनों को सूचना दे दी गयी है। मिली जानकारी के अनुसार प्रेमनगर क्षेत्र के पेट्रोलियम यूनिवर्सटी में बीटेक कर रही एक छात्रा नरेशा जतिन पटेल निवासी अहमदाबाद बीती शाम अपने एक परिचित युवक लवनीत के सगं बाइक से जा रही थी। इस दौरान बारिश होने के कारण फिसलन से उनकी बाइक सड़क पर रपट गयी। इससे छात्रा गम्भीर रूप से घायल हो गयी। आस पास के लोगों ने घायल छात्रा को सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया। जहंा उपचार के दौरान छात्रा की मौत हो गयी। मौके पर पहंुची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
यातायात सुरक्षा नियमांे का पालन कराने में पेट्रोल यूनिट की अहम भूमिकाः पुलिस कप्तान
देहरादून,15 अप्रैल (निस)। सिटी पेट्रोल यूनिट के एक साल पूरा होने के मौके पर पुलिस कप्तान पुष्पक ज्योति ने कहा कि यातायात सुरक्षा नियमों के पालन और अपराधों की रोकथाम में सिटी पेट्रोल यूनिट ने अहम् भूमिका निभाई है। यूनिट की तत्परता के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में काफी सुधार आया है। बुधवार को अपने कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता मंे पुलिस कप्तान पुष्पक ज्योति ने कहा कि सिटी पेट्रोल यूनिट के गठन को एक साल पूरा हो गया है। यूनिट की उपलब्धियंा गिनाते हुए उन्होने बताया कि इस यूनिट के कारण कई जघन्य अपराधों को होने से रोकने व अपराधियों को पकड़ने में मदद मिली है। उन्होने बताया कि सिटी पेट्रोल यूनिट का गठन 1 अप्रैल 2014 को देहरादून में किया गया था। इस युनिट के गठन का उद्देश्य देहरादून में यातायात प्रबन्धन और अपराध, कानून व्यवस्था एंव सड़क दुर्घटनाओं पर अकंुश लगाने के लिये किया गया है। उन्होने बताया कि जनपद देहरादून में इस समय इस यूनिट में 1निरीक्षक 28 उपनिरीक्षक (पुरूष) 1उपनिरीक्षक (महिला) 25 कांस्टेबल (पुरूष) व 2 महिला कांस्टेबल तैनात किये गये है। जो कि विभिन्न क्षेत्रोंमें तैनात रहते है। उन्होने बताया कि सिटी पेट्रोल यूनिट को आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है, जिसमें पिस्टल,पेपर स्पे्र, टार्च, एल्कोमीटर, दस्ताने,यूटिलिटी बेल्ट, वायलेस सेट, वीडियो कैमरा आदि शामिल है। उनका कहना था कि सिटी पेट्रोल यूनिट ने अपने गठन के एक साल के दौरान 98,123 चालान करते हुए 1 करोड़ 23 हजार पांच सौ की राजस्व राशी वसूल की है। उन्होने बताया कि इसके अलावा सिटी पेट्रोलयूनिट ने कई सराहनीय कामों में भी सहयोग किया है। उन्होने 1 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015 तक उनके द्वारा किये गये कार्यो की जानकारी देते हुए बताया कि इस यूनिट द्वारा शराब तस्करों को भी पकड़ने, बच्चे के अपरहण कर्ता को दबोचने, कई दुर्घटना ग्रस्त लोगों को 108 की मदद से उपचार कराने व नकली नोट गिरोह के सरगना को गिरफ्तार करने जैसे सराहनीय कार्य किये गये है।
विदेशी शराब की दुकानों का आवंटन, एक भी महिला के नाम नहीं खुली पर्ची, पुरूषों की पौबारह
देहरादून,15 अप्रैल (निस)। रूद्रप्रयाग के जिला अधिकारी डाॅ राघव लंगर की अध्यक्षता में कलक्टेªट सभागार में जिले की नौ विदेशी मदिरा की दुकानों रुद्र्रप्रयाग, ऊखीमठ, मयाली, खांकरा, विजयनगर, सतेराखाल, तिलवाडा, नगरासू व बसुकेदार के ठेकों के आंवटन के लिये लाॅटरी सम्पन्न हुई। जिससे वर्ष 2015-16 में 17 करोड़ 85 लाख 71 हजार 520 रूपये का राजस्व प्राप्त होगा। जिले की इन नौ विदेशी मदिरा की दुकानों के लिये कुल 1591 लोगों ने आवेदन किया, जिसमें 273 महिलाएं सम्मिलित थी। रुद्रप्रयाग विदेशी मदिरा की दुकान के लिये मात्र एक आवेदन पत्र प्राप्त हुआ। आवेदक बलबीर सिंह को रुद्रप्रयाग की विदेशी मदिरा की दुकान आवंटित की गई। लाॅटरी प्रक्रिया के माध्यम से ऊखीमठ की दुकान के लिये मोहन लाल, मयाली के लिये मोहन प्रसाद, विजयनगर के लिये कलम सिंह, सतेराखाल के लिये सच्चिदानंद, तिलवाड़ा के लिये संजय, खांकरा के लिये मातबर सिंह, नगरासू के लिये आशीष कुमार शुक्ला व बसुकेदार की दुकान के लिए भानु प्रसाद के नाम लाॅटरी खुली। जिले की नौ दुकानों के लिये कुल 1591 आवेदनकर्ताओं ने आवेदन किया था। जिसमें रुद्रप्रयाग के लिये एक, ऊखीमठ 248, मयाली 242, खांकरा 32, विजयनगर 284, सतेराखाल 45, तिलवाडा 285, नगरासू 233 व बसुकेदार की दुकान के लिये 221 लोगों ने आवेदन किया था। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक बरिन्दर जीत सिंह, अपर जिलाधिकारी राहुल कुमार गोयल, उप जिलाधिकारी सदर सीएस चैहान, जिला आबकारी अधिकारी आंेकार सिंह सहित आबकारी कर्मचारी एवं आवेदनकर्ता उपस्थित थे।
संज्ञान में आएगा तोे होगी जांचः एसएसपी
देहरादून,15 अप्रैल (निस)। प्रवीण उनियाल की संदिग्ध् मौत से संबंध्ति मामले पर एसएसपी पुष्पक ज्योति ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। उन्हांेने कहा कि हर मामले में तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाता है और किसी छात्रा की संदिग्ध् मौत पर जांच न हुई हो ऐसा संभव नहीं है। चूंकि मामला पांच साल पुराना है और यह संभव नहीं है कि इस प्रकरण में शिकायत किए जाने के बावजूद भी जांच नकी गयी हो। हालांकि एसएसपी ने कहा कि उनके पास यदि यह मामला आता है तो वह अपने स्तर पर इस मामले को देखेंगे। मृतक छात्रा के पिता चंदमणी उनियाल द्वारा मुख्यमंत्राी एवं प्रमुख सचिव गृह के आदेशों पर भी एसएसपी ने अनभिज्ञता जताई और कहा कि ऐसा कोई पत्रा उनके पास नहीं आया है। दूसरी तरपफ छात्रा के पिता का दावा है कि उन्होंने उक्त दोनों पत्रा पुलिस कार्यालय को उपलब्ध् कराए हैं।
अधिकारियों पर रहम, एसओ पर गिरी गाज, प्रवीण कोश्यारी केा एसओ चकराता का प्रभार
- घटना होने पर ही जाते हैं अधिकारी चकराता, किस गिरोह का है हाथ, पुलिस टीमें जांच में जुटीं
देहरादून,15 अप्रैल (निस)। चकराता लूट कांड में भले ही पुलिस किसी अपराधी को नहीं दबोच पाई है लेकिन पुलिस अधिकारियों ने एसओ पर जरूर गाज गिरा दी है। चकराता थाना प्रभारी मुकेश थलेड़ी को तत्काल प्रभाव से लाईन हाजिर कर दिया है। उनके स्थान पर प्रवीण कोश्यारी को थाना चकराता का प्रभारी बना कर भेजा गया है। उधर इस मामले की जांच अभी भी एसओजी के ही भरोसे पर है। एसओजी ने जांच शुरू कर दी है हालंाकि कोई खास सपफलता अब तक हाथ नहीं लग पाई है। एसओजी एवं पुलिस की दूसरी टीमें चकराता में ही डेरा जमाए हैं। बता दें कि चकराता की शांत वादियों में मंगलवार रात तीन बदमाशेंा ने सरकारी ठेकेदार एवं कांग्रेसी नेता पंकज जैन के घर पर घुस कर लूटपाट की थी। विरोध करने पर बदमाशों ने पंकज जैन सहित उनकी पत्नी एवं पुत्री को घायल कर दिया था और लाखों के जेवरात व नगदी लेकर फरार हो गए थे। घटना के बाद से ही क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त है, हालांकि अब तक पुलिस बदमाशों के बारे में सुराग नहीं जुटा पाई है। बदमाशांे की तलाश करने के लिए मंगलवार रात से ही पूरे क्षेत्र की नाकाबंदी के साथ ही बार्डर को भी सील कर दिया गया था, लेकिन इन तमाम कोशिशों के बावजूद भी तीनों बदमाशों को अब तक पकड़ा नहीं जा सका है। फिलहाल तो एसओजी यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि यह काम किसी पारंगत गिरोह का है या फिर रंजिशन इस घटना को अंजाम दिया गया है। एसओजी एवं अन्य पुलिस टीमें लगातार ऐसे लोगों का रिकार्ड खंगाल रही है जो इस प्रकार की घटनाओं से पूर्व मंे जुड़े हुए हैं। एसपी देहात मणिकांत मिश्रा ने बताया कि कुछ गिरोहों को चिन्हित किया गया है, हालांकि अभी पुख्ता तौर पर अभी किसी गिरोह की पुष्टि नहीं हो सकी है। वहीं इस घटना को गंभीरता से लेते हुए चकराता थाना प्रभारी को लाईन हाजिर कर दिया गया है। कुछ दिन पूर्व ही एसएसपी ने अपराध समीक्षा बैठक में साफ निर्देश दिए थे कि संगीन अपराधों की श्रेणी में थानेदारों केा खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यहां यह भी हैरान कर देने वाला है कि इस प्रकार की संगीन वारदातों के बाद क्षेत्राधिकारियांे पर क्यों कार्रवाई नहीं की जाती? लाईन हाजिर किए गए थाना प्रभारी मुकेश थलेड़ी के स्थान पर प्रवीण कोश्यारी को चकराता का नया थाना प्रभारी बनाया गया है। श्री कोश्यारी इससे पूर्व सहसपुर एवं नेहरू काॅलोनी में भी रह चुके हैं। उधर चकराता में हुई लोमहर्षक लूट की वारदात के बाद अधिकारियों ने दावा किया है कि जल्द ही लूट में शामिल बदमाशांे केा दबोच लिया जाएगा। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं लूटपाट के दौरान घायल हुए परिवार के सदस्यांे की हालत में अब सुधार हो रहा है।
नहीं थम रहे दहेज उत्पीड़न के मामले
देहरादून,15 अप्रैल (निस)। कोतवाली कोतवाली में दहेज उत्पीड़न के मामले में विवाहिता की ओर से पति समेत अन्य ससुरालियों के खिलापफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया गया है। ससुरालियांे के खिलापफ इस महिला ने आरोप लगाए है ंकि ससुरालियों द्वारा न केवल उसका दहेज को लेकर उत्पीड़न किया गया है बल्कि उसके मारपीट करते हुए दहेज में नगदी एवं सामान लाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। पुलिस के अनुसार मामले की जांच की जा रही है लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्रतारी नहीं हो पाई है। दहेज उत्पीड़न के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कोतवाली पुलिस को दी गयी शिकायत में श्रीमती सोनिया सूरी ने बताया कि उसका विवाह विकासनगर निवासी रजत सूरी के साथ हुआ था। आरोप है कि शादी के बाद से ही उसके ससुराली उसे दहेज के लिए परेशान करने लगे थे और दहेज में नगदी एवं अन्य सामान लाने के लिए उस पर दबाव डालने लगे थे। सोनिया ने इस बारे मेें अपने परिजनों केा बताया तो उन्होंने भी दहेज की इस मांग को पूरा करने में अपनी असमर्थता जाहिर कर दी। इंकार मिलने के बाद ससुराली उस पर अत्याचार करने लगे जिस पर श्रीमती सोनिया अपने पति का घर छोड़ कर अपने पिता के पास घर आने के लिए विवश हो गयी। महिला का आरोप है कि ससुरालियांे को समझाने गए उसके माता-पिता के साथ भी इन लोगों के द्वारा मारपीट की गयी। सोनिया की शिकायत पर पति सहित तीन लोगों के खिलापफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
सड़क दुर्घटना में बुजुर्ग की मौत
देहरादून,15 अप्रैल (निस)। डोईवाला थाना क्षेत्रा थानो रोड पर कल शाम एक बुजुर्ग की स्कूटी से गिरकर मौत हो गयी। पुलिस का कहना है कि बुजुर्ग नशे में था और अनियंत्रित होकर उनकी स्कूटी गडढे में जा गिरी जिससे उनके सिर में चोर्टें आइं। वहीं से गुजरते कुछ लोगों ने रास्ते में उन्हें मृत देख कर पुलिस को सूचना दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के कपडों की तलाशी ली जिस पर मृतक की शिनाख्त 52वर्षीय भगवान सिंह पुत्रा बलबीर सिंह निवासी रामनगर डांडा डोईवाला के तौर पर की गयी। डांडा रोड भूमिया मंदिर के पास ही भगवान सिंह की स्कूटी भी मिली है। पुलिस ने हिट एंड रन की संभावनाओं से इंकार किया है और कहा है कि भगवान सिंह खुद ही अनियंत्रित होकर गिरा। मृतक के कंध्े पर रगड़ एवं सिर पर चोटों के निशान मिले है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।